Budget 2023: आम जनता के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की प्रमुख बातें

Budget 2023: भारत में आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण दिया. राष्‍ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार ने देशहित

Budget 2023: भारत में आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण दिया। राष्‍ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार ने देशहित को सर्वोपरि रखा है। नीति और फैसलों में इच्छाशक्ति दिखाई है। मेरी सत्ता राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य को पूरा करने में लगी है। अपने लोकतन्त्र को समृद्ध करते हुए हम उस वेद-वाक्य को आत्मसात करें जिसमें कहा गया है - "संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्"। अर्थात्, हम सब एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलें, हमारे संकल्प स्वरों में एकता का प्रवाह हो और हमारे अन्तःकरण एक दूसरे से जुड़े हुए हों।

Budget 2023: आम जनता के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की प्रमुख बातें

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से जुड़ी बड़ी बातें

संसद के इस संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृतकाल में प्रवेश किया। अमृतकाल के 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी और विकसित भारत के निर्माण का वक्त है।

हमारे सामने युग निर्माण का अवसर है। इसके लिए शत-प्रतिशत सामर्थ्य के साथ काम करना है। हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसमें अतीत का गौरव और आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है। जो मानवीय दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम हो। जहां गरीबी न हो, मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। युवा समय से दो कदम आगे चलते हों। ऐसा भारत हो, जिसकी विविधता और उज्ज्वल और एकता और ज्यादा अटल हो।

· 2047 में जब ये सच्चाई जीवंत होगी, तो इतिहास उसकी नींव का अवलोकन भी करेगा। आज अमृतकाल का ये समय महत्वपूर्ण हो गया है। मेरी सरकार को देश के लोगों ने पहली बार सेवा का अवसर दिया तो हमने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र से शुरुआत की थी। समय के साथ इसमें सबका प्रयास भी जोड़ा गया है। ये मंत्र राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा बन गया है।

· मेरी सरकार को कुछ ही महीने में 9 साल पूरे हो जाएंगे। इन 9 साल में भारत के लोगों ने सकारात्मक परिवर्तन देखे। आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है। दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। पहले हम दुनिया पर निर्भर हुआ करते थे, आज दुनिया की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं।

· हम जिस आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की कामना करते थे, वो देश में बनना शुरू हुआ है। आज भारत में डिजिटल नेटवर्क है, जिससे विकसित देश भी प्रेरणा ले रहे हैं। भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता था देश, उससे मुक्ति मिल रही है। आज देश की पहचान तेज विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों से हो रही है। हम दुनिया की 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से 5वें नंबर पर पहुंच गए हैं। यही वह नींव है, जो आने वाले 25 साल में विकसित भारत के आत्मविश्वास को बुलंद करेगी।

भगवान बसवेश्वर ने कहा था कि कर्म ही पूजा है और कर्म में ही शिव है। उनके दिखाए मार्ग पर सरकार राष्ट्र निर्माण में तत्परता से जुटी है। भारत में स्थिर, निडर और निर्णायक सरकार है, जो बड़े सपनों के लिए काम करती है। आज भारत में ईमानदार का सम्मान करने वाली सरकार है। आज भारत में गरीबी के स्थाई समाधान और सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली सरकार है।

राष्ट्रपति ने कहा- 2 साल में भारत ने 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी है। 2014 से 2022 तक 260 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। आज भारत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के जरिए जनकल्याण को सबसे पहले रखने वाली सरकार है। महिलाओं की हर बाधा को दूर करने वाली सरकार है। प्रगति के साथ प्रबुद्धि को संरक्षण देने वाली सरकार है। अपनी बेसिक भूमिका को लेकर आत्मविश्वास से आगे बढ़ने वाली सरकार है।

मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार 2 बार स्थिर सरकार चुनी। सरकार ने देशहित को सर्वोपरि रखा। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रयास, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर बुरे प्रयास को खत्म किया। आर्टिकल 370 से लेकर तीन तलाक तक सरकार की पहचान निर्णायक फैसले लेने वाली सरकार बनी।

निया में जहां भी राजनीतिक अस्थिरता है, वो देश संकट से घिरे हैं। हमारी सरकार ने जो निर्णय लिए, उससे भारत आज बाकी दुनिया से बेहतर स्थिति में है। मेरा स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार सामाजिक न्याय और लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमने निश्चित किया की ईमानदार का सम्मान होगा। भ्रष्टाचारियों की जगह नहीं रहेगी।

· आज सरकारी कामों में टेंडर और खरीद के लिए ई-मार्केट प्लेस की व्यवस्था है। इसमें 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ। राष्ट्रनिर्माण में ईमानदार योगदान देने वालों को सम्मान दिया जाता है। इनकम टैक्स फाइलिंग में जटिलता खत्म कर देशवासियों का जीवन आसान बनाया गया। कैश लेस से व्यवस्था में पारदर्शिता आई। आज ITR भरने के कुछ दिन भीतर रिटर्न मिलता है।

जनधन, आधार, वन नेशन-वन राशन जैसे स्थायी सुधार किए हैं। बीते सालों में डिजिटल इंडिया के तौर पर पारदर्शी व्यवस्था तैयार की। 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचता है। 27 लाख करोड़ से ज्यादा की रकम पहुंचाई गई है। वर्ल्ड बैंक कहती है इन्हीं योजनाओं के चलते भारत कोरोना काल में लोगों को गरीबी से बचा पाया है।

जब भ्रष्टाचार रुकता है और टैक्स की पाई-पाई का सदुपयोग होता है तो भारत सरकार को भी गर्व होता है। मतदाता चाहता है कि योजनाएं ऐसी हों, जिनसे समस्या का स्थायी समाधान हो। गरीबी हटाओ केवल नारा नहीं है, सरकार गरीब की चिंताओं का समाधान कर रही है। उसे सशक्त बना रही है। गरीबी का बहुत बड़ा कारण बीमारी होती है। बीमारी से गरीब परिवार को हौसला टूट जाता है। पीढ़ियां कर्ज में डूब जाती है। इसके लिए आयुष्मान योजना शुरू की गई। इसके तहत 50 करोड़ से ज्यादा देशवासी मुफ्त इलाज पा रहे हैं।

आज देश के 9 हजार जन औषधि केंद्रों में दवाएं दी जा रही है। इससे 20 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। गरीबों को इन दोनों योजनाओं से एक लाख करोड़ की मदद मिली है। ग्रंथों में लिखा है ये अपना- ये पराया की सोच सही नहीं होती। सरकार ने हर वर्ग के लिए काम किया है। कुछ साल में मूल सुविधाएं शत प्रतिशत आबादी तक पहुंच चुकी है या लक्ष्य के करीब है। कृषि योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों को मिले, कोई वंचित ना हो।

कोरोना काल के दौरान दुनियाभर में गरीब के लिए गुजारा मुश्किल हो गया था। भारत उन देशों में से एक है, जिसने गरीब को बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। कोशिश की कि कोई गरीब भूखा न सोए। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को हम आगे भी चलाएंगे। ये एक संवेदनशील और गरीब हितैषी सरकार की पहचान है। योजना के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज के लिए साढ़े तीन लाख करोड़ खर्च कर चुकी है। आज इस योजना की प्रशंसा पूरे विश्व में हो रही है।

सरकार ने हर उस समाज की इच्छा को पूरा किया जो सदियों से वंचित रहा था। गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासियों की इच्छा पूरी कर उन्हें सपने देखने का अवसर दिया। कोई काम और प्रयास छोटा नहीं होता। विकास में सबकी भूमिका है। रेहड़ी, ठेले, फुटपाथ पर बड़ी संख्या में लोग व्यापार करते हैं। विकास में इन साथियों की भूमिका को भी सराहा गया। पहली बार इनको फॉर्मल बैंकिंग से जोड़ा और सस्ते लोन की व्यवस्था की। डिजिटल लेन-देने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। 40 लाख साथियों को लोन दिया गया।

