What Is Janata Curfew In Hindi: नोवल कोरोनावायरस (COVID-19) से अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कोरोनावायरस से दुनिया भर में 2.5 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। चीन के वुहान शहर से आया कोरोनावायरस भारत में (coronavirus in india) भी तेजी से फेल रहा रहा है। कोरोनावायरस का इलाज सभी अस्पतालों में किया जा रहा है लेकिन अभी तक कोरोनावायरस की कोई वैक्सीन तैयारी नहीं हुई है। कोरोनावायरस के लक्षण काफी सामान्य हैं, जैसे बुखार, जुखाम आदि। भारत में कोरोनावायरस के मामले अब तक 235 से अधिक हो गए हैं और भारत में कोरोनावायरस से मौत का आंकड़ा चार के पार पहुंच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोनावायरस को महामारी घोषित किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने में 22 मार्च रविवार को 'जनता कर्फ्यू' में सभी देशवासियों भाग लेने की अपील की है। कोरोनावायरस महामारी ने सीबीएसई, यूपीएससी, एसएससी समेत सभी वार्षिक शैक्षणिक परीक्षाओं के साथ-साथ प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं को भी स्थगित करा दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में लगाए गए जनता केयर यानी जनता कर्फ्यू के दिन 22 मार्च को छात्रों को पांच टास्क करने चाहिए। तो आइये जानते हैं जनता कर्फ्यू क्या होता है और छात्रों के लिए कौनसे पांच टास्क हैं...
जनता कर्फ्यू क्या है ?
जनता कर्फ्यू का अर्थ है जनता की सुरक्षा के लिए लगाया गया कर्फ्यू, जिसे सार्वजनिक कर्फ्यू भी कहा जाता है। कोरोनावायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च रविवार को सभी नागरिकों से 14 घंटे के लिए घर के अंदर रहने का आग्रह किया गया है। रविवार को 'जनता कर्फ्यू' की टाइमिंग सुबह 7 बजे से 9 बजे तक है। 'जनता कर्फ्यू' या सार्वजनिक कर्फ्यू लोगों को भीड़-भाड़ से दूर रहने, घर में योग अभ्यास, और आने वाले हफ्तों में यथासंभव घर पर रहकर दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिए है।
जनता कर्फ्यू क्यों लगाया गया ?
जनता कर्फ्यू लगाने का मकसद भारत समेत विश्व भर में फेल रही कोरोनावायरस महामारी की कड़ी को तोड़ना है। प्रधानमंत्री ने बार-बार खुद को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सामाजिक अलगाव का अभ्यास करने के महत्व पर जोर दिया। 'जनाटा कर्फ्यू' एक आत्म-लॉकडाउन है, जिसके लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि, सभी नागरिकों से जनता कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया जाता है।
जतना कर्फ्यू का उद्देश्य क्या है ?
जतना कर्फ्यू का उद्देश्य यह है कि जरूरत पड़ने पर लोगों को एक लंबे समय तक लॉकडाउन रहने के लिए तैयार करना है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि संकट से निपटने के लिए शालीनता का कोई स्थान नहीं है। कोरोनावायरस से लड़ने के लिए कोई भी देश एक-दूसरे की मदद करने में आसमर्थ है, इसलिए भारत में जनता कर्फ्यू लगाया जा रहा है ताकि भारत कोरोनावायरस से लम्बी लड़ाई के लिए तैयार रह सके।
जनता कर्फ्यू से किन-किन को छूट मिलेगी ?
जतना कर्फ्यू के दिन केवल आवश्यक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य सेवा, भोजन, दूध डेरी, किराने की दूकान, डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा कर्मचारी, एयरलाइन कर्मचारी, रेलवे और बस कर्मचारी,होम डिलीवरी और मीडिया में काम करने वालों को 'जनता कर्फ्यू' से छूट दी जाएगी। रविवार को शाम 5 बजे, 'जनता कर्फ्यू' के दिन, उनके लिए बालकोनी या घरों में ताली-थाली बजाकर आभार व्यक्त करना है, जो देश की सुरक्षा में सहयोग कर रहे हैं।
जनता कर्फ्यू (22 मार्च) पर छात्रों के लिए 5 कार्य
1. एक नया टाइम टेबल तैयार करें: कोरोनावायरस के कारण सीबीएसई, सीआईएससीई समेत सभी बोर्ड स्थगित कर दी गई हैं, इसलिए छात्रों को स्थगित परीक्षा की तैयारी के लिए एक नया टाइम टेबल तैयार करने की सलाह दी जाती है। वह घर पर रहकर पढ़ाई करें और बोर्ड परीक्षा 2020 का नया टाइम टेबल/शेड्यूल बनाएं। ताकि आप पहले से बेहतर स्कोर कर सकें।
2. अपनों के साथ रहें ऑनलाइन: कोरोनावायरस के कारण लोगों/छात्रों ने दूसरों के साथ साथ अपनों से भी दूरी बना ली है। ऐसे में छात्रों को ई-लर्निंग या ऑनलाइन अध्ययन का विकल्प चुनना चाहिए। इस विशेष सभी छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है।
3. नो टू रेगुलर एक्टिविटीज: जनता कर्फ्यू एक विशेष दिन है। जनता कर्फ्यू के दिन छात्रों या नौकरी पेशा लोगों को घर पर रहकर व्ययाम/योग पढ़ाई और कौशल परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करना शुरू करना चाहिए।
4. करियर का लक्ष्य निर्धारित करें: छात्रों और नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए जनता कर्फ्यू लॉकडाउन के कारण भविष्य के लक्ष्यों के बारे में सोचने का एक बेहतर समय है। शैक्षणिक छात्र इस दिन अपनी ग्रीष्मकालीन परियोजनाओं के लिए योजनाओं का मसौदा यानी ड्राफ्ट तैयार कर सकते हैं।
5. समय को बढ़ावा दें: युवा इस देश के निर्माण की नीव होती है। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के उपायों पर काम करना हमारी जिम्मेदारी है। हम सोशल-डिस्टेंस के माध्यम से एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।