FDI क्या है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लाभ और नुकसान जानिए

भारत फिलहाल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह पर अधिक ध्यान दे रहा है, जिसको और अधिक बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें से इंडिया के साथ आत्मनिर्भर भारत के बारे में तो आपने सुना होगा। इस तरह की कई पहलों के माध्यम से एफडीआई प्रवाह को और बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा है। आपको बता दें कि इन सुधारों का असर देखनों की भी मिला है। जहा 2014 से 2015 में एफडीआई प्रवाह केवल 45.15 बिलियन का था वह आज यानी 2012 से 2022 के समय के दौरान 84.84 बिलियन दर्ज किया गया है। इसके साथ आपका ये जानना आवश्यक है ये प्रवाह अभी तक का सबसे अधिक वार्षिक प्रवाह रहा है।

इनोवेशन, विज्ञान और उद्योग में लागातार हो रही बढ़ौतरी इस प्रवाह को और अधिक बढ़ावा देगी। भारत सरकार द्वारा इस प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के निवेश और योजनाओं को चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से आने वाले समय और अधिक एफडीआई प्रवाह की उम्मीद की जा रही है। एफडीआई का अर्थ ही सुविधाओं का निर्माण करना और विदेशी परिचलनों से लाभ अर्जित करना है। आइए आपको इस लेख के माध्यम से एफडीआई और उसके प्रवाह में बढ़ौतरी के लिए उठाए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दें।

FDI क्या है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लाभ और नुकसान जानिए

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश क्या है?

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मुख्य तौर पर विलय और अधिग्राहण की एक सुविधाओं का निर्माण है और इसमें विदेशी परीचलनों से लाभ अर्जित करना, पुनर्निवेश और इट्रा कंपनी ऋण आदि शामिल होता है। एफडीआई आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और गैर ऋण वित्त का स्त्रोत है। एफडीआई घरेलू पूंजी का पूरक और इसके साथ पूरक पूंजी और अत्याधुनिक प्रोद्योगितियों तक की पहुंच रखता है और इसके माध्यम से घरेलू कंपनियों को लाभान्वित करता है। साथ ही इसके माध्यम से वैश्विक प्रबंधकिय प्रथाओं के साथ संपर्क स्थापित होता है, जिसके माध्यम से रोजगार सृजन और क्षेत्रों में तेजी गति से वृद्धि होती है।

संक्षिप में बात करें तो इसका तात्पर्य नई सुविधाओं के निर्माण से है जो एक स्थायी प्रबंधन हित निवेशकों के आलावा किसी अर्थव्यवस्था से संचालित उद्यम है। इसमें मुख्य तौर पर संयुक्त उद्यम, प्रबंधन, विशेषज्ञता का हस्तांतरण और प्रौद्योगिकी शामिल होती है।

भारत में एफडीआई प्रवाह (2000 से 1 और 2021 से 22)

भारत में एफडीआई प्रवाह 2000-1 से 2021-22 के दौरन 20 गुना बढ़ा है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बात करें तो भारत का संचयी एफडीआई प्रवाह अप्रैल 2000-जून 2022 के बीच 871.01 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अब यदि बात करें जनवरी से मार्च 2022 की तो पता चलता है इसस समय के दौरान भारत में कुल एफडीआई प्रवाह 22.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि इसी अवधि के लिए एफडीआई इक्विटी प्रवाह 15.59 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अप्रैल 2021-मार्च 2022 से, भारत के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उद्योग ने 14.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उच्चतम एफडीआई इक्विटी प्रवाह आकर्षित किया, इसके बाद ऑटोमोबाइल उद्योग 6.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर, व्यापार 4.53 बिलियन अमेरिकी डॉलर और निर्माण गतिविधियां 3.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही। इसके साथ आपको बता दें कि किस-किस देश के साथ भारत में एफडीआई प्रवाह अच्छा रहा। वह इस प्रकार है -

सिंगापुर - 15.87 बिलियन डॉलर का प्रवाह रहा है।
अमेरिका 10.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर
मॉरीशस 9.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर
नीदरलैंड 4.62 बिलियन अमेरिकी डॉलर

