भारतीय संसद में चल रहे कंद्रीय बजट 2023 के आज दूसरे दिन भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण बजट 2023 पेश कर रही है। जिसमें की देश के सभी युवाओं और छात्रों की निगाहें रोजगार की नई योजनाएं जानने के लिए टिकी हुई है। आशा की जा रही है कि इस बार कंद्रीय बजट 2023 में निर्मला सितारमण युवाओं के लिए रोजगार की योजनाओं की लेकर आ सकती है।
दरअसल, बजट में उन उपायों का खुलासा होने की संभावना है जो लोगों के कौशल को बढ़ाने में मदद करेंगे। अधिकांश पीएलआई योजनाओं में नए युग के क्षेत्र शामिल हैं, जिनकी रोजगार सृजन में बहुत बड़ी भूमिका है। पर्यटन और आतिथ्य जैसे क्षेत्र, जो महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए थे, कर्मचारियों को वापस लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि वे अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित हो गए हैं। गौरतलब है कि ट्रैवल इंडस्ट्री ने इस साल के बजट में सरकार से जीएसटी में राहत की मांग की है।
बजट 2023 रोजगार के लिए नई योजनाएं
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई 4.0)
पीएमकेवीवाई 4.0 में कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिंजेंस रोबोटिक्स, 3डी मुद्रण, आदि नए पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।
पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उपाय
इसमें घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक पूर्ण पैकेज के अंतर्गत चुनौतीपरक रीति से चुने गए कम से कम 50 गंतव्यों को विकसित करने के लिए कहा गया है।
युनिटी मॉल स्थापित करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन
युनिटी मॉल में ओडीओपी (एक जिला- एक उत्पाद), जीआई और हस्तशिल्प उत्पादों के संवर्धन और विक्रय को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रमुख रोजगार योजनाओं के लिए केंद्र सरकार का बजट 2023
रोजगार योजनाएं | 2023- 24 (बजट अनुमान) | 2022-23 (संशोधित अनुमान) | |
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना | 2273 करोड़ | 5758 करोड़ | |
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) | 2700 करोड़ | 2484 करोड़ | |
कौशल भारत कार्यक्रम | 2278 करोड़ | - |
रोजगार बजट 2023 से सरकार की उम्मीदें
रोजगार सृजन के लिए बजट 2023 में पीएलआई की तर्ज पर एक योजना भारत की नौकरियों की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकती है। बजट 2023 में एक रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना ठीक उसी तरह जैसे उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना उन क्षेत्रों के लिए है जिनमें रसद और पर्यटन जैसे रोजगार पैदा करने की अधिक संभावना है।
सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने एक पैनल चर्चा के दौरान कहा "हमें लगता है कि पीएलआई योजनाएं बहुत सकारात्मक रही हैं। इसका विस्तार करना और उसमें रसद और पर्यटन जैसे कुछ क्षेत्रों को जोड़ना एक रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना है जिसमें की बहुत से लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।" बजाज ने अर्थव्यवस्था पर इसके गुणक प्रभाव और ग्रामीण और शहरी नौकरियों और घरेलू खपत के एक प्रमुख चालक के कारण अधिक बुनियादी ढांचे के खर्च की वकालत की।
बजाज ने कहा, "सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग में निरंतर विस्तार ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है। इसने हमारी अर्थव्यवस्था को एक साथ रखा कर घरेलू खपत को बढ़ाया है और ग्रामीण और शहरी नौकरियां प्रदान की हैं।" उन्होंने केंद्रीय बजट में आय सीढ़ी के निचले पायदान पर करदाताओं के लिए राहत की मांग की, जिससे की इन लोगों को अपने रुपये को थोड़ा और बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि महंगाई और नौकरी छूटने से इस सेगमेंट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
बता दें कि, मेक इन इंडिया के तत्वावधान में अधिक घरेलू उत्पादन की ओर धकेलने के लिए केंद्र ने 2020 में पीएलआई योजना की शुरुआत की थी। इस योजना ने वैश्विक विनिर्माताओं को भारत में आधार बदलने के लिए आकर्षित करने में अच्छा काम किया है, विशेष रूप से चीन में उनके लिए बढ़ती मुसीबतों के आलोक में।
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