Coronavirus India Update: देश में लगातार बढ़ रही कोरोनावायरस संक्रमती लोगों की संख्या को देखते ही कर्णाटक के शिक्षाविदों ने राज्य सरकार से मांग की है कि सभी शंकाओं को दूर करने के लिए शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ की तिथि घोषित की जाए। परीक्षा, मूल्यांकन प्रक्रिया, रिजल्ट, एडमिशन, पुस्तकों , वर्दी और अन्य लॉजिस्टिक्स के लिए दो महीने का समय लगेगा, ऐसे में लॉकडाउन समाप्त होने के तुरंत बाद शुरू करना कठिन होगा। ऐसे में शैक्षणिक वर्ष 2020-21 दो महीने से पहले शुरू करना संभव नहीं है।
कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट के महासचिव डी शशि कुमार ने कहा कि विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और निजी स्कूल प्रबंधन प्रतिनिधियों के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2020-21 अगस्त से शुरू किया जाएगा, इसके लिए राज्य सरकार से अगस्त से शैक्षणिक वर्ष शुरू करने की घोषणा करने की मांग की है। 2020-21 के लिए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत जुलाई के बाद ही होगी। क्योंकि, कोरोनावायरस का संकट जून तक कम हो जाएगा, ऐसे में हमें स्कूलों को फिर से शुरू करने के लिए एक और महीने की आवश्यकता होगी।
सीबीएसई स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी जब तक स्तिथि सामान्य नहीं हो जाती, तब तक छात्रों की सेहत और सुरक्षा को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं कर सकते। जब तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर हम 100 प्रतिशत सुनिश्चित न हो जाएं, हमें रिस्क नहीं लेना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि हम जुलाई के बाद भी प्राथमिक रूप से कार्य कर सकते हैं। क्योंकि बच्चे संक्रमण की चपेट में हैं और ऐसे में सोशल डिस्टेंस बनाए रखना मुश्किल होगा, इसलिए अगस्त तक शैक्षणिक वर्ष 2020-21 बढ़ा देना चाहिए।
वहीं दिल्ली पब्लिक स्कूल के बोर्ड सदस्य मंसूर अली खान ने कहा कि इस स्थिति में शैक्षणिक वर्ष 2020-21 ठीक नहीं रहेगा। स्तिथि अभी सामन्य नहीं है, जिसके कारण मौजूदा और आगामी दोनों शैक्षणिक वर्ष प्रभावित होंगे। मेरा सुझाव है कि भ्रम से बचने के लिए संबंधित बोर्ड अकादमिक वर्ष की शुरुआत के बारे में एकसमान दिशा-निर्देश जारी करें।
जबकि अभिभावकों का मानना है कि लॉकडाउन के तुरंत बाद यदि स्कूल खुलते भी हैं, तो हम अपने अगस्त-सितम्बर से पहले स्कूल नहीं भेजेंगे। बच्चे की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें बच्चों का जीवन जोखिम में नहीं डालना चाहिए। एक अन्य माता-पिता ने कहा कि मैंने अपने बच्चों को सितंबर से ही स्कूल भेजने का फैसला किया है मैं अपने बच्चे की जान जोखिम में डालने की जगह एक साल का जोखिम उठाना चाहता हूं।
एसएसएलसी परीक्षा 2020
इस बीच, यदि एसएसएलसी परीक्षा में देरी होती है, तो यह पूरे शैक्षणिक चक्र को बदल सकता है। एसएसएलसी परीक्षा के बाद आईपीयू और प्रथम वर्ष के डिप्लोमा प्रवेश होते हैं। सीईटी परीक्षा प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग या मेडिकल प्रवेश में देरी होने की संभावना है। इसका मतलब अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में देरी भी हो सकती है, जिससे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में देरी हो सकती है।
वहीं पश्चिम बंगाल लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है, इससे पहले महाराष्ट्र ने लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाए जाने का ऐलान कर दिया। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पूरे राज्य में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढाया गया है और सभी शैक्षणिक संस्थानों को 10 जून तक बंद करने के आदेश जारी कर दिया गए हैं।