भारत एक ऐसा देश है जहां विश्व में सबसे ज्यादा पशु-पक्षी पाए जाते है। इन पशु-पक्षिओं में पालतु और जंगली दोनों प्रकार के होते है। इतनी भारी संख्या में पशु होने के बावजूद हमारे देश में पशु चिकित्सक यानि वेटरनरी डॉक्टर की काफी कमी है। समय के साथ मौसम और जलवायु में आए बदलाव के कारण पशु-पक्षी भी जानलेवा बिमारी का शिकार होते है, लेकिन उनके इलाज के लिए वेटरनरी डॉक्टर ढूंढे से भी नही मिलते है। अगर आप भी पशु-पक्षियों से प्यार करते है और इन बेजुवानों के दर्द को दूर करना चाहते है तो आपके लिए वेटरनरी डॉक्टर का प्रोफेशन बेहतरीन साबित हो सकता है।
दरअसल जब से इंसानों का अस्तित्व रहा है तब से ही उसने जानवरों का पालने का शौक रखा है, इसलिए इस फिल्ड में बाकियों की अपेक्षा कई संभावनाएं है। अगर आप पशु चिकित्सक रूप में अपना करियर बनाना चाहते है सिर्फ दो साल का डिप्लोमा करके, आप अपना ये सपना पूरा कर सकते है। पशु चिकित्सा विज्ञान भी मानव चिकित्सा विज्ञान जैसा ही है लेकिन पशु-पक्षी अपनी बिमारी के बारे में किसी को बता नही सकते है इसलिए यह चिकित्सा थोड़ी जटिल हो जाती है। लेकिन इसका कोर्स करने से आप इस फिल्ड में एक्सपर्ट हो जाते है।
क्या करना होता है एक वेटरनरी डॉक्टर को-
एक वेटरनरी डॉक्टर को पशु-पक्षियों की बिमारी का पता लगाकर उनका इलाज करना होता है। इसके अलावा जानवरों का टीकाकरण, सर्जरी और ऑपरेशन जैसे काम भी एक वेटरनरी डॉक्टर को करने होते है। वहीं पेट्स और फार्म में रहने वाले पशुओं की देखभाल जैसे काम करना और समय-समय पर उनके टेस्ट लेना जैसे काम भी एक वेटरनरी डॉक्टर को करने होते है।
योग्यता-
अगर आप भी एक वेटरनरी डॉक्टर बनकर अपना भविष्य संवारना चाहते है तो आप इसमें डिग्री और डिप्लोमा कोर्स कर सकते है। इस फिल्ड में कोई भी कोर्स करने के लिए योग्यता के रूप में अभ्यर्थी का 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों से न्यनतम 50 प्रतिशत अंको से पास होना जरूरी है।
प्रमुख कोर्स-
इस फिल्ड में कई तरह के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध है। आप इनमें से कोई कोर्स कर सकते है-
-बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हस्बैंड्री (5 वर्षीय डिग्री)
-डिप्लोमा इन वेटरनरी फार्मेसी (2 वर्षीय डिप्लोमा)
-मास्टर ऑफ वेटरनरी साइंस (2 वर्षीय डिग्री)
-पीएचडी इन वेटरनरी साइंस ( 2 वर्षीय डिग्री)
ऐसे मिलेगा एडमिशन-
वेटरनरी साइंस में बैचलर डिग्री कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। इस प्रवेश परीक्षा को वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआई) हर साल मई और जून के महीने में आयोजित करता है। इस प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी को 15 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन दिया जाता है। इसके अलावा बाकी की सीटें उस राज्य के अभ्यर्थियों द्वारा भरी जाती है जिस राज्य में वो इंस्टीट्यूट है।
प्रमुख संस्थान-
-इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बरेली यूपी
-नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल
-कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल सांइस, बिकानेर
-मद्रास वेटरनरी कॉलेज, चेन्नई
-खालसा कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज, पंजाब
-इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूटस कोलकाता
-आनंद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, आनंद, गुजरात
यहां मिलेगी जॉब-
कई सरकारी और गैर सरकारी पशु चिकित्सा हॉस्पिटल में आपको एक डॉक्टर के रूप में काम मिल सकता है इसके अलावा एनिमल रिसर्च सेंटर, डेरी फार्म, शिक्षण संस्थान, फार्मास्यूटिकल कंपनी आदि में आपको आसानी से नौकरी मिल सकती है। आप चाहे तो खुद का पशु क्लिनिक खोलकर भी अपना अच्छा करियर बना सकते है। वहीं रिसर्च में जाकर आप कई देशों में फेलोशिप भी कर सकते है।
सैलरी-
एक वेटरनरी डॉक्टर की सैलरी उसके पद और अनुभव के आधार पर तय की जाती है। कई सरकारी वेटरनरी केंद्रों में आपको जूनियर वेटरनरी सर्जन के तौर पर नौकरी मिल सकती है। यहां पर आपको शुरूआती तौर पर 10 से 15 हजार रूपये प्रतिमाह मिलते है। कुछ सालों के अनुभव के बाद आपको अच्छी सैलरी मिल सकती है।