केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) में जल्द ही एक सचिव आधारित कार्यप्रणाली लागू हो सकती है। जिसके अधिकार क्षेत्र में सीधे उच्च-शिक्षा से लेकर स्कूली शिक्षा विभाग आएगा। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में एमएचआरडी में उक्त दोनों विभागों के लिए अलग-अलग सचिवों की व्यवस्था लंबे समय से चली आ रही है। जो केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के प्रति उत्तरदायी होते हैं और उनकी सीधी रिपोर्टिंग भी उन्ही को होती है। लेकिन अब जल्द ही इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है।
एकरूपता, सामंजस्य बढ़ेगा
सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से हाल ही में इस बाबत एक अनौपचारिक आदेश के जरिए यह निर्देश दिया गया है कि जल्द ही एमएचआरडी में द्विस्तरीय सचिव व्यवस्था को समाप्त कर एक स्तरीय सचिव व्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाए जाए। इसके पीछे पीएमओ का तर्क यह है मंत्रालय में स्कूली और उच्च-शिक्षा के लिए एक सचिव होने से दोनों विभागों में आपसी तालमेल और सामंजस्य बढ़ेगा।
इसके अलावा स्कूली और उच्च-शिक्षा पर एक समान नजरिए से विचार करते हुए योजनाओं को बनाने से लेकर उनके क्रियान्वयन में भी एकरूपता देखने को मिलेगी। इस बदलाव की प्रमुख छाप मंत्रालय की एक बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर भी देखने को मिल सकती है।
एक सचिव संभालते दोनों विभाग
बीते दिनों केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत नौकरशाहों का बड़े पैमाने पर एक जगह से दूसरी पर स्थानांतरण किया गया है। इसमें केंद्रीय एमएचआरडी मंत्रालय के उच्च-शिक्षा विभाग के सचिव आर.सुब्रमण्यम का भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में स्थानांतरण कर दिया गया है और उनकी जगह पर यह जिम्मेदारी मंत्रालय में ही स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव अमित खरे को सौंपी गई है।
वर्तमान में अमित खरे ही स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। लेकिन अगर नई व्यवस्था लागू होती है तो उसके बाद इस बात की काफी संभावना नजर आ रही है कि अमित खरे के हाथ में ही एमएचआरडी मंत्रालय के दोनों विभागों की कमान होगी।