हर साल विश्व मृदा दिवस (वर्ल्ड सॉइल डे) 5 दिसंबर को मनाया जाता है। विश्व मृदा दिवस की शुरुआत 2014 में हुई थी। इससे पहले इस दिवस को मनाने की मांग 2002 में उठी थी। विश्व मृदा दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में मिट्टी के महत्व और साछ ही सतत प्रबंधन को लेकर जागरूकता पैदा करना है। मिट्टी सभी का एक बुनियादी संसाधान है और हमारी प्राकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जो मानव कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। आज की आने वाली पढ़ी को मिट्टी का महत्व समझाना और आवश्यक है, जहां लापरवाही के कारण मिट्टी अपनी गुणवत्ता और परिस्थितिकी तंत्र को खोती जा रही है। इस लिए हर साल इस दिवस के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन द्वारा मनाया जाता है। आइए आपको इस दिवस से संबंधित और जानकारी दें।
मिट्टी सभी के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन कृषि करने वाले के लिए इसका महत्व अलग ही होता है। जिसे माध्यम से फलों और सब्जियों जैसी अन्य पोषक तत्व की पूर्ती की जाती है। यदि इसका गुणवत्ता और परिस्थितिकी तंत्र में बदलाव आता है तो खाद्य पदार्थों की उपज पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। अक्सर आपने देखा होगा कि होगा कि लंबे समय तक लगातार कृषि के कारण के एक समय पर मिट्टी अपनी उर्वरता शक्ति खो देती है। इन्हीं सब चीजों पर ध्यान देते हुए और लोगों की मिट्टी के महत्व समझाने के लिए इस दिवस को मनाने का फैसला लिया गया।
विश्व मृदा दिवस का इतिहास
सर्वप्रथम विश्व मृदा दिवस को मनाने का प्रस्ताव इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉइल साइंसेज द्वारा 2002 में रखा गया था। जिसमें पारिस्थितिकी तंत्र और मिट्टी के महत्व को मनाने की बात शामिल की गई थी। इस विचार को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राज्य खाद्य और कृषि संगठन द्वार अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस की स्थापना थाईलैंड के सम्राज्य के नेतृत्व में की गई। इसके बाद 5 दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 68वीं बैठक के दौरान इस दिवस को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया। उस समय से आज तक हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मृदा दिवस 2022 की थीम है "मृदा: जहां भोजन की शुरु होता है"। इस विषय के माध्यम से मिट्टी के पारिस्थितिक तंत्र और कल्याण को बनाए रखने पर जोर दिया गया है।
विश्व मृदा दिवस का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस की स्थापना युक्त राज्य खाद्य और कृषि संगठन द्वार थाईलैंड सम्राज्य के राजा भमिबोल अगुल्यादेज के नेतृत्व में की गई थी। इस दिवस की स्थापना में राजा भमिबोल अगुल्यादेज ने एक महत्वपूर्म भूमिका निभाई थी। उनकी जंयती के दिन ही यानी 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य मृदा की स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र और उसकी गुणवत्ता पर लोगों का ध्यान केंद्रीत करना है। ताकि उन्हें मिट्टी का महत्व समझाया जा सकें। हमें पोषक खाद्य पदार्थ मिट्टी द्वारा ही प्राप्त होते हैं तो उनकी स्थिति का ध्यान रखना भी हमारा कार्य है। इसलिए हर साल इस दिवस को जनजागरूकता फैलाने और इसके महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व मृदा दिवस : पिछले कुछ सालों की थीम
विश्व मृदा दिवस 2022 - मृदा: जहां भोजन की शुरु होता है
विश्व मृदा दिवस 2021 - मृदा लवणीकरण रोकें, मृदा उत्पादकता बढ़ाएँ
विश्व मृदा दिवस 2020 - मिट्टी का कटाव रोकें, मिट्टी को वहीं रखें जहां की मिट्टी है!
विश्व मृदा दिवस 2019 - मिट्टी का कटाव रोकें, अपना भविष्य बचाएं
विश्व मृदा दिवस 2018 - मृदा प्रदूषण का समाधान बनें
विश्व मृदा दिवस 2017 - मिट्टी की देखभाल जमीन से शुरू होती है
विश्व मृदा दिवस 2016 - मिट्टी और दलहन, जीवन के लिए सहजीवन
विश्व मृदा दिवस 2015 - मिट्टी, जीवन के लिए एक ठोस आधार
विश्व मृदा दिवस 2014 - परिवार की खेती के लिए मिट्टी, नींव
मिट्टी का संरक्षण
आज के समय में मिट्टी का संरक्षण बुहत महत्वपूर्ण मुद्दा है। पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के कारण मिट्टी का क्षरण एक गंभीर समस्या बन रही है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और इस संरक्षित करना अधिक महत्वपूर्ण है। जैसा की हमने आपको बताया कि लंबे समय तक लागातार कृषि के कारण के समय पर मिट्टी की उर्वरता खराब होती है जिसका असर हमें खाद्य पदार्थों की उपज पर देखने को मिलता है। इससे पौद्यों में कमी आती है और फसलों की उपज भी अच्छी नहीं होती है। यदि ऐसा चलता रहा तो हमारे पर्यावर्ण को तो भारी नुकसान होगा ही साथ ही खाद्य अपूर्ती की स्थिति भी और बढ़ेगी। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि मिट्टी का संरक्षण किया जाए। मिट्टी का संरक्षण प्रथाओं और तकनीकों के माध्यम से किया जा सकता है, जिससे उसकी उपजाऊ और उत्पादकता बनी रहती है और क्षरण से भी बचाया जा सकता है। इसे बचाने के कुछ तरीके इस प्रकार है।
-फसक चक्र
-फसलों को ढकना
-वायुरोधक
-समोच्च जुताई
-सीढ़ीदार खेती आदि।
मृदा संरक्षण करने के कारण
1. यदि मिट्टी की उर्वरता अच्छी है तो फसलों की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि देखने को मिलती है।
2. यदि व्यक्ति मृदा संरक्षण की दिशा में चलते है तो इससे वह केवल अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए फसलों का अच्छा उत्पादन कर पाएगा, जिससे खाद्य संकट की स्थिति नहीं उत्पन्न होगी।
3. दिन पर दिन मिट्टी का कटाव किया जा रहा है जो किसानों के लिए एक कठिन चुनौति है। मिट्टी के संरक्षण से मिट्टी के कटाव पर रोक लगाई जा सकती है।
4. मिट्टी का संरक्षण करने से मिट्टी के पोषक तत्व बने रहते हैं और मिट्टी की परिस्थितिक तंत्र भी संतुलन में रहता है।
विश्व मृदा दिवस को कैसे मनाएं
विश्व मृदा दिवस को मनाने को आप अपने घरों और स्कूलों में मना सकते हैं। जिसे आप अपने बच्चों को मिट्टी के महत्व के बारे में समझा सकते हैं।
अपने घरों और स्कूल में एक छोटा सा बगीचा बनाएं। जिसमें छोटे-छोटे पौधे लगाएं और हर बच्चें को एक पौधा देकर उसे उसका ध्यान रखने को कहें इससे वह पर्यावरण और मिट्टी के महत्व को समझेगा और जिम्मेदार बनेगा।
मिट्टी कि गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक गड्ढा बना कर फलों और सब्जियों के छिलके आदी के माध्यम से उस गड्ढें में खाद बनाएं।
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