11 करोड़ छोटे किसान भी प्राथमिकता है। इन्हें मजबूत बनाने के लिए किसान सम्मान निधि के तहत सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई। इनमें 3 करोड़ लाभार्थी इनमें महिलाएं हैं। इससे अभी तक 54 हजार करोड़ रुपए इन महिला किसानों को मिले। छोटे किसानों के लिए फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाई गई। पशुपालकों को भी जोड़ा गया। अनुसूचित जाति के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आदिवासियों के लिए जनजाति दिवस मनाया जा रहा है। आज 36 हजार से ज्यादा आदिवासी गांवों को विकसित किया जा रहा है। 400 से ज्यादा एकलव्य मॉडल स्कूल भी खोले गए हैं।

3 हजार से ज्यादा वन धन विकास केंद्र आजीविका का साधन बने हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को OBC की भलाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता को जाहिर किया। बंजारा, घुमंतू समुदाय के लिए भी बोर्ड बनाया। हमने पिछड़े जिलों को विकसित करने का काम किया। 500 ब्लॉक को एस्पिरेशनल ब्लॉक में डेवलप करने का काम किया गया। सरकार ने स्थायी शांति के लिए कदम उठाए। नॉर्थ ईस्ट विकास की नई गति का अनुभव कर रहे हैं। सीमावर्ती गांवों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए वाइब्रेंट विलेज पर काम शुरू किया। सुरक्षा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। पिछले कुछ दशकों से बड़ा खतरा बन चुका वामपंथी हिस्सा भी कुछ जिलों तक सीमित रह गया है।

सरकार की एक उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की रही। नारी शक्ति नाम कविता है। इसे ओडिया की कवि उत्कल भारती ने 100 साल पहले लिखा था। 'भारत की नारी पृथ्वी पर किसी की तुलना में न तो दीन है ना हीन। उसकी कीर्ति युगों-युगों तक लुप्त नहीं होगी।' गर्व होता है कि आज हमारी बहनें-बेटियां इस सपने के अनुरूप विश्व में पताका लहरा रही हैं।

हर योजना के केंद्र में महिलाओं के रोजगार, सशक्तिकरण, उत्थान का भाव रहा है। जहां पुरानी मान्यताओं को तोड़ना पड़ा, वहां से भी पीछे नहीं हटे। बेटी बचाओ के तहत बेटियां बढ़ रही हैं। पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है। उनका स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है। मां-बच्चों के जीवन को बचाने में भी हम सफल रहे। आयुष्मान की 50 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं।

सरकारी स्कूल में अलग टॉयलेट, सेनेट्री पैड योजना से लड़कियों के ड्रॉप आउट रेट में कमी आई। स्वच्छ भारत से गरिमा बढ़ी और सम्मान भी मिला। शिक्षा नीति में भी कई कदम उठाए गए। ये निश्चित किया है कि किसी भी काम में महिलाओं के लिए बंदिश ना हो। माइनिंग से लेकर सेना में अग्रिम मोर्चे तक उनकी भर्ती पर बल दिया गया। सैनिक और मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों में बेटियां पढ़ ही हैं।

सरकार ने मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह किया। मुद्रा योजना की 70 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं। इससे उनकी आर्थिक शक्ति बढ़ी। पीएम आवास योजना की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम होने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा। 80 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों से 9 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। इन्हें लाखों करोड़ की मदद दी गई है। मुर्मू ने कहा- भारत में सेमी कंडक्टर चिप से लेकर हवाई जहाज के निर्माण की कोशिश कर रहे हैं। पहले हम मोबाइल आयात करते थे, आज भारत बड़ा निर्यातक बन चुका है।