इस समय काल के दौरन जिस राज्य ने सबसे अधिक एफडीआई प्राप्त की है वह इस प्रकार है -

कर्नाटका - 22. 7 बिलियन डॉलर
महाराष्ट्र - 15.43 बिलियन डॉलर
दिल्ली - 8.18 बिलियन डॉलर
गुजरात - 2.70 बिलियन डॉलर
हरियाणा - 2.79 बिलियन डॉलर

इसके आगे आपको बताएं तो 2022 में भारत को 811 औद्योगिक निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिसका मूल्य 352,697 करोड़ रुपये और अमेरिकी डॉलर में 42.78 0 बिलियन डॉलर।

एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए भारत के कदम

भारत ने एफडीआई प्रवाह को बढ़ावे देने के लिए कई कदम उठाएं है ताकि इसका लाभ प्राप्त किया जा सके आइए उन कदमों के बारे में जाने -

- एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने एक निवेशक-हितैषी नीति बनाई। जिसमें अधिक से अधिक क्षेत्रों को 100 प्रतिशत एफडीआई प्राप्त करने के लिए खोला गया है। आपको बता दें कि एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई नीति की समीक्षा समय-समय पर की जारी रही है ताकि इसके माध्यम से ये सुनिश्चित किया जा सके कि भारत निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। नीति में किसी भी प्रकार के बदलाव शीर्ष उद्योग मंडलों, संघों, उद्योगों/समूहों के प्रतिनिधियों और अन्य संगठनों सहित हितधारकों के विचारों/टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए गहन विचार-विमर्श के बाद प्राप्त परिणाम के अनुसार किए जाते हैं। ताकि इसके माध्यम से आवश्यक लाभी की प्राप्त की जा सके।

- भारत सरकार ने देश में समग्र व्यापार नियामक वातावरण में सुधार करने, मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, अनावश्यक आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं को समाप्त करके एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

- भारत सरकार ने हाल ही में चल रही घरेलू निवेश को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं के अलावा कइ अन्य कदम भी उठाएं है। जिसमें नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन, कॉरपोरेट टैक्स में कमी, एनबीएफसी और बैंकों की तरलता की समस्या को कम करना, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए व्यापार नीति के उपायों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सरकार ने सार्वजनिक खरीद आदेश, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी), विभिन्न मंत्रालयों की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को भी बढ़ावा दिया है।

एफडीआई प्रवाह को बढ़ाने के लिए निवेश और विकास

भारत सरकार एफडीआई को अधिक बढ़ावा देने के लिए कई कार्य कर रही हैं। आपको बता दें की भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचांक में 68वें स्थापन पर है। इनोवेटिव देश की सूची की बात करें तो वहां भारत 48वां स्थान प्राप्त हुआ है। इन्हीं सभी कारको से भारत में एफडीआई को बढ़ावा मिल रहा है। जैसा की हमने बताया कि भारत सरकार एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए कई निवेश कर पर रही है जिसकी सूची इस प्रकार है-

• अप्रैल-जून 2022 से, भारत के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उद्योग ने 3,427 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई निवेश प्राप्त किया।

• मई 2022 में, भारत ने 494 करोड़ रुपये का एफडीआई निवेश रक्षा निर्माण क्षेत्र में प्राप्त किया।

• मई 2022 में, इतालवी वित्तीय सेवा प्रमुख जेनराली ने फ्यूचर एंटरप्राइजेज से फ्यूचर जेनेराली इंडिया इंश्योरेंस में 25% हिस्सेदारी का 1,252.96 करोड़ का अधिग्रहण पूरा किया।

• मई 2022 में, जेनवर्कर्स हेल्थ ने 135 करोड़ रुपये का दूसरा दौर निवेशकों के एक संघ से के माध्यम से हासिल किया। इसमें समरसेट इंडस कैपिटल पार्टनर्स, मॉर्गन स्टेनली शामिल हैं, अपनी फंडिंग शाखा ग्रैंड विस्टा, इवोल्वेंस और विप्रो जीई शामिल है।

