ह्यूमन डेवलपमेंट में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Human Development)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ह्यूमन डेवलपमेंट एक शोध आधारित 3 से 5 साल तक की अवधि का डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। इस कोर्स में एक बहु-विषयक दृष्टिकोण से मनुष्य के समग्र विकास पर चर्चा की गई है। इसका अर्थ है मानव विकास, पर्यावरण और अन्य मनुष्यों के साथ उनके संबंध सीखना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ह्यूमन डेवलपमेंट में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ह्यूमन डेवलपमेंट में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

ह्यूमन डेवलपमेंट में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ह्यूमन डेवलपमेंट
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 13,000 से 50,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 6 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- अनुसंधान अधिकारी, महाप्रबंधक, मानव संसाधन कार्यकारी, क्षेत्र विकास अधिकारी, एसक्यूएल सर्वर डेवलपर, आदि।
• जॉब फिल्ड- बाल विकास, जनगणना सर्वेक्षण कार्यालय, भारत के मानव विकास कार्यालय कार्यालय, कल्याण और शिक्षा, आदि।

पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास ह्यूमन डेवलपमेंट से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस सीएसआईआर यूजीसी नेट, पीईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर ह्यूमन डेवलपमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट: सिलेबस

  • चाइल्ड एंड फैम्ली वेलफेयर
  • एजुकेशन एंड एर्ली चाइल्डहुड केयर
  • फेमली स्टडी
  • ह्यूमन डेवलेपमेंट
  • स्टैटेटिक्स एंड रिसर्च मेथेड
  • प्रोजेक्ट
  • सेमिनार
  • डिसर्टेशन

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • गृह अर्थशास्त्र संस्थान, नई दिल्ली- फीस 15,000
  • अविनाशीलिंगम इंस्टिट्यूट फॉर होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वूमेन, कोयंबटूर- फीस 20,000
  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 27,000
  • श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला विश्वविद्यालय, मुंबई- फीस 40,000
  • निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 38,000
  • शासकीय कमला राजा गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट ऑटोनॉमस कॉलेज, ग्वालियर- फीस 15,000
  • मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर- फीस 20,000
  • कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 38,000
  • माउंट कार्मेल कॉलेज, बैंगलोर- फीस 50,000
  • बनस्थली विद्यापीठ, जयपुर- फीस 55,000

पीएचडी इन ह्यूमन डेवलपमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • अर्बन प्लेनर- सैलरी 5.50 से 6 लाख तक
  • एसक्यूएल सर्वर डेवलेपर- सैलरी 3.5 से 4 लाख तक
  • एजेंसी डेवलेपमेंट मैनेजर- सैलरी 5 से 6 लाख तक
  • जेल प्रोबेशनरी- सैलरी 3.50 से 4 लाख तक
  • एरिया डेवलेपमेंट ऑफिसर- सैलरी 2.50 से 4 लाख तक
  • एचआर एग्जीक्यूटीव- सैलरी 3 से 4 लाख तक
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English summary
Doctor of Philosophy in Human Development is a research based doctoral level course of 3 to 5 years duration. This course discusses the holistic development of human beings from a multidisciplinary perspective. It means learning about human development, the environment and their relationship with other human beings and encouraging them to move forward.
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