सरकार ने विरासत को मजबूती देने और विकास को प्राथमिकता देने की राह चुनी है। आज एक तरफ देश में अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है तो वहीं आधुनिक संसद भवन भी बन रहा है। हमने केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और महाकाल लोक का निर्माण किया तो हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं।

तीर्थों का विकास कर रहे हैं तो भारत दुनिया की बड़ी स्पेस पावर भी बन रहा है। भारत ने पहला प्राइवेट सैटेलाइट भी लॉन्च किया है। एक तरफ आदि शंकराचार्य, बसवेश्वर जैसे संतों के दिखाए रास्ते पर बढ़ रहे हैं, दूसरी तरफ भारत हाईटेक नॉलेज का हब बन रहा है।

भारत प्राकृतिक खेती की मिलेट्स की परंपरागत फसलों को बढ़ा रहा है। नैनो यूरिया जैसी टेक्नोलॉजी का विकास भी किया। खेती के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहे हैं, ड्रोन टेक्नोलॉजी, सोलर पावर से किसान को ताकत दे रहे हैं। गांव के घरों की ड्रोन से मैपिंग की जा रही है। सैकड़ों आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च की जा रही हैं। नदी-जल मार्ग और बंदरगाहों को भी आधुनिक बनाया जा रहा है।

गुलामी के हर निशान और हर मानसिकता से मुक्ति के प्रयास लगातार चल रहे हैं। कभी जो राजपथ था, वो कर्तव्य पथ है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा हर भारतीय को गौरवान्वित कर रही है। अंडमान निकोबार में भी हमने नेताजी को सम्मान किया। यहां आईलैंड नेताजी को समर्पित किया है। परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर 21 द्वीपों का नामकरण भी किया है।

नेशनल वार मेमोरियल आज राष्ट्रीय शौर्य का प्रतीक है। नौसेना को शिवाजी महाराज का प्रतीक मिला है। भगवान बिरसा मुंडा जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय बन रहे हैं। हर प्रधानमंत्री के योगदान को दिखाने वाला प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया है। मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का लाभ मिल रहा है। मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ रही है। भारत में ही सेमी कंडक्टर चिप से लेकर हवाई जहाज के निर्माण की कोशिश कर रहे हैं। निर्यात दर बढ़ रही है। पहले हम बड़ी संख्या में मोबाइल आयात करते थे, आज भारत बड़ा निर्यातक बन चुका है।

देश में खिलौनों के आयात में 70 फीसदी की कमी आई है, निर्यात 60 फीसदी तक बढ़ गया है। हमारी सेना में आज आईएनएस विक्रांत के रूप में पहला एयरक्राफ्ट करियर भी शामिल हुआ है। खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर एक लाख करोड़ से ज्यादा हो चुका है। बिक्री चार गुना बढी है। 2015 से भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स पर 81वें स्थान पर था, अब 40वें पर हैं। भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्टअप थे, अब संख्या 90 हजार है।

अग्निवीर योजना लाए हैं हम युवाओं के लिए। खेलों के जरिए भी युवाओं ने अपने आपको साबित किया है। प्रतिभाएं खोजने के लिए खेलो इंडिया गेम्स, सेंटर्स स्कीम शुरू की गई है। देश के विकास के लिए सरकार जिस गति से काम कर रही है, वो अभूतपूर्व है। गरीबों के लिए हर रोज 11 हजार घर बने हैं। हर रोज ढाई लाख लोग ब्रॉडबैंड से जुड़े। 55 हजार से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए। 700 करोड़ का लोन दिया गया। हर महीने एक मेडिकल कॉलेज बना है। हर दिन 2 कॉलेज की स्थापना हुई है। हर हफ्ते एक यूनिवर्सिटी बनी है।

