प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला 2022 का आज 12 दिसंबर को सुबह 9 बजे से देश भर के 25 राज्यों के 197 स्थानों पर शुभारंभ किया गया। यह अप्रेंटिसशिप मेला कौशल भारत मिशन के तहत भारत के युवाओं को बेहतर करियर के अवसर प्रदान करने में मदद करेगा। पीएम राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला 2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोजगार के अवसर को बढ़ाने के दृष्टिकोण का एक हिस्सा है।
आज इस कार्यक्रम की मेजबानी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा की जा रही है। मेला 25 राज्यों और करीब 200 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। इच्छुक उम्मीदवारों को भाग लेने के लिए प्रधान मंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला (पीएमएनएएम) के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। उम्मीदवार अपने राज्य में निकटतम स्थान पर जा सकते हैं और कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते हैं।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार, स्थानीय युवाओं को अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण के माध्यम से अपने करियर को आकार देने का अवसर प्रदान करने के लिए मेले का हिस्सा बनने के लिए कई स्थानीय व्यवसायों को आमंत्रित किया गया है।
भाग लेने वाली कंपनियों के पास एक ही मंच पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिलने और आवेदकों को मौके पर चुनने और उन्हें अपने संगठन का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने का मौका होगा। उम्मीदवार https://www.apprenticeshipindia.gov.in/ पर जाकर मेले के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
उम्मीदवार जो कक्षा 5वीं से कक्षा 12वीं तक पास होना चाहिए। जिन उम्मीदवारों के पास कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र या आईटीआई डिप्लोमा धारक या स्नातक हैं, वह इस अप्रेंटिसशिप मेले के दौरान आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को अपने रिज्यूमे की तीन प्रतियां, सभी मार्कशीट और प्रमाणपत्रों की तीन प्रतियां, फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस आदि) और तीन पासपोर्ट आकार की तस्वीरें संबंधित स्थानों पर ले जानी चाहिए।
जिन लोगों ने पहले ही नामांकन कर लिया है, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें। इस मेले के माध्यम से, उम्मीदवार राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) से मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र भी अर्जित करेंगे, प्रशिक्षण सत्र के बाद उनकी रोजगार दर में सुधार होगा।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप के अवसरों के मामले में भारत की तुलना अक्सर अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं से की जाती है। इस अंतर को पाटने के लिए , हम प्रशिक्षुओं और छात्रों के लिए अप्रेंटिसशिप के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य कंपनियों को अधिक प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। हमें पिछले महीने के एप्रेंटिसशिप मेले के दौरान संभावित युवाओं से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जो कड़ी मेहनत करने, हमारी अर्थव्यवस्था में योगदान देने और हमारे देश के भविष्य को आकार देने में मदद करने के लिए उत्सुक हैं। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य कंपनियों को और अधिक अप्रेंटिस नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
तिवारी ने आगे कहा कि अप्रेंटिसशिप से उच्च शिक्षा तक विश्वसनीय मार्ग बनाने के अलावा शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में अप्रेंटिसशिप को शामिल करना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे निरंतर प्रयासों से, हमारा लक्ष्य 2022 के अंत तक भारत में अप्रेंटिसशिप के अवसरों को 10 लाख तक और 2026 तक 60 लाख तक पहुंचाना है।
देश में हर महीने अप्रेंटिसशिप मेलों का आयोजन किया जाता है, जिसमें चयनित व्यक्तियों को नए कौशल हासिल करने के लिए सरकारी मानदंडों के अनुसार मासिक वजीफा मिलता है। अप्रेंटिसशिप को कौशल विकास का सबसे टिकाऊ मॉडल माना जाता है और स्किल इंडिया मिशन के तहत इसे काफी बढ़ावा मिल रहा है।
सरकार अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण के माध्यम से प्रति वर्ष 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रही है और इस मिशन को पूरा करने के लिए पीएमएनएएम का उपयोग प्रतिष्ठानों और छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में किया जा रहा है। यह भाग लेने वाली कंपनियों में मौजूद विभिन्न अवसरों पर युवाओं को जागरूक भी कर रहा है।
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