रेशम यानि सिल्क उत्पादन आज युवाओं के लिए एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है। रेशम की लगातार बढ़ती मांग के चलते इस क्षेत्र में पेशेवरों की खासी डिमांड है। रेशम उत्पादन को सेरीकल्चर कहा जाता है जिसमें रेशम के कीट को वैज्ञानिक तरीके से पाला जाता है जिससे ये रेशम के तंतुओं का निर्माण करते है।
फैशन इंडस्ट्री के लगातार बढ़ने से रेशम की मांग काफी बढ़ गई है इसलिए कहा जा रहा है कि न सिर्फ मौजूदा समय में बल्कि आने वाले दिनों में भी यह कारोबार खूब फलने-फूलने वाला है। आपको बता दें कि देश में इसकी लगातार बढ़ती मांग की वजह से कपड़ा मंत्रालय रेशम को विदेशों से खरीदने की योजना बना रहे है। वैसे सिल्क उत्पादन के क्षेत्र में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है फिर भी हम अपने देश में सिल्क की मांग को पूरा नही कर पा रहे है। सिल्क की लगातार बढ़ती डिमांड ही इस क्षेत्र में पेशेवरों के लिए रोजगार के कई द्वार खोलती है। अगर आप भी सेरीकल्चर में अपना करियर बनाना चाहते है तो आपके लिए इस क्षेत्र में कई संभावनाएं है।
सेरीकल्चर से सम्बंधित कोर्स-
-बीएससी (सेरीकल्चर)
-सर्टिफिकेट कोर्स इन सेरीकल्चर
-बीएससी इन सिल्क टेक्नोलॉजी
-एमएससी सेरीकल्चर
-पीजी डिप्लोमा इन सेरीकल्चर (नॉन- मल्बेरी)
-पीजी डिप्लोमा इन सेरीकल्चर (मल्बेरी)
-डिप्लोमा इन सेरीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट
कोर्स करने के लिए योग्यता-
सेरीकल्चर में सर्टिफिकेट कोर्स के अलावा डिप्लोमा और डिग्री कोर्स करवाएं जाते है। इन कोर्सों को करने के लिए योग्यताएं इस प्रकार है-
सर्टिफिकेट कोर्स- सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए आपका 10वीं पास होना जरूरी है। इसमें एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स के अलावा दो वर्षीय इंटर वोकेशनल कोर्स उपलब्ध है।
बैचलर कोर्स- सेरीकल्चर में बीएससी करने के लिए आपका 12वीं विज्ञान विषय (बायोलॉजी) से पास होना जरूरी है।
मास्टर्स कोर्स- सेरीकल्चर में एमएससी करने के लिए आपके पास एग्रीकल्चर, सेरीकल्चर या एग्रीकल्चर से संबंधित विषयों में बीएससी की डिग्री होना जरूरी है। एमएससी करने के लिए ऑल इंडिया लेवल का एंट्रेस एग्जाम भी देना पड़ता है।
यहां से कर सकते है कोर्स-
-सेंट्रल सेरीकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मैसूर
-सेंट्रल सेरीकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, बेरहामपुर
-सैम हिग्नीबॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज
-ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
-शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, जम्मू
-इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
-केंद्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान एंड प्रशिक्षण संस्थान, पमपोर, जम्मू एंड कश्मीर
एक सेरीकल्चर पेशेवर का कार्य-
एक सेरीकल्चर पेशेवर का मुख्य काम रेशम के कीटों की देखभाल करना होता है साथ ही ये भी देखना होता है कि उनकी वृद्धि ठीक से हो रही है या नही। इसके अलावा रेशम के ज्यादा से ज्यादा उत्पादन के लिए योजना तैयार करना, लागत राशि का प्रबंधन और रेशम के सप्लाई के साथ ही इसके उद्योगों में उपयोग सुनिश्चित करना होता है।
यहां मिलेगा काम-
एक सेरीकल्चर प्रोफेशनल को मास्टर या बैचलर डिग्री करने के बाद केन्द्र और राज्य सरकार के उद्योग विभाग में सेरीकल्चर विभाग में नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा सेरीकल्चर इंस्पेक्टर, रिसर्च ऑफिसर, असिस्टेंट डायरेक्टर (सेरीकल्चर) और प्रोजेक्ट मैनेजर (सेरीकल्चर) आदि के पदों पर सरकारी नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा सरकारी शोध संस्थाओं में रिसर्चर के रूप में और निजी क्षेत्र की टेक्सटाइल कंपनियों में भी आसानी से काम मिल सकता है। इसके साथ ही आप शिक्षण कार्य में जा सकते है, कई गैर-सरकारी संगठन भी सेरीकल्चर प्रोफेशनल को नौकरी देते है। अगर आपकी स्वरोजगार में रूचि है तो आप खुद का रेशम उत्पादन का यूनिट लगाकर अच्छा पैसा कमा सकते है।
सैलरी-
सेरीकल्चर में पैसों की कमी नही है निजी क्षेत्र की कंपनियां शुरूआती तौर पर आपको 18 से 20 हजार रूपये आसानी से दे सकती है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र की कंपनियां 30 हजार रूपये से ज्याद प्रतिमाह देती है।