2 साल में भारत ने 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी है। 2004 से 2014 के बीच 145 मेडिकल कॉलेज खुले थे। 2014 से 2022 तक 260 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले हैं। मेडिकल छात्रों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। 2014 से पहले 725 विश्वविद्यालय थे। 8 साल में 300 से ज्यादा विश्वविद्यालय बने। 5 हजार से ज्यादा कॉलेज खोले गए हैं। ग्राम सड़क योजना में 2014 3.81 लाख किलोमीटर बनी थी। 8 साल में ये नेटवर्क 7 लाख किलोमीटर से ज्यादा हो गया है। 99 फीसदी से ज्यादा बस्तियां सड़कों से जुड़ चुकी हैं।

आज दुनिया अनेक चुनौतियों से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रभाव पर प्रश्न उठ रहे हैं। भारत आज विभाजित दुनिया को किसी ना किसी तरह से जोड़ रहा है। ग्लोबल सप्लाई की चेन को भारत मजबूत कर रहा है। दुनिया भारत की ओर उम्मीद से देख रहा है। इस साल हम जी-20 का नेतृत्व कर रहे हैं। वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर के मंत्र के साथ हम चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं। भारत के वैश्विक रिश्तों का बेहतरीन दौर है। हमने राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर भूमिका का विस्तार किया।

अफगानिस्तान भूकंप हो या श्रीलंका संकट हम सबसे पहले मानवीय सहायता लेकर पहुंचे। संकट में फंसे अपने नागरिकों को हम अफगानिस्तान और यूक्रेन से सुरक्षित लेकर आए। भारत ने कई अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की। आतंकवाद के खिलाफ भारत की आवाज हर मंच पर सुनी जा रही है। UN में भारत ने आतंकवाद पर अपनी भूमिका को साफ किया। साइबर सिक्योरिटी की चिंताओं को भी सरकार दुनिया के सामने रख रही है। सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर हम जोर दे रहे हैं। लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की अनंत यात्रा गौरव से भरी है। हमने लोकतंत्र को मानवीय संस्था के तौर पर विकसित किया। आने वाले सालों में भी भारत गतिमान रहेगा। आगे भी लोकतंत्र सशक्त होगी।

भारत का ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म सदियों से दुनिया को रास्ता दिखा रहा है और आने वाले सदियों में भी ऐसा ही करेगा। भारत के आदर्श और मूल्य गुलामी के दौर में भी अटूट रहे और आगे भी अटूट रहेंगे। राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान अतीत में भी अमर थी और आगे भी अमर रहेगी। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम मुश्किल लगने वाले लक्ष्य तय करें और हासिल करें। जो कल होना है, उसे आज हासिल करने की कोशिश करें। जो दूसरा बाद में करने की कोशिश कर रहा है, उसे हम आज करें।

हम उस वेद वाक्य को आत्मसात करें, जिसमें कहा गया है- हम सब एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलें, संकल्प में एकता का प्रवाह हो और अंत:करण जुड़े हों। राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में कर्तव्य पथ पर चलते हुए संविधान की शपथ को पूरा करें।

UPSC क्या है, कौन सी परीक्षाएं आयोजित करता है और IAS की तैयारी कैसे करें जानिएUPSC क्या है, कौन सी परीक्षाएं आयोजित करता है और IAS की तैयारी कैसे करें जानिए

UPSC IAS की तैयारी के लिए सबसे बेस्ट किताबें कौन सी है जानिएUPSC IAS की तैयारी के लिए सबसे बेस्ट किताबें कौन सी है जानिए

For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

English summary
Budget 2023: The budget session of Parliament has started in India from today. President Draupadi Murmu delivered his maiden address to the joint sitting of both the Houses of Parliament today. The President said in his address that my government has kept the interest of the country paramount. Willpower has been shown in policy and decisions. My power is engaged in fulfilling the duty of nation building.
--Or--
Select a Field of Study
Select a Course
Select UPSC Exam
Select IBPS Exam
Select Entrance Exam
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X