वाशिंगटन: जब से भारत में चीनी एप टिक-टॉक बैन किया गया है, तब से हर देश में टिक-टॉक को डिलीट करने की मुहीम चल रही है। इसी क्रम में सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपने कर्मचारियों को ई-मेल भेजकर चीनी एप टिक-टॉक डिलीट करने को कहा, लेकिन जब विवाद बड़ा तो कुछ ही घंटों में अपने फैसले से पलट गया और कहा कि यह मेल गलती से चला गया था। अमेजन ने कहा कि कंपनी की तरफ से कुछ कर्मचारियों को टिक टॉक डिलीट करने का ई-मेल गलती से चला गया।
बाइटडांस टिक टॉक के खिलाफ दबाव
दुनिया भर में अमेजन के 8 लाख 40 हजार से ज्याद कर्मचारी हैं। अगर कर्मचारियों पर यह फैसला लागू हो जाता तो चीनी इंटरनेट दिग्गज बाइटडांस टिक टॉक के खिलाफ दबाव बढ़ जाता। वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन के इस कदम को सुरक्षा के नजर से देखने को कहा है। इससे पहले भारत सरकार ने भी सुरक्षा कारणों से टिक टॉक समेत 59 चीनी एप्स को भारत में बैन कर दिया है।
माइक पोम्पिओ ने क्या कहा
कंपनी ने कहा है कि उपयोगकर्ता डेटा सिंगापुर में बैकअप कॉपी के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में संग्रहीत है। इस मामले से परिचित एक व्यक्ति ने कहा कि टिकटॉक का उपयोगकर्ता डेटा मुख्य रूप से अपने वर्जीनिया स्थित डेटा सेंटर में Google क्लाउड में संग्रहीत है। हाल में चीनी स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने पर "निश्चित रूप से देख रहा है। यह सुझाव देते हुए कि उसने चीनी सरकार के साथ साझा जानकारी दी है।
रिपब्लिकन नेशनल कमेटी का फैसला
पोम्पेओ से जब यह पूछा गया कि क्या अमेरिकियों को इसे डाउनलोड करना चाहिए ? उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा कि केवल अगर आप अपनी निजी जानकारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों में चाहते हैं तो ही डाउनलोड करें। वहीं शुक्रवार को, रिपब्लिकन नेशनल कमेटी ने अपने सदस्यों से ईमेल के माध्यम से TikTok को डाउनलोड न करने के लिए कहा। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (DNC) ने शुक्रवार को ऐप डाउनलोड करने से रोकने के लिए दिसंबर से कहा रहा है।