World Population 2022: 1974 में 4 अरब आबादी थी, अब 8 अरब - देखें पूरी रिपोर्ट

World Population 2022: संयुक्त राष्ट्र के एक आकलन के अनुसार इसी नवंबर मध्य यानी अगले हफ्ते तक दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर जाएगी। साल 1974 में यह आबादी करीब 4 अरब थी।

World Population 2022: संयुक्त राष्ट्र के एक आकलन के अनुसार इसी नवंबर मध्य यानी अगले हफ्ते तक दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर जाएगी। साल 1974 में यह आबादी करीब 4 अरब थी। यानी इसे दोगुना होने में आधी सदी से भी कम का वक्त लगा है। माना जा रहा है कि अगली आधी सदी में दुनिया की आबादी बढ़कर 9.70 अरब तक पहुंच जाएगी और यहीं इसका पीक होगा। पीक का मतलब होगा कि इसके बाद आबादी में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। इस स्थिति के 2070 तक आने की संभावना जताई जा रही है। और इसके अगले करीब तीन दशकों में यानी 2100 तक आते-आते आबादी घटकर 8.80 अरब तक पहुंच जाएगी। खैर, फिलहाल तो एक सवाल यह उठ रहा है कि 8 अरब की आबादी में कितने लोग काम करते हैं और जो काम करते हैं, उनका क्षेत्र और उनकी विशेषज्ञता कौन-सी है।

World Population 2022: 1974 में 4 अरब आबादी थी, अब 8 अरब - देखें पूरी रिपोर्ट

कामकाजी लोग
वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल लैबर ऑर्गनाइजेशन की मानें तो आधिकारिक तौर पर इस 8 अरब की जनसंख्या में से केवल 3.29 अरब लोग ही आजीविका कमाने के लिए काम कर होंगे। यानी केवल करीब 40 फीसदी के पास ही नौकरी या व्यापार है। यहां काम करने का मतलब है कि वे कुछ न कुछ कमा रहे हैं। तो क्या इसका मतलब यह लगाया जाएं कि बची हुई आधी से ज्यादा आबादी के वास्ते भी यही लोग जीडीपी में योगदान दे रहे हैं? रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी में वे लोग भी योगदान देते हैं जो आधिकारिक तौर पर किसी जॉब में नहीं होते हैं, जैसे गृहिणियां। आठ अरब की आबादी में कितनी गृहिणियां हैं, इसका कोई अधिकृत सर्वे दुनिया के स्तर पर अब तक नहीं हुआ है, लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार उनका योगदान भी जीडीपी में काउंट होता है।

समय की बर्बादी
ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटैस्टिक्स ने एक मजेदार आकलन भी किया है। एक व्यक्ति की उम्र औसतन 78 साल मानते हुए यह आकलन किया गया है। इसके अनुसार व्यक्ति 28.3 साल यानी करीब एक तिहाई हिस्सा सोने में खर्च कर देता है। हालांकि स्टेटैस्टिक्स के अनुसार जिंदगी को लंबा जीने के लिए इतना सोना अनिवार्य भी है। इसके बाद सबसे ज्यादा समय उसका नौकरी या उसके व्यवसाय में निकलता है। औसतन कुल मिलाकर साढ़े दस साल वह कामकाज को देता है। इसके बाद सबसे ज्यादा समय वह मनोरंजन (जैसे टेलीविजन, वेब सीरीज, मैच देखने) और सोशल मीडिया को देता है। इसमें कुल मिलाकर औसतन 9 साल का समय जाया होता है।

जियोकंसोर्टियम रिपोर्ट
आज से करीब 100 साल पहले तक कमोबेश हर व्यक्ति किसान था, क्योंकि जीवन जीने व पेट भरने के लिए उसके पास खेती करने का ही विकल्प था। हालांकि औद्योगिक क्रांति से बदलाव की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन वह बहुत धीमी थी। पर जियोकंसोर्टियम की रिपोर्ट के अनुसार आज भी दुनिया में डेढ़ अरब से ज्यादा लोग आजीविका के लिए खेती व सहायक कार्यों पर ही निर्भर हैं। इनमें बड़ी संख्या गरीब और भारत व ब्राजील जैसे विकासशील देशों में रह रही हैं। भारत में अब भी 60 फीसदी से अधिक आबादी पेट भरने के लिए खेती पर आश्रित हैं।

कामकाजी लोग
रिपोर्ट के अनुसार कुल आबादी में से लगभग 1.88 अरब लोग सर्विस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। सर्विस क्षेत्र में गिग वर्कर्स (एप्स आधारिक इकोनॉमी में कार्यरत लोग) से लेकर सरकारी क्षेत्रों में कार्य करने वाले और व्हाइट कॉलर जॉब्स करने वाले लोग भी शामिल हैं। इस प्रकार यह कुल आबादी का करीब-करीब एक चौथाई हिस्सा है। इनमें दिहाड़ी पर काम करने वाले लोग या मजदूर वर्ग शामिल नहीं हैं। ऐसे लोगों की संख्या करीब 86 करोड़ हैं।

बेरोजगार लोग
वे लोग जो काम करना तो चाहते हैं, लेकिन विभिन्न परिस्थितियों की वजह से उन्हें काम या अपनी योग्यता के अनुसार कार्य नहीं मिल पा रहा है, ऐसे लोगों की संख्या करीब 47 करोड़ है। इनमें 90 फीसदी से ज्यादा लोग गरीब व विकासशील देशों में हैं, जबकि कम आबादी वाले यूरोपीय व पश्चिमी देशों में उपलब्ध काम की तुलना में लोगों की संख्या और भी कम है।

फर्टिलिटी रेट
क्योंकि आठ अरब में से दो अरब से भी ज्यादा संख्या 15 साल की उम्र तक के बच्चों की है। यह कुल आबादी का सबसे बड़ा वर्ग है जो एक चौथाई से भी थोड़ा ज्यादा है। हालांकि लेन्सेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार फर्टिलिटी रेट घटने से आने वाले दशकों में बच्चों की संख्या में तेजी से गिरावट आएगी। रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में दुनिया में फर्टिलिटी रेट 2.4 थी, जो 2100 में 1.7 होगी। इससे युवा आबादी कम होगी। वहीं जीवन प्रत्याशा बढ़ने से आने वाले कुछ दशकों में बुजुर्गों की संख्या आबादी में एक तिहाई से ज्यादा हो जाएगी। इस समय 65 पार के बुजुर्गों की आबादी करीब 63 करोड़ है।

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English summary
World Population 2022: According to an assessment by the United Nations, by mid-November this week, the world's population will cross 8 billion. In the year 1974, this population was about 4 billion. That is, it has taken less than half a century to double. It is believed that in the next half century, the world's population will increase to 9.70 billion and this will be its peak. The peak would mean that the population would start to decline after that. This situation is expected to come by 2070.
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