वित्तीय वर्ष की शुरुआत मार्च के महीने की जाती है। जिससे पहले अगले पूरा साल का एक बजट लोकसभा में पेश किया जाता है, जिसके अनुसार तय होता है कि किस सेक्टर के लिए कितना बजट प्राप्त होगा और किन नए योजनाओं की शुरुआत होनी है और उनके लिए क्या बजट तय किया गया है। वर्ष 2023-23 का बजट आज यानी 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री नीरमला सीतारमण द्वारा पेश किया जा रहा है। जिसमें साइंस और टेक्नोलॉजी भी शामिल हो। जिस प्रकार भारत साइंस और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने की दिशा में कार्य कर रहा है उसके अनुसार बजट को लेकर विशेषज्ञों में अच्छे बजट की उम्मीदें भी बढ़ रही है।
अगर बात करें पिछले साल के बजट की तो वर्ष 2022-23 में साइंस और टेक्नोलॉजी को 14,217 करोड़ का बजट दिया गया था जो 2021-22 के तुलाना में कम था। वर्ष 2021-22 में साइंस और टेक्नोलॉजी को 14,793 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ था, लेकिन उसके बाद वर्ष 2022-23 में बजट में बढ़ोतरी तो दूर की बात उसमें 3.89 प्रतिशत की कटौती जरूर देखनों के मिली। पिछले साल के आकंड़ों के अनुसार और इस साल के बजट को लेकर जताई गई उम्मीदें भी कम नहीं होगी। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि वित्त वर्ष 2023-23 में साइंस और टेक्नोलॉजी के लिए 15,000 करोड़ तक का बजट आवंटित किया जा सकता है।
बजट 2023
भारत में विज्ञान और प्रोद्योगिकी बहुत महत्व दिया जा रहा है। जिसे और अधिक बढ़ावा देने के लिए हर साल वित्तीय वर्ष के लिए एक बजट तय किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए विज्ञान और प्रोद्योगिकि को 16,361 का बजट आवंटित किया गया है।
साइंस और टेक्नोलॉजी में भारत बनेगा आत्मनिर्भर
भारतीय सरकार इस समय भारत को साइंस और टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने में लगी है ताकि विदेशों द्वारा डेवलप किसी भी टेक्निकल वस्तु की जगह भारत अपने द्वारा बनाई चिजों का ज्यादा प्रोयग करने और आत्मनिर्भर बने। जिसके लिए युवाओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है और उन्हें साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हिस्सा लेने को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है और इनोवेशन इंडिया जैसे कई पहलों की शुरुआत की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में योगदान दे सकें और बाहर की निर्मित वस्तुओं की जगह स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण किया जा सकें। जिसमें स्वदेशी उपकरण भी शामिल को निर्माण भी शामिल है।
इसमें युवा और स्कूल के बच्चों को फोकस किया जा रहा है जिन्हें साइंस और टेक्नोलॉजी में अधिक दिलचस्पी है और उनकी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वह साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपने द्वारा बनाई वस्तुओं और इनोवेशन के माध्यम से योगदान कर सकें।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
भारत इस समय सबसे अधिक फोकस डिजिटल इंडिया प्रोग्राम पर रख रहा है। इस प्रोग्राम के माध्यम से भारत साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य प्राप्त करने की पहल है। इस कार्यक्रम में मुख्य केंद्र टेक्नोलॉजी को रखा गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कई अन्य योजनाएं साथ में आती है और कई विशेषज्ञों के विचारों और सुझावों को साथ लाकर इस पर कार्य किया जाता है। इसके माध्यम से भारत के शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण इलाकों में साइंस को अधिक बढ़ावा देने के लिए योगदान किया जा रहा है ताकि टेक्नोलॉजी को हर वांछित क्षेत्र तक पहुंचाया जा सकें।
क्योंकि भारत आत्मनिर्भर बनने कि दिशा में है उसके लिए साइंस और टेक्नोलॉजी के लिए अधिक बजट की आवश्यकता है, ताकि उच्च स्तर की गुणवत्ता वाले इनोवेशन पर ध्यान दिया जा सकें।