लीगल स्टडीज में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD in Legal Studies)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन लीगल स्टडीज 3 से 5 साल तक की अवधि का फुल टाइम डाक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी लीगल स्टडीज कोर्स उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो कि कानून यानि कि लॉ से संबंधित विषयों में रूचि रखते हो और इसी क्षेत्र में हायर स्टडीज कर अपना करियर बनाना चाहते हो।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन लीगल स्टडीज से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर लीगल स्टडीज में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में लीगल स्टडीज में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

लीगल स्टडीज में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन लीगल स्टडीज
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम + इंटरव्यू
• कोर्स फीस- 20,000 से 2,50,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2.5 लाख से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- अर्बन प्लानर, अर्बन डिज़ाइनर, सिटी प्लानर, प्लानिंग मैनेजर, आर्किटेक्ट्स, सर्वे रिसर्चर, ट्रांसपोर्ट प्लानर आदि।
• जॉब फील्ड- सरकारी और निजी संगठन, कानूनी विभाग, अनुसंधान और विकास विभाग, व्यवसाय, वकील आदि।

पीएचडी इन लीगल स्टडीज: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास लॉ से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन लीगल स्टडीज में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन लीगल स्टडीज: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी लीगल स्टडीज कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन लीगल स्टडीज के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी लीगल स्टडीज में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन लीगल स्टडीज के लिए एडमिशन प्रोसेस ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट, जेएमआई लॉ एंट्रेंस एग्जाम, कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट, नेट - नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट, डी - डॉक्टरेट एंट्रेंस टेस्ट, पीईटी - पीएचडी प्रवेश परीक्षा आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर लीगल स्टडीज का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन लीगल स्टडीज: सिलेबस

  • ह्यूमन राइट लॉ
  • इंटरनेशनल बिजनेस
  • पब्लिक लॉ
  • फांउडेशन ऑफ बिजनेस लॉ
  • सिविल राइट्स लॉ
  • रिसर्च मैथेडलॉजी
  • ग्लोबल बिजनेस एनवायरमेंट
  • ज्यूडिशल प्रोसेस
  • लॉ एंड कोर्ट
  • लॉ एंड सोसाइटी इन हिस्टोरिकल पर्सपेक्टिव
  • एंटीट्रस्ट पॉलिसी
  • इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन
  • प्रोजेक्ट वर्क

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन लीगल स्टडीज: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • नलसर हैदराबाद- फीस 2,10,000
  • आईआईटी खड़गपुर- फीस 80,000
  • एनएलयू जोधपुर- फीस 1,10,000
  • एनयूजेएस कोलकाता- फीस 65,000
  • जीएनएलयू गांधीनगर- फीस 1,40,000
  • एसएलएस पुणे- फीस 2,40,000

पीएचडी इन लीगल स्टडीज: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • वकील- सैलरी 4 से 5 लाख तक
  • रिसर्चर- सैलरी 8 से 10 लाख तक
  • प्रोफेसर- सैलरी 8 से 9 लाख तक
  • फॉरेंसिक एजेंट- सैलरी 9 से 10 लाख तक
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English summary
Doctor of Philosophy in Legal Studies is a full time doctoral level course of 3 to 5 years duration. The PhD Legal Studies course has been designed for those students who are interested in law i.e. law related subjects and want to make their career by pursuing higher studies in this field.
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