Career Tips: इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की फिल्ड में कैसे बनाएं करियर

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की फील्ड में करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स का फ्यूचर काफी ब्राइट है। इस कोर्स की अच्छी बात यह है कि स्टूडेंट्स टेलीकॉम इंडस्ट्रीज और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज दोनों

By Careerindia Hindi Desk

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की फील्ड में करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स का फ्यूचर काफी ब्राइट है। इस कोर्स की अच्छी बात यह है कि स्टूडेंट्स टेलीकॉम इंडस्ट्रीज और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज दोनों में कार्य तलाश सकते हैं। वैसे, यह क्षेत्र काफी बड़ा है। इसके तहत माइक्रोवेव और ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, सिग्नल प्रोसेसिंग, टेलीकम्युनिकेशन, एडवांस्ड कम्युनिकेशन, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इंजीनियरिंग की यह शाखा रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

Career Tips: इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की फिल्ड में कैसे बनाएं करियर

कैसे मिलेगी एंट्री
इस फील्ड में एंट्री के लिए बीटेक जरूरी है यानी साइंस सब्जेक्ट्स से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स इस फील्ड में करियर बना सकते हैं। भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एंट्री के लिए स्टूडेंट्स को जेईई मेंस जैसे एग्जाम को क्लीयर करना होगा। इसके अलावा, स्टेट लेवल या फिर संस्थानों द्वारा आयोजित किए जाने वाले इंजीनियरिंग एग्जाम्स को क्लीयर कर भी एडमिशन ले सकते हैं। बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी या इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक 4 वर्ष का अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स है। इसमें इंजीनियरिंग की दो बेसिक फील्ड्स- इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन का एक साथ स्टडी कराया जाता है।

इस कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, सर्किट्स, ट्रांसमीटर, रिसीवर, इंटीग्रेटेड सर्किट्स जैसे कम्युनिकेशन इक्विपमेंट्स के अलावा, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स, एनालॉग और डिजिटल ट्रांसमिशंस, डाटा-रिसेप्शन, माइक्रोप्रोसेसर्स, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, माइक्रोवेव इंजीनियरिंग, एंटीना और वेव प्रोग्रेशन आदि की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स से स्टूडेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन की फील्ड में कार्य करने के लिए अपेक्षित बेसिक कॉन्सेप्ट्स और थ्योरीज की जानकारी के साथ स्किल को बढ़ाने में मदद मिलती है।

पर्सनल स्किल
इस फील्ड में सफल होने के लिए स्टूडेंट्स में प्रॉब्लम-सॉल्विंग के गुण होने बहुत आवश्यक हैं। साथ ही, सूचनाओं को सटीक, संक्षिप्त और असरदार ढंग से पेश करने में माहिर होना जरूरी है। सही और गलत फैक्ट्स की जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही, स्टूडेंट्स के पास जिज्ञासु दिमाग होना चाहिए और वे आलोचना को स्वीकार करके उस पर काम करने की इच्छा जाहिर करें। कम्युनिकेशन इंजीनियरों का मुख्य काम होता है कि वे न्यूनतम खर्चे पर सर्वश्रेष्ठ संभावित हल उपलब्ध करवाए। इस तरह वे क्रिएटिव सुझाव निकालने में सक्षम हो पाते हैं। वे चिप डिजाइनिंग और फेब्रिकेटिंग के काम में शामिल होते हैं, सैटेलाइट और माइक्रोवेव कम्युनिकेशन जैसे एडवांस्ड कम्युनिकेशन, कम्युनिकेशन नेटवर्क सॉल्यूशन, एप्लिकेशन ऑफ डिफरेंट इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में काम करते हैं और इसलिए कम्युनिकेशन इंजीनियरों की सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्रों में अच्छी खासी मांग होती है।

कर सकते हैं स्पेशलाइजेशन
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स इस फील्ड में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।

सिग्नल प्रोसेसिंग : स्टूडेंट्स प्रोसेसिंग में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। इसमें सिगनल्स के एनालिसिस, सिंथिसिस और मॉडिफिकेशन के बारे में स्टडी किया जाता है।

टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग : देश में टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स की काफी डिमांड है। इस फील्ड में टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम्स को सपोर्ट और बढ़ावा दिया जाता है। इसके तहत बेसिक सर्किट डिजाइन से लेकर स्ट्रेटेजिक मास डेवलपमेंट्स तक सभी कार्य शामिल होते हैं।