• मई 2022 में, टॉपलाइन, एक सॉफ्टवेयर-एज़-ए-सर्विस (सास) स्टार्ट-अप, ने टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल इंडिया के नेतृत्व में एक फंडिंग राउंड में 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए।

• मई 2022 में, किरणकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जो 10-मिनट का ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जेप्टो चलाता है, ने वाई कॉम्बिनेटर की निरंतरता निधि के नेतृत्व में डी सीरीज फंडिंग राउंड में 200 मिलियन यूएस डॉलर जुटाए थे।

• मई 2022 में, विषयगत क्रिप्टो निवेश स्टार-टुप, कॉइनबॉस्केट ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में 2 मिलियन यूएस डॉलर जुटाए।

• मई 2022 में, इनविक्टस इंश्योरेंस ब्रोकिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटे, जो insurtech प्लेटफॉर्म जिसे टर्टलमिंट इंश्योरेंस सर्विसेस प्रा. लिमिटेड,चलाती है द्वारा अमांसा कैपिटल, जंगल वेंचर्स और नेक्सस वेंचर पार्टनर्स के नेतृत्व में सीरीज ई फंडिंग राउंड में 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए।

• मई 2022 में, जयपुर स्थित ऑनलाइन फर्नीचर और होम डेकोर प्लेटफॉर्म, वुडनस्ट्रीट.कॉम ने वेस्टब्रिज कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज बी फंडिंग राउंड में लगभग 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए।

• मई 2022 में, बी2बी क्रॉस-बॉर्डर टेक प्लेटफॉर्म जिनीमोड को टाइगर ग्लोबल और इंफो एज वेंचर्स के नेतृत्व में सीरीज बी फंडिंग राउंड में 28 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले।

• जनवरी 2022 में, गूगल ने भारतीय दूरसंचार भारती एयरटेल में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की, जिसमें कंपनी में 1.28% हिस्सेदारी के लिए 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इक्विटी निवेश और स्मार्टफोन एक्सेस, नेटवर्क और क्लाउड जैसे क्षेत्रों में संभावित भविष्य के निवेश के लिए 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल हैं।

• 2021 में, भारत ने रुपये का अनुसंधान एवं विकास में 343.64 मिलियन निवेश प्राप्त किया। यह पिछले कैलेंडर वर्ष की तुलना में 516% अधिक था।

• कनाडा के पेंशन फंड निवेश बोर्ड ने कई भारतीय कंपनियों: वन97 कम्यूनिकेशन (पेटीएम), जोमैटो, एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर (नायका) और पीबी फिनटेक के आईपीओ में एक एंकर निवेशक के रूप में 1,200 करोड़ निवेश किया।

• वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एफडीआई 1.03 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

एफडीआई के लिए सरकार की पहल

भारत ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों को विकसित किया है जिसके माध्यम से भारत के एफडीआई को बढ़ावा दिया जा सकता है। इन योजनाओं ने भारत के एफडीआई निवेश को प्रेरित किया है, विशेष रूप से रक्षा निर्माण, रियल एस्टेट और अनुसंधान और विकास जैसे आगामी क्षेत्रों में। आइए आपको प्रमुख सरकारी पहलें की जानकारी दें -

• भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में FDI को स्वचालित मार्ग से 74% और सरकारी मार्ग से 100% तक बढ़ाकर बढ़ा दिया।

• सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के नियमों में संशोधन किया है, जिससे बीमा कंपनी एलआईसी में स्वचालित मार्ग से 20% तक एफडीआई की अनुमति मिल गई है।

• सरकार भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों से कुछ एफडीआई पर जांच को आसान बनाने पर विचार कर रही है।

• पीएम गति शक्ति, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और जीआईएस-मैप्ड लैंड बैंक जैसे उपायों के कार्यान्वयन से 2022 में एफडीआई प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है।

• सरकार 2022 में अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक के हिस्से के रूप में कम से कम तीन नीतियों को पेश कर सकती है। इस विधेयक से भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एफडीआई के दायरे को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की उम्मीद है।

