Kargil Vijay Diwas Essay In Hindi 2023/Kargil War Essay/Operation Vijay Essay: कारगिल विजय दिवस कब, कैसे और क्यों मनाया जाता है? कारगिल विजय दिवस पर निबंध कैसे लिखें जानिए? भारत वीरों की भूमि है, जिसने हमेशा दुश्मनों को छक्के छुड़ाए हैं। भारतीय सेना हर समय भारत की सीमा पर तैनात रहती है। लेकिन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा घुपैठ की कौशिश में लगा रहता है।
ऐसी ही एक घटना 1999 में कश्मीर में हुई, जब पाकिस्तान ने कारगिल की चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया। लगभग दो महीनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच घमासान युद्ध हुआ। 26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल में भारत ने पाकिस्तान पूर्ण रूप से हरा दिया। भारत ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की और फिर तब से हर साल भारत में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस साल भारत कारगिल विजय दिवस 2021 की 22वीं वर्षगांठ मना रहा है। ऐसे में यदि आपको कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिखना है तो करियर इंडिया हिंदी आपके लिए बेस्ट कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिखने का ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिख व पढ़ सकते हैं। तो आइये जानते हैं कारगिल विजय दिवस पर निबंध कैसे लिखें?
कारगिल विजय दिवस पर निबंध Essay On Kargil Vijay Diwas
कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को भारत में मनाया जाता है, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। सन 1999 में भारत ने उन उच्च चौकियों को वापस संभाला, जिनपर पाकिस्तान ने कब्ज़ा किया हुआ था। कारगिल युद्ध 60 दिनों तक लड़ा गया और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के हजारों सैनिक मरे गए, जबकि भारत के 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए। कारगिल युद्ध जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा पर हुआ, जिसे एलओसी कहते हैं। इस युद्ध के लिए पाकिस्तान ने अपनी सेना को सर्दियों में घुसपैठी बनाकर भेज दिया। जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सीमा पर तनाव पैदा करना था।
उस समय घुसपैठिए शीर्ष पर थे और भारतीय सेना की चौकी ढलान पर थी, जिसकी वजह से भारत पर हमला करना आसान था। अंत में दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया। पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा को पार कर भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र में प्रवेश किया। 3 मई 1999 को पाकिस्तान के लगभग 5000 सैनिकों ने कारगिल के पहाड़ी क्षेत्र में घुसपैठ की और भारत की चौकियों पर कब्जा कर लिया। लगभग एक सप्ताह बाद जब भारत को इसकी जानकारी मिली, तब भारत ने जवाब तलब किया तो पाकिस्तानी सेना ने कहा कि वे पाकिस्तानी सैनिक नहीं बल्कि मुजाहिदीन हैं।
दरअसल, पाकिस्तान इस विवाद पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान चाहता था ताकि भारतीय सेना पर सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र से अपनी सेना वापस लेने और भारत को कश्मीर विवाद के लिए बातचीत करने के लिए मजबूर करने का दबाव बनाया जा सके। लगभग दो सप्ताह बाद जब भारत सरकार को इसकी जानकारी मिली तो भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय नाम से एक योजना बनाई और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया। दरअसल युद्ध के पीछे की कहानी 1971 में शुरू हुई जब भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष हुए हैं। दोनों देशों ने 1998 में परमाणु परीक्षण किए, जिसकी वजह से तनाव काफी बढ़ गया।
मामला जब आगे बड़ा तो फरवरी 1999 में स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, ताकि कश्मीर संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकला जाएगा। लेकिन हुआ यह कि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने अपने सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में भेजना शुरू कर दिया और घुसपैठ का कोड नाम ऑपरेशन बद्र रखा गया। भारतीय वायुसेना ने जमीनी हमले के लिए मिग-2आई, मिग-23एस, मिग-27, जगुआर और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। इस युद्ध में मिग -21 का निर्माण किया गया, जिसने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जमीन पर लक्ष्य पर हमला करने के लिए, मिग-23 और 27 को अनुकूलित किया गया। पाकिस्तान के कई ठिकानों पर हमले किये गए और इस युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर में मिग-21 और मिराज 2000 सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया। भारत पाकिस्तान के इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बमों का प्रयोग किया गया। दो लाख से ज्यादा गोले, बम और रॉकेट दागे गए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एकमात्र ऐसा युद्ध था, जिसमें सबसे ज्यादा बमबारी की गई। लगभग दो सप्ताह बाद जब भारत सरकार को इसकी जानकारी मिली तो भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय नाम से एक योजना बनाई और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया। अंत में भारत ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की और ऑपरेशन विजय को सफल बनाया।
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