हमारे देश में हर साल लाखों लोग एमबीए की डिग्री लेकर जॉब मार्केट में आते है। लेकिन क्या आप जानते है इन लाखों एमबीए डिग्री धारक में से सिर्फ 7 प्रतिशत ही ऐसे होते है जिन्हें जॉब मिल सकती है। कहने का मतलब यही है कि 93 फिसदी एमबीए डिग्री होल्डर जॉब लायक ही नही होते है। दरअसल ये बात हम नही कह रहे है बल्कि अभी हाल ही में एसोचैम की एक लेटेस्ट रिसर्च कह रही है कि देश के बिजनेस स्कूल से निकलने वाले मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स में से सिर्फ 7 फीसदी ही ऐसे होते है जो जॉब मार्केट के मुताबिक ट्रैंड होते है।
आपको बता दें कि हमारे देश के कुछ टॉप एमबीए कॉलेज को छोड़ दें तो ज्यादातर कॉलेज ऐसे है जहां औसत से भी निचले स्तर की एमबीए की एजुकेशन दी जाती है। लेकिन अगर आप भी उन लोगों में से है जो एमबीए की डिग्री हासिल करके अपना करियर बनाना चाहते है तो आपको एमबीए कॉलेज या बी-स्कूल्स का चुनाव करते समय काफी सावधानी रखने की जरूरत है। यहां पर हम आपको कुछ बातें बताने जा रहे है जो बेस्ट एमबीए कॉलेज चुनने में आपकी काफी मदद करेंगे।
एमबीए कॉलेज चुनते समय रखे इन 5 बातों का ख्याल-
1.इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी-
एक आधुनिक बी-स्कूल में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी का होना बेहद जरूरी है। अगर आप किसी बी-स्कूल में आधुनिक कंप्यूटर लैब, हाई स्पीड इंटरनेट, वर्ल्ड की बैस्ट मैनेजमेंट लिटरेचर की किताबें, आधुनिक लाइब्रेरी, ऑडियो और विजुअल क्लासरूम, बेहतरीन होस्टल फैसिलिटी आदि पाते है तो एडमिशन ले सकते है। दरअसल किसी भी बी-स्कूल में आधुनिक सुविधाएं होना जरूरी है। आधुनिक सुविधाएं स्टूडेंट के लर्निंग को कई गुना बढ़ा देती है। इसलिए इन सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस बी-स्कूल में ही एडमिशन लें।
2.फैकल्टी मेंबर्स-
एक अच्छे बी-स्कूल में बेहतरीन और एक्सपीरियंस फैकल्टी मेंबर्स को होना बहुत जरूरी है। किसी बेहतरीन बी-स्कूल के फैकल्टी मेंबर्स स्टूडेंट के डेवलपमेंट में पूरी भूमिका निभाते है। एक अच्छे बी-स्कूल में पार्ट टाइम और फुल टाइम फैकल्टी मेंबर्स का अच्छा कॉम्बिनेशन रहता है। फैकल्टी मेंबर्स की बेहतर जानकारी हासिल करने के लिए आप पासआउट स्टूडेंट या पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट से बात कर सकते है।
3.लोकेशन-
किसी भी बी-स्कूल के लोकेशन का उसके होने वाले कैंपस प्लेसमेंट पर असर पड़ता है। अगर आप किसी बड़े शहर के इंस्टीट्यूट से एमबीए रहे है जहां पर बड़ें पैमाने पर इंडस्ट्रीज मौजूद है तो आपको बाकी शहरों की अपेक्षा ज्यादा ऑपर्चुनिटी मिल सकती है। आपको बता दें कि बड़ें शहरों जैसे मुंबई, नई दिल्ली और बेंगलुरू आदि में कंपनियों के हैडक्वाटर्स है जिस वजह से यहां पर अन्य शहरों की अपेक्षा बेहतर प्लेसमेंट होते है।
4.प्लेसमेंट-
किसी भी बी-स्कूल को चुनते वक्त उसके प्लेसमेंट रिकॉर्ड को देखना बेहद जरूरी है। अगर आप किसी ऐसे इंस्टीट्यूट से एमबीए कर रहे है जहां पर प्लेसमेंट सुविधाएं न के बराबर है तो एमबीए डिग्री लेने के बाद आप उन 93 प्रतिशत लोगों में शामिल हो जाएंगे जिनके पास डिग्री तो होती है लेकिन जॉब नही। अगर आप किसी बी-स्कूल में एडमिशन लेने जा रहे है तो उसके प्लेसमेंट के बारे में पहले से ही रिसर्च कर लें। इसके लिए आप वहां के पासआउट स्टूडेंट से बात कर सकते है।
5.ट्यूशन फीस-
हमारे देश में मैनेजमेंट कॉलेजों की फीस में बड़ा फर्क देखने को मिलता है जैसे किसी यूनिवर्सिटी के एमबीए प्रोग्राम की फीस महज कुछ हजारों में हो सकती है। वहीं किसी प्रतिष्ठित बी-स्कूल में दो वर्षीय प्रोग्राम की फीस लाखों रूपये में हो सकती है। बेस्ट एमबीए कॉलेज की फीस ज्यादा ही होती है। इसलिए बी-स्कूल का चुनाव करते वक्त कोर्स की फीस भी एक बड़ा कारण होती है।