Careers in Athletic Therapy: अगर आप खेलों में रूचि रखते है और इस फील्ड में करियर बनाना चाहते है तो ये बिल्कुल भी जरूरी नही है कि आप एक खिलाड़ी के रूप में ही करियर बनाएं। खेलों से जुड़ी ऐसी कई फील्ड है जिसमें एक बेहतरीन करियर बना सकते है। दरअसल राष्ट्रीय टीम के लिए खेल पाना सभी के लिए संभव नही है लेकिन फिर भी आप खेलों से जुड़ी करियर का हिस्सा बन सकते है। एक नेशनल टीम में बहुत कम लोगों को मौके मिलते है ऐसे में अगर आप किसी खेल में खास दिलचस्पी रखते है और राष्ट्रीय टीम तक नही पहुंच पाएं है तो एथलेटिक थेरेपिस्ट बनकर भी अपना करियर बना सकते है। हमारे देश में क्रिकेट के साथ ही फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, जुडो, कुश्ती, रेसलिंग, रनिंग, जिमनास्टिक, बॉक्सिंग, बेडमिंटन, टेनिस जैसे खेल प्रोफेशनल बड़े और अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर खेले जाते है। इतनी बड़ी संख्या में खेल खेले जाने के कारण खेलों से जुड़े एथलेटिक्स थेरेपिस्ट की भी बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। एक एथलेटिक थेरेपिस्ट का काम एक खिलाड़ी को बेहतर प्रदर्शन के तैयारी करने के साथ ही उसे चोटों से उबारना भी होता है। अगर आप भी एथलेटिक थेरेपिस्ट के रूप में करियर बनाना चाहते है तो आइये जानते है इस करियर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें। ऐसे बनाएं एथलेटिक थेरेपिस्ट की फील्ड में करियर-
एथलेटिक थेरेपिस्ट वर्क प्रोफाइल-
एक प्रोफेशनल एथलेटिक थेरेपिस्ट का काम खिलाड़ी की परफॉर्मेंस में सुधार लाने के साथ ही उसको चोटों से उबारना होता है। एथलेटिक थेरेपिस्ट को मेडिकल साइंस का इस्तेमाल करके खिलाड़ी और उसके खेल को बेहतर बनाने का काम करता है। एथलेटिक थेरेपिस्ट खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने की साइंटिफिक तकनीक बताते है जिसके जरिए वे चोटिल होने पर भी जल्दी वापसी कर सकते है। इसके अलावा एक एथलेटिक थेरेपिस्ट को किसी घायल हुए खिलाड़ी को तुरंत राहत पहुंचाने का काम करना होता है। एथलेटिक थेरेपिस्ट की जरूरत हर बड़े खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, जुडो, कुश्ती, रेसलिंग, रनिंग, जिमनास्टिक, बॉक्सिंग, बेडमिंटन, टेनिस आदि में पड़ती है।
एथलेटिक थेरेपिस्ट बनने के लिए योग्यता-
अगर आप एक एथलेटिक थेरेपिस्ट के रूप में काम करना चाहते है आपका खेल के प्रति लगाव होना जरूरी है। इसके अलावा स्पोर्ट्स के प्रति आपका जुनून और दृढ़निश्चय ही आपको इस फील्ड में कामयाबी दिला सकता है। साथ ही एक प्रोफेशनल एथलेटिक थेरेपिस्ट के पास क्लीनिकल एक्सपीरियंस और साइकोलॉजिकल स्किल्स का होना भी जरूरी है। ताकि चोटिल हुए खिलाड़ियों से इंटरैक्शन में कोई दिक्कत न हो। इसके साथ ही स्पोर्ट्स मेडिसिन का नॉलेज होना भी जरूरी है।
एथलेटिक थेरेपिस्ट के लिए जरूरी योग्यता-
अगर आप एक प्रोफेशनल एथलेटिक थेरेपिस्ट बनना चाहते है तो आपके पास फिजियोथेरेपी में डिग्री, स्पोर्ट्स मेडिसिन में एमबीबीएस या फिर स्पोर्ट्स फिजिकल थेरेपी में मास्टर्स डिग्री का होना जरूरी है।
एथलेटिक थेरेपिस्ट से जुड़े यहां से कर सकते है-
एक प्रोफेशनल एथलेटिक थेरेपिस्ट बनने के लिए आप इन इंस्टीट्यूट से कोर्स कर सकते है-
-जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
-गुरूनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर
-डी.वाई.पाटिल यूनिवर्सिटी, पुणे
-मणिपाल यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू
-इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
-एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
यहां मिलेगी जॉब-
स्पोर्ट कंपनी, नेशनल टीम, राज्य टीम, आदि फील्ड के साथ ही कई स्पोर्ट्स एकेडमी भी एथलेटिक थेरेपिस्ट को हायर करती है। स्पोर्ट्स की फील्ड में लगातार विकास होने के कारण इस फील्ड में जॉब की कमी नही है। आज खिलाड़ी की इंजरी से लेकर खेल को उन्नत बनाने तक में प्रोफेशनल लोगों की मांग बढ़ गई है।
सैलरी-
जिस तरह स्पोर्ट्स की हर फिल्ड में अच्छा पैसा मिलता है वैसे ही एक प्रोफेशनल एथलेटिक थेरेपिस्ट को भी अच्छा पैसा दिया जाता है। शुरूआती तौर पर आप 40 हजार रूपये महीने तक आसानी से कमा सकते है। कुछ साल के एक्सपीरियंस होने के बाद आप 75 हजार से 3 लाख रूपये महीने तक कमा सकते है।