ग्रैजुएशन के बाद मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) में करियर (Career in MS, Master of Science After Graduation)

मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) पोस्ट ग्रैजुएट लेवल की डिग्री है जो कि भारत के टॉप साइंस और रिसर्च कॉलेजों द्वारा प्रदान की जाती है। बता दें कि मास्टर ऑफ साइंस का कोर्स दो प्रमुख डोमेन में किया जाता है: इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, जिसकी अवधि रेगुलर मोड में 1.5 से 3 वर्ष के बीच हो सकती है। एमएस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए उम्मीदवार के यूजी स्तर पर न्यूनतम 50-60% अंक होना आवश्यक है साथ ही एंट्रेंस एग्जाम पास करना भी अनिवार्य है। एमएस का कोर्स सरकारी और प्राइवेट दोनों ही प्रकार की यूनिवर्सिटी द्वारा कराया जाता है। जिसकी औसत फीस 1 से 4 लाख तक के बीच होती है।

एमएस, एमटेक या एमबीए के रूप में लोकप्रिय नहीं हैं बल्कि ये एक रिसर्च बेस्ड कोर्स है। जिसे करने के बाद अधिकांस छात्र अपना करियर रिसर्च फील्ड में चुनते हैं। इस डिग्री को पूरा करने के बाद छात्र सरकारी और प्राइवेट दोनों ही प्रकार के क्षेत्रों डीआरडीओ, सीएसआईआर जैसी लेब में रिसर्चर के रूप अपना करियर बना सकते हैं।

ग्रैजुएशन के बाद  मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) में करियर

एमएस कोर्स करने के लिए एडमिशन प्रोसेस

इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से कॉलेज में आवेदन कर सकते हैं। जिसके लिए उनके पास साइंस या मैनेजमेंट फील्ड में यूजी लेवल की डिग्री होना जरुरी है साथ ही उम्मीदवारों को इसके एंट्रेंस एग्जाम भी पास करना होता जिसके आधार पर उम्मीदवारों को कॉलेज दिए जाते हैं।
बता दें कि साइंस और मैनेजमेंट दोनो ही कोर्स में एमएस करने के लिए अलग-अलग एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निम्न प्रकार से सेट किए गए हैं।

साइंस डोमेन के लिए एमएस एलिजिबिलिटी

छात्रों ने कम से कम 50-60% के साथ बीटेक या बीई या एमएससी कोर्स पूरा किया हो। एमएस डिग्री कोर्स में एडमिशन पाने के लिए गेट के अलावा, आप सीएसआईआर/यूजीसी नेट/एनबीएचएम जैसे एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं। इसके अलावा यदि आपके पास किसी भी IIT कॉलेज से BTech में 80% या 8 CGPA से पास है तो तब भी आप इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

मैनेजमेंट डोमेन के लिए एमएस एलिजिबिलिटी

इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए छात्रों के पास एमबीए या मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री कैट / मैट / एक्सएटी / गेट / यूजीसी / सीएसआईआर / एटीएमए / सीएसआईआर (नेट, जेआरएफ, लेक्चरशिप) / जीमैट / जीआरई जैसे एंट्रेंस एग्जाम में क्वालिफाई करने के बाद की हो।

मास्टर ऑफ साइंस में एडमिशन लेने के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम
• गेट
• सीएसआईआर नेट
• जीमैट
• जीआरई

एमएस कोर्स का सिलेबस

इस कोर्स को करने के लिए छात्रों को अपनी पसंद अनुसार स्पेशलाइजेशन चुननी होती है। जिसके बाद उन्हें क्लालरूम ट्रेनिंग के उनकी स्पेशलाइजेशन अनुसार रिसर्च के लिए प्रैक्टिकल भी कराए जाते हैं। प्रमुख एमएस कोर्स स्पेशलाइजेशन जो एक छात्र चुन सकता है, वे हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, और इंजीनियरिंग डोमेन में कई और मैनेजमेंट डोमेन में हैं कंस्लटेंट मैनेजमेंट, क्वालिटी मैनेजमेंट आदि।
• एप्लाइड मैकेनिक्स
• इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी
• टेलिकम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट
• बायोकेमिकल इंजीनियरिंग
• बायोटेक्नोलॉजी
• केमिकल इंजीनियरिंग
• सिविल इंजीनियरिंग
• कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग

