पब्लिक हेल्थ में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Public Health)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन पब्लिक हेल्थ 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। बता दें कि इस कोर्स को फुल-टाइम और पार्ट-टाइम दोनों मोड से किया जा सकता है। पब्लिक हेल्थ हानियों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण और सिद्धांत-आधारित समस्या-समाधान कौशल को प्रोत्साहित करता है, और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवर मूल्यों और नैतिकता के विकास को बढ़ावा देता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी पब्लिक हेल्थ से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर पब्लिक हेल्थ में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में पब्लिक हेल्थ में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

पब्लिक हेल्थ में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन पब्लिक हेल्थ
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 15,000 से 1,50,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 10 लाख तक

पीएचडी पब्लिक हेल्थ: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास पब्लिक हेल्थ में मास्टर डिग्री या संबंधित क्षेत्र में एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी पब्लिक हेल्थ में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट और गेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी पब्लिक हेल्थ: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी पब्लिक हेल्थ कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी पब्लिक हेल्थ के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी पब्लिक हेल्थ में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन पब्लिक हेल्थ के लिए एडमिशन प्रोसेस बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अनुसंधान प्रवेश परीक्षा (बीएचयू-आरईटी), दिल्ली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट

एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर पब्लिक हेल्थ का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी पब्लिक हेल्थ: सिलेबस
सेमेस्टर 1

  • फंडामेंटल्स ऑफ पब्लिक हेल्थ
  • ह्यूमन एनवायरमेंट साइंस एंड पब्लिक हेल्थ केमेस्ट्री
  • मेडिकल एंड हेल्थ डाटा
  • स्टडी मैथ्ड्स इन पब्लिक हेल्थ
  • हेल्थ साइकोलॉजी, कॉमयूनिक एंड कांउसलिंग

सेमेस्टर 2

  • बेसिक ऑफ एपिडेमियोलॉजी
  • द डेमोग्राफी एंड पीपल्स साइंस
  • प्रोजेक्ट प्लेन एंड सुपरवाइजर
  • ट्रांसमिसेबल एंड कॉन्टेजियस डिजीज
  • नॉन कॉन्टेजियस डिजीज

सेमेस्टर 3

  • अतिसंवेदनशील आबादी का स्वास्थ्य
  • पर्यावरणीय स्वास्थ्य और सतत विस्तार
  • व्यावसायिक, औद्योगिक और नगरपालिका स्वास्थ्य
  • स्वास्थ्य रणनीति, योजना और वित्त
  • इंटर्नशिप

सेमेस्टर 4

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण
  • स्वास्थ्य प्रणालियों का विस्तार और पर्यवेक्षण
  • अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम
  • रिसर्च प्रोजेक्ट बेस्ड ऑन द कोर्स

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी पब्लिक हेल्थ: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • माहे, मणिपाल- फीस 59,000
  • हैदराबाद विश्वविद्यालय- फीस 11,210
  • जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 1,52,000
  • केआईआईटी, भुवनेश्वर- फीस 2,25,000
  • टिस, मुंबई- फीस 60,200
  • एसआरएम आईएसटी, कांचीपुरम- फीस 16,000
  • एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा- फीस 1,00,000
  • केएलई विश्वविद्यालय, बेलगाम- फीस 78,000
  • सीयूके, कासरगोड- फीस 34,660

पीएचडी पब्लिक हेल्थ: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • पब्लिक हेल्थ प्लेनिंग एंड एजुकेशन ऑफिसर- सैलरी 3 लाख
  • पब्लिक हेल्थ कंस्लटेंट- सैलरी 5 लाख
  • पब्लिक हेल्थ पॉलिसी एडवाइजर- सैलरी 6 लाख
  • पब्लिक हेल्थ रिसर्च एपिडिमिलॉजिस्ट- सैलरी 8 लाख
  • पब्लिक हेल्थ इकोनॉमिस्ट- सैलरी 4 लाख
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English summary
Doctor of Philosophy in Public Health is a doctoral level course of 3 to 5 years duration. Please note that this course can be done in both full-time and part-time mode. Promotes critical and theory-based problem-solving skills to address public health harms, and fosters the development of public health professional values and ethics.
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