Bihar: वर्क फॉर्म होम में गांव के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने इंजीनियर की मुहिम

कोरोना महामारी के दौरान सभी लोगों की सुरक्षा और महामारी के चेन तोड़ने के लिए शिक्षण संस्थानों ने बच्चों की कक्षाएं ऑनलाइन लेनी शुरू करी साथ ही सभी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम शुरू किया। उसी दौरान कोलकत्ता की एक एमएनसी कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर सत्येंद्र कुमार सेठ भी बिहार में अपनी जन्मभूमि रोहतास जिले के फुलवरिया चेनारी प्रखंड के तेलारी गांव लौट आए। अपने गांव पहुंच कर उन्हें वहां शिक्षा की खराब स्थिति को देखा। उन्हें एहसार हुआ की प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बच्चों को शुरू से कई विषयों की नॉलेज देनी आवश्यक है। सत्येंद्र कुमार सेठ ने अपने गांव के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को आज के समय के अनुसार पढ़या ही नहीं जाता है। जिस तरह से छात्रों को इंग्लिश, रिजनिंग और जनरल नॉलेज का ज्ञान होना चाहिए उस हिसाब से उन्हें इन विषयों का कोई ज्ञान नहीं है। छात्रों को कंप्यूटर, इंग्लिश और रिजनिंग में बेहतर नॉलेज प्रदान करना आवश्यक है।

Bihar: वर्क फॉर्म होम में गांव के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने इंजीनियर की मुहिम

छात्रों को अच्छी शिक्षा दिलाने और प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए शुरू से ही तयार करने के लिए सत्येंद्र कुमार ने बच्चों को निःशुल्क ज्ञान देना का फैसला किया और निम्नलिखित तरह से उनको अच्छी शिक्षा देने का प्रयत्न कर रहे हैं। आइए जाने किस प्रकार उन्होंने अपने गांव के बच्चों को शिक्षा प्रदान की और अपना योगदान दिया।

करियर गाइडेंस

कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए करियर गाइडेंस की शुरूआत की। छात्रों के पास कक्षा 10 पास करने के बाद क्या स्कोप है वह भविष्य में क्या कर सकते है खासतौर पर प्राइवेट सेक्टर में। प्राइवेट सेक्टर के बारे में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अधिक जानकारी कम होती है। उन्होंने "करियर गाइडेंस आफ्टर 10th" के सेमिनार का आयोजन किया ताकि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी आज के समय की एजुकेशन और करियर ऑप्शन के बारे में बताया जा सके। इसके अलावा किस विषय को लेकर आप किस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं का ज्ञान भी दिया गया। इस सेमिनार में बच्चों द्वारा पुछे गए सभी सवालों का जवाब विस्तार में देकर उन्हें सही मार्गदर्शन देने का प्रयास किया गया।

टैलेंट हंट प्रतियोगिता

सत्येंद्र कुमार ने सबसे पहले निःशुल्क टैलेंट हंट प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें छात्रों को ओएमआर शीट का ज्ञान देने के लिए ओएमआर शीट का प्रयोग किया गया। प्रश्न पत्र को आज के कंपटीशन के अनुसार सेट किया गया था। इस प्रतियोगित को टॉप करने वाले छात्र को पुरस्कार दिए गए। प्रतियोगिता की आंसर कॉपी को चेक करने पर उनकी कमजोरी अंग्रेजी के बारे में पता लगा। उसमें सुधार करने के लिए अंग्रेजी शिक्षा पर ध्यान दिया गया।

निःशुल्क इंग्लिश स्पोकन

बच्चों की इंग्लिश में सुधार करने और अंग्रेज बोलने में सहयाता करने के लिए इंग्लिश स्पोकन क्लास की शुरूआत की गई। करियर गाइडेंस के सेमिनार में उन्हें जानकारी मिल गई थी। बच्चों की इंग्लिश बोलना सीखाने के लिए प्रतिदन 1 घंटे की क्लास दी जाती है ताकि उन्हें इंग्लिश बोलने की प्रैक्टिस करवाई जा सके। बच्चों की इंग्लिश उच्चारण को ठीक किया जाता है और कमीयों के बारे में समझा कर उन्हें इंग्लिश बोलने के लिए तयार किया जाता है।

सत्येंद्र कुमार सेठ का मुख्य लक्ष्य है कि इस मुहिम से धीरे-धीरे अनेकों छात्र-छात्राओं में इंग्लिश स्पोकन का जुनून जगेगा। वह इसके बाद कंप्यूटर की शिक्षा पर ध्यान देंगे। कंप्यूटर की जानकारी निजी और सरकारी दोनों क्षेत्र में आवश्यक होती है। इसी के साथ जो विद्यार्थी कंप्यूटर और इंग्लिश स्पोकन जानते होंगे वह बेसिक नौकरी तो जरूर कर सकते हैं और अपने परिवार की जीविका अच्छे से चला सकते हैं। उनका लक्ष्य है की वह शिक्षा के साथ इंग्लिश और कंप्यूटर दोनों का बेसिक ज्ञान विद्यार्थी को दे सकें।

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English summary
The main goal of Satyendra Kumar Seth is that this campaign will gradually awaken the passion of English Spoken among many students. He will then focus on computer education. Computer knowledge is essential in both the private and government sector. Along with this, students who know computer and spoken English, they can definitely do basic job and can run their family's livelihood well.
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