कंट्रोल इंजीनियरिंग : स्टूडेंट्स चाहें, तो कंट्रोल इंजीनियरिंग की फील्ड में भी स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। इसमें मशीन के बिहेवियर को माइक्रो-कंट्रोलर्स, प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर्स, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर्स और इलेक्ट्रिकल सर्किट्स का इस्तेमाल करके कंट्रोल करते हैं।

इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग : यह फील्ड प्रेशर, फ्लो और टेंपरेचर की मेजरिंग डिवाइसेज की डिजाइनिंग से संबंधित हैं। इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए स्टूडेंट्स को फिजिक्स की काफी अच्छी जानकारी और समझ होनी चाहिए।

कंप्यूटर इंजीनियरिंग : इस सब्जेक्ट के तहत कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को डेवलप करने के लिए जरूरी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की विभिन्न फील्ड्स को एकीकृत किया जाता है।

वीएलएसआई डिजाइन इंजीनियरिंग (वीएलएसआई) : यह काफी अहम है। यह हजारों ट्रांजिस्टर्स को सिंगल चिप में जोड़ने और इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) बनाने की प्रोसेस है।

जॉब ऑप्शंस
यह एक शानदार जॉब ऑप्शन वाला फील्ड है। इस फील्ड में जॉब्स को दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है। पहली हार्डवेयर और दूसरी सॉफ्टवेयर। खास बात यह है कि स्टूडेंट्स के पास सरकारी और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्रों में नौकरियों के विकल्प खुले होते हैं। स्टूडेंट्स इलेक्ट्रॉनिक सर्किट डिजाइन, सिग्नल प्रोसेसिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन, रॉबोटिक्स, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्युनिकेशंस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉलिड स्टेट फिजिक्स, कंट्रोल सिस्टम, वीएलएसआई, डिफेंस नैनोटेक्नोलॉजी आदि से जुड़ी कंपनियों में जॉब की तलाश कर सकते हैं। कम्युनिकेशन इंजीनियर्स को टीसीएस, मोटोरोला, इंफोसिस, डीआरडीओ, इसरो, एचसीएल, रिलायंस आदि कंपनियों में अच्छी खासी सैलरी पर नौकरी मिल सकती है। यह कोर्स करने पर स्टूडेंट्स ब्रॉडकास्टिंग, कंसल्टिंग, डाटा कम्युनिकेशन, एंटरटेनमेंट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सिस्टम सपोर्ट आदि जैसे अन्य कई मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के संगठनों में काम कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर्स बतौर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, फील्ड टेस्ट इंजीनियर, नेटवर्क प्लानिंग इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस कंसलटेंट, कस्टमर सपोर्ट इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्निशियन, एसोसिएट फर्स्टलाइन टेक्निशियन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सर्विस इंजीनियर, सीनियर सेल्स मैनेजर, टेक्निकल डायरेक्टर आदि के तौर पर कार्य कर सकते हैं।

सैलरी पैकेज
इस फील्ड में सैलरी इस बात पर निर्भर करती है कि प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में कार्य कर रहे हैं या फिर गवर्नमेंट सेक्टर में। शुरुआती दौर में स्टूडेंट्स को 3-5 लाख रुपए वार्षिक सैलरी मिल सकती है। वहीं 5-7 वर्ष के अनुभव के बाद आप प्रति वर्ष 10-12 लाख रुपए या फिर इससे ज्यादा की कमाई भी कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान
-आईआईटी, कानपुर/दिल्ली/मुंबई
वेबसाइट: https://www.iitk/d/b.ac.in
-आरजीपीवी, भोपाल
वेबसाइट: https://www.rgpv.ac.in
-एनआईटी, रायपुर
वेबसाइट: http://www.nitrr.ac.in
-कुरुक्षेत्र विवि, कुरुक्षेत्र
वेबसाइट:https://www.kuk.ac.in

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English summary
The future of students pursuing a career in the field of Electronics and Communication Engineering is quite bright. The good thing about this course is that students can find work in both telecom industries and software industries. By the way, this area is quite large. It covers areas such as microwave and optical communication, signal processing, telecommunications, advanced communication, microelectronics. This branch of engineering holds an important place in everyday life.
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