• सितंबर 2021 में, भारत और यूके 'बढ़ी हुई व्यापार साझेदारी' के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए निवेश को बढ़ावा देने पर सहमत हुए।

• सितंबर 2021 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घोषणा की कि दूरसंचार क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, यह स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100% एफडीआई की अनुमति देगा, जो पिछले 49% से अधिक है।

• अगस्त 2021 में, सरकार ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा में 74% वृद्धि की अनुमति देने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) नियम, 2019 में संशोधन किया गया।

जानिए 2021 से 2022 के एफडीआई प्रवाह के बारे में

भारतीय सरकार द्वारा जारी एक जानकारी के अनुसार पता चलता है कि वर्ष 2021 से 2022 के दौरान भारत में सबसे अधिक वार्षिक एफडीआई प्रवाह दर्ज किया गया है। आकड़ों के अनुसार बताएं तो ये प्रवाह 84.84 दर्ज किया गया है। कोरोना के दौरान भी भारत ने इस वृद्धि को कम नहीं होने दिया है उसके आर्थिक लचीलेपन की स्थिति के कारण मुमकिन हो पाया है। आइए आपको इससे संबंधित जानकारी विस्तार में दें।

लगातार केंद्र सरकार के सुधारों के परिणामस्वरूप ही एफडीआई की वार्षिक वृद्धि इतनी अधिक देखी गई है। 2014-15 की बात करें तो उस वर्ष एफडीआई प्रवाह केवल 45.15 बिलियन डॉलर था जो 2021-22 में बढ़ कर 84.84 बिलियन डॉलर हो गया है। 7 दिसंबर 2022 में संसद में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने एफडीआई से सबंधित एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि मेक इन इंजिया की शुरुआत 24 सितंबर 2014 में की गई थी। इस पहल की शुरुआत निवेश को सुगम बनाने और देश में इनोवेशन को अधिक बढ़ाने के साथ बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए की गई थी। भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेशन, डिजाइन और विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए इस पहल को अस्तित्व में लाया गया है।

इसके आगे अपनी बात कहते हुए उन्हें इसे वोकल फॉर लोकल पहलों में से एक बताया। सोम प्रकाश के अनुसार मेक इन इंडिया भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अब मेंक इन इंडिया 2.0 के माध्यम से करीब 27 क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रीत किया गया है। इसमें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग 15 विनिर्माण क्षेत्र योजनाओं के समन्वय करता है। इस पर चर्चा करते हुए उन्हें घरेलू निवेश और विदेशी निवेश दोनों को बढ़ावा देने के लिए आउटरीच गतिविधियों के बारे में बताया।

चल रही कई घरेलु नीतियों के अलावा भारस सरकार ने निवेश को बढ़ाने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर की शुरूआत, कॉर्पोरेट कर की दर में कमी, व्यापार करने में आसानी में सुधार के लिए हस्तक्षेप, एफडीआई नीति में सुधार, अनुपालन बोझ में कमी के उपाय, सार्वजनिक खरीद आदेशों के माध्यम से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत उपाय, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम शामिल हैं। इन सुधारों का परिणाम एफडीआई प्रवाह में हुई वृद्धि में देखा जा सकता है।

अपने अन्य विवरण में उन्होंन भारत सरकार द्वारा चलाई अन्य योजानाओं भी जानकारी दी और भारत के आत्मनिर्भर बनने और भारत के विनिर्माण क्षमताओं के साथ निर्यात को बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए 2021-2022 के केंद्रीय बजट में 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई है।

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English summary
India is currently paying more attention to the Foreign Direct Investment (FDI) flow, for which many steps are being taken by the government to further promote it, out of which you must have heard about self-reliant India with India. Efforts are being made to further increase FDI inflows through several such initiatives. Let us tell you that the effect of these reforms has also been seen. Where the FDI inflow was only 45.15 billion in 2014 to 2015, it has been recorded today i.e. 84.84 billion during the period 2012 to 2022. With this it is important for you to know that this flow has been the highest annual flow so far.
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