ऐसें बनाएं फिल्म मेकिंग में करियर

फिल्म मेकिंग क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का अनोखा संगम है। जिसमें किसी कहानी को किरदारों और संवादों के जरिए रूपहले पर्दे पर जीवंत किया जाता है। फिल्ड इंडस्ट्री में पहले की अपेक्षा अब ज्यादा संभावनाएं है

By Sudhir

आज भारतीय फिल्म उद्योग सौ सालों से ज्यादा समय से हमें एंटरटेन करता आ रहा है। आज फिल्म उद्योग तेजी से बढ़ती हुई इंडस्ट्री है जो लाखों लोगों को रोजगार मुहैय्या करवा रही है। अगर आप भी फिल्म मेकिंग में करियर बनाना चाहते है तो आपके लिए इस फिल्ड में कई संभावनाएं है। दरअसल इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय से कई संभावनाएं पैदा हुई है, जो युवाओं के लिए काफी लाभदायक हो सकती है। अगर आप भी चाहते है कि फिल्म मेकिंग में करियर बनाए तो इससे जुड़े कोर्स करके आप भी फिल्म मेकिंग में अपने करियर को नई ऊंचाई दे सकते है। फिल्म मेकिंग की कई अलग-अलग विधाएं है जिसमें आप अपना करियर बना सकते है।

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फिल्म मेकिंग क्या है-
फिल्म मेकिंग क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का अनोखा संगम है। जिसमें किसी कहानी को किरदारों और संवादों के जरिए रूपहले पर्दे पर जीवंत किया जाता है। दरअसल फिल्म मेकिंग कला के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र है, जिसमें कैमरे की मदद से किसी कहानी को दृश्यों में बदला जाता है। किसी फिल्म को बनाने में कई लोगों की मदद ली जाती है। जिन लोगों को फिल्म मेकिंग में करियर बनाना है वे लोग इसके अलग-अलग विभाग में अपनी रूचि के अनुसार काम कर सकते है। फिल्म मेकिंग के इन क्षेत्रों में है करियर की भरपूर संभावनाएं-

1.स्क्रीनप्ले राइटिंग-

1.स्क्रीनप्ले राइटिंग-

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किसी कहानी को फिल्मांकन के लिए स्क्रीनप्ले (पटकथा) की जरूरत होती है। स्क्रीनप्ले के आधार पर ही उस फिल्म को शूट किया जाता है। एक कहानी के स्क्रीनप्ले को लिखने में लेखक और डायरेक्टर दोनों की सलाह होती है। इसके बाद इसमें एक डायलॉग राइटर भी जुड़ता है जो उस कहानी के अनुसार कैरेक्टर के डायलॉग लिखता है। स्क्रीनप्ले लिखते समय राइटर को समय, लोकेशंस और सिचुएशन के बारे में भी लिखना होता है।

2.डायरेक्शन-
 

2.डायरेक्शन-

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फिल्म मेकिंग में एक डायरेक्टर का काम सबसे कठिन होता है क्योंकि उसे सभी विभागों से सामंजस्य बिठाकर चलना होता है। एक डायरेक्टर को स्क्रीनप्ले, संवादों की प्रस्तुति और कैमरे के संयोजन का काम करना होता है। हालांकि बॉलीवुड में स्क्रीनप्ले, स्टोरी, डायलॉग राइटिंग और निर्देशन एक ही व्यक्ति के द्वारा करने का चलन रहा है। अगर आप एक डायरेक्टर के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में काम करना चाहते है तो आप इससे जुड़ा कोई कोर्स कर सकते है।

3.सिनेमेटोग्राफी-

3.सिनेमेटोग्राफी-

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फिल्म को शूट करने का काम होता है सिनेमेटोग्राफर का। एक प्रोफेशन सनिमेटोग्राफर को कैमरे का नॉलेज होने के साथ-साथ उसे लाईट्स और शॉट्स की पूरी जानकारी होना जरूरी है। वैसे सिनेमेटोग्राफी में अधिकतर तीन शॉट चलते है जिसमें क्लोज अप, मिड और लॉन्ग इसके अलावा दो मूवमेंट भी होते है पैन और टिल्ट।

4.म्यूजिक-

4.म्यूजिक-

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फिल्म में म्यूजिक और बेकग्राउंड म्यूजिक देने का काम म्यूजिक डायरेक्टर का होता है। म्यूजिक बनाने में कई लोगों का योगदान होता है जैसे साउंड इंजीनियर, गीतकार, गायक, म्यूजिशियन और साउंड एडिटर आदि। इस फिल्ड में भी कई टैलेंटेड पेशेवरों की मांग रहती है।

5.कोरियोग्राफी-

5.कोरियोग्राफी-

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बॉलीवुड फिल्मों में गीत-संगीत के साथ नृत्य का भी चलन है तो यहां पर प्रोफेशनल कोरियोग्राफर के लिए भी बहुत संभावनाएं है। अगर आप एक कोरियोग्राफर के तौर पर बॉलीवुड फिल्मों से जुड़ते है तो आपके लिए यहां भी कई संभावनाएं है। आप कोरियोग्राफर से करियर शुरू करके फिल्म डायरेक्टर तक बन सकते है।

6.एडिटिंग-

6.एडिटिंग-

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पूरी फिल्म शूट हो जाने के बाद काम शुरू होता है एडिटर का। एडिटर सभी अलग-अलग शूट हुए सीन को जोड़ता है और उसे एक कहानी की शक्ल देता है। ये काम डायरेक्टर की देखरेख में ही होता है। आप एक एडिटर के तौर पर भी किसी फिल्म से जुड़कर अच्छा पैसा कमा सकते है।

फिल्म मेकिंग की फिल्ड से जुड़े प्रमुख कोर्स-
-पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन सिनेमा
-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डायरेक्शन
-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमेटोग्राफी
-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन साउंड रिकार्डिंग एंड साउंड डिजाइन
-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एडिटिंग
-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन आर्ट डायरेक्शन एंड प्रोडक्शन डिजाइन
-सर्टिफिकेट कोर्स इन स्क्रीनप्ले राइटिंग
-डिप्लोमा इन वीडियो प्रोडक्शन

प्रमुख संस्थान-
-फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे
-सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता
-व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल, मुंबई
-सेंटर फॉर रिसर्च इन आर्ट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, दिल्ली
-एल वी प्रसाद फिल्म एंड टीवी एकेडमी, चेन्नई
-नेशनल फिल्म एंड फाइन आर्ट्स, कोलकाता
-डिजिटल एकेडमी-द फिल्म स्कूल, मुंबई
-एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा
-जी इंस्टिट्यूट ऑफ मीडिया आर्ट्स, मुंबई
-मेट्रीकस फिल्म एकेडमी, दिल्ली
-अन्नपूर्णा इंटरनेशनल स्कूल ऑफ फिल्म एंड मीडिया, हैदराबाद

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English summary
Film Making is a unique combination of creativity and technology. In which a story is made alive through the characters and dialogues, on the screen. Actually film making is an area under art, with the help of the camera, a story is converted into scenes. Many people get help in making a movie. People who have to make a career in film making, they can work according to their interests in different departments.
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