एमएस नौकरियां और करियर विकल्प

आम तौर पर, मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) डिग्री करने वाले छात्र किसी विशेष क्षेत्र में माहिर होते हैं। वे अपने अध्ययन क्षेत्र के अनुसार विभिन्न नौकरियों में जा सकते हैं। इस कोर्स में काफी संभावनाएं हैं और एमएस ग्रैजुएट्स के लिए विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं। जैसे कि
• रिसर्च वैज्ञानिक
प्रति वर्ष औसत वेतन 6,45,000 तक
• रिसर्च एसोसिएट
प्रति वर्ष औसत वेतन 3,45,000 तक
• रिसर्च एसिसटेंट
प्रति वर्ष औसत वेतन 3,08,000 तक
• सीनियर रिसर्च फेलो
प्रति वर्ष औसत वेतन 3,95,000 तक
• एसिसटेंट प्रोफेसर
प्रति वर्ष औसत वेतन 3,40,000 तक

• लेक्चरआर
प्रति वर्ष औसत वेतन 3,42,000 तक

एमएस कोर्स पूरा करने के बाद फ्यूचर स्कोप

एमएस कोर्स पूरा करने के बाद न केवल भारत में, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्वीडन जैसे देशों में भी छात्र नौकरी कर सकते हैं।
• प्राइवेट सेक्टर: ऐसी कई कंपनियां हैं जैसे एक्सेंचर, डॉ रेड्डीज, सैपिएंट, नोवोजाइम्स, नोवो नॉर्डिस्क आदि कंपनियों अपने रिसर्च एवं विकास विभाग में हाई ग्रेड वाले छात्रों को रिसर्चर्स के रूप में हायर करती है।
• सरकारी सेक्टर: छात्र डीआरडीओ, इसरो, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, और भारत में अन्य शीर्ष-श्रेणी के रिसर्च और इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे टॉप रिसर्च संस्थानों में सरकारी मानकों के अनुसार वेतन के साथ एक रिसर्च फेलो या जूनियर वैज्ञानिक के रूप में रोजगार के अवसर पा सकते हैं। जिनकी सैलरी शुरुआती दौर में प्रति माह औसतन 30,000 से 50,000 तक हो सकती है।
• हायर स्टडीज: छात्र आमतौर पर इस एमएस कोर्स को पूरा करने के बाद पीएचडी करना पसंद करते हैं। जिसमें की कई छात्र अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और अवसरों के कारण विदेशों से डॉक्टरेट की शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।

भारत में एमएस के लिए टॉप कॉलेज की सूची निम्नलिखित है

• आईआईटी मद्रास, चेन्नई
• आईआईटी दिल्ली, नई दिल्ली
• आईआईटी कानपुर, उत्तर प्रदेश
• इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी), हैदराबाद
• एनआईटी त्रिची, तिरुचिरापल्ली
• पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
• गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
• एलएनएम इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी, जयपुर
• पीईएस यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
• त्यागराजर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मदुरै
• इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी), बैंगलोर
• डॉ. एमजीआर एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट, चेन्नई
• एनआईटी, आंध्र प्रदेश
• अलगप्पा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई
• आरएमके इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुवल्लुर

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English summary
Master of Science (MS) is a post graduate level degree awarded by top science and research colleges in India. Explain that the course of Master of Science is done in two major domains: Engineering and Management, the duration of which can be between 1.5 to 3 years in the regular mode. To get admission in MS course, it is necessary for the candidate to have minimum 50-60% marks at UG level as well as pass the entrance exam. MS course is offered by both government and private universities. Whose average fee ranges between 1 to 4 lakhs.
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