अगर आप भी फ्रेशर है और किसी अच्छी जॉब की तलाश कर रहे है तो आपके पास सबसे आसान रास्ता है इंटर्नशिप का। जी हाँ इंटर्नशिप के जरिए आप आसानी से उस कंपनी में एंट्री कर सकते है। दरअसल इंटर्नशिप प्रोफेशन की दुनिया में जाने का सबसे आसान रास्ता होता है। आप यहां पर अपनी कार्यकुशलता और प्रोफेशनल रवैय्ये नियोक्ता को प्रभावित कर जॉब पाने की संभावना बढ़ा सकते है। आज हम आपको यहां पर कुछ टिप्स देने जा रहे है जिनके जरिए आप अपनी इंटर्नशिप को फुल टाइम जॉब में बदल सकते है।
तो आइये जानते है कि आपको इंटर्नशिप के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नही-
1.ग्रुप के साथ कभी न करने जाए इंटर्नशिप-
अधिकतर कॉलेज के साथी अपने दोस्तों के साथ समूह में ही इंटर्नशिप करने पहुंच जाते है। जिसका नतीजा ये होता है कि आप इस भीड़ वाले माहौल में नियोक्ता को अपना टैलेंट और स्किल दिखा ही नही पाते है। कई बार तो समूह में गये लोग ऑफिस को अपना कॉलेज ही समझने लगते है जिस वजह से आपका इंप्रेशन खराब हो जाता है। कई बार इंटर्नशिप के दौरान युवा घूमने के लिए निकल जाते है जिससे आपको फिर गंभीरता से नही लिया जाता है। इसलिए जब भी इंटर्नशिप के लिए जाए तो अकेले ही जाए और इसे पूरी गंभीरता से लें ताकि जब कोई जगह खाली हो तो नियोक्ता उस जगह पर आपको ही देखना चाहे।
2.सीखने का मौका-
दरअसल इंटर्नशिप आपके लिए सीखने का एक बेहतरीन मौका होता है। आप यहां पर वर्क कल्चर से लेकर अनुशासन, पद की गरिमा, अगल-अलग विभागों का काम आदि सीखते है। इसलिए इंटर्नशिप के दौरान हर चीज सीखने की कोशिश किजिए।
3.पहचान बनाने का मौका-
इंटर्नशिप में आप काम तो सीखते ही है साथ ही आपके पास पहचान बढ़ाने का भी सबसे अच्छा मौका होता है। अपने प्रोजेक्ट से जुड़े हुए लोगों के अलावा हर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से पहचान बढ़ाने की कोशिश किजिए। यहां पर आप लोगों से प्रोफेशन रूप से जुड़ने की कोशिश किजिए ताकि जब उनके नेटवर्क में कोई जॉब मिले तो आप उनका रिफरेंस दे सकें।
4.अपने दायरों से निकले बाहर-
कई बार ऐसा होता है कि आप जिस मैनेजर के अंडर में इंटर्नशिप कर रहे है वह खुशमिजाज और फ्रेंडली है लेकिन अगर वो आपको कुछ सीखा नही रहे है तो इस इंटर्नशिप का कोई लाभ नही है। लेकिन अगर कोई सख्त और कड़क मिजाज मैनेजर है लेकिन वो आपको अच्छे से सीखा रहे है तो यहां पर इंटर्नशिप करना आपके लिए फायदेमंद है। इंटर्नशिप के दौरान आप अपने सीमित दायरों से बाहर निकलने की कोशिश करें और ज्यादा से ज्यादा सीखे।
5.उत्साह दिखाना भी है जरूरी-
इंटर्नशिप के दौरान सीखने के लिए आपका उत्साह होना भी जरूरी है। इस दौरान आपको जो भी काम दिया जाए उसे जल्द से जल्द पूरा करने का उत्साह दिखाए। आप अपनी और से भी कोई सुझाव दे सकते है। किसी काम को करने के लिए आप खुद ही पहल करें।
6.मैनेजर से संपर्क बनाए रखें-
आप जिस मैनेजर के अंडर भी काम कर रहे है उनका फिडबैक ही आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है इसलिए अपने मैनेजर के संपर्क में रहे और समय-समय पर फीडबैक लेते रहे। साथ ही अपने प्रोजेक्ट को लेकर उनसे बात करते रहे और उन्हें प्रोजेक्ट की प्रगति से अवगत कराते रहे।
7.प्री प्लेसमेंट इंटरव्यू-
जो इंटर्न अपनी इंटर्नशिप के दौरान अच्छा काम करते है उन्हें पीपीआई (प्री प्लेसमेंट इंटरव्यू) के लिए बुलाया जाता है। इस इंटरव्यू में जो लोग सफल हो जाते है उन्हें जॉब मिल जाता है। इसलिए इंटर्नशिप को गंभीरता से लेना जरूरी है ताकि आपको उसी कंपनी में जॉब भी मिल जाए।
8.कंपनी की जरूरत बनने का मौका-
इंटर्नशिप के दौरान आप अपने काम से लोगों को इंप्रेस करने की कोशिश करें। अपने काम से आप उस कंपनी की जरूरत बन जाएं ताकि उन लोगों को आपको जॉब ऑफर करने में कोई दिक्कत ना हो।
ये है कुछ बेहतरीन टिप्स जिनके जरिए आप अपनी इंटर्नशिप को फुल टाइम जॉब में बदल सकते है।
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