World Mental Health Day 2023 Students Anxiety Reduce Tips: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेंटल हेल्थ (डब्ल्यूएफएमएच) ने 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत की।
मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर विषय है। कोरोनावायरस महामारी के दौरान पूरे विश्व में कई लोग मानसिक रूप से बीमार हुए। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि 2012-2030 के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के कारण देश को 1.03 ट्रिलियन अमरीकी डालर का आर्थिक नुकसान होगा। छात्रों में परीक्षा की चिंता को लेकर मानसिक बीमारी सबसे अधिक देखी जाती है।
एनसीईआरटी के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत छात्रों को पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के कारण चिंता का सामना करना पड़ा। कुछ मामलों में मानसिक बीमारी को 'यूस्ट्रेस' भी कहा जाता है। परीक्षा के दौरान छात्रों में चिंता के कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे नींद न आना, चिड़चिड़ापन, मिजाज खबर होना, भूख न लगाना, कॉफी का अधिक सेवन, धूम्रपान, घबराहट, सीने में दर्द, सिरदर्द और उल्टी आदि शामिल है। यदि आप एक छात्र हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना चाहते हैं तो यहां आपके लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 थीम
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम "मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट" (Mental health is a universal human right) है। इसका अर्थ "मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है।"
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 उद्देश्य
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस समारोह का उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और मानसिक स्वास्थ्य के समर्थन में प्रयास करना है।
1. अपने लक्ष्य निर्धारित करें
सबसे पहले अध्ययन कार्यक्रम की योजना बनाएं। इसमें अध्ययन और संशोधन के लिए समय शामिल होना चाहिए। अपना दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए छात्रों को योग्य और समयबद्ध होना चाहिए। परीक्षा की तैयारी कब शुरू करें, कब सेल्फ स्टडी करें, इसके लिए समय निर्धारित करें। आप रिवीजन के लिए समय निर्धारित करें। हाइलाइट किए गए नोट्स तैयार करें। यदि किसी कारण से आपके पास तैयारी के लिए सीमित समय है, तो अपने लक्ष्यों और योजनाओं को बदलें। अपनी मजबूत अवधारणाओं को प्राथमिकता दें। अधिक से अधिक "मॉक टेस्ट" सॉल्व करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ाता है और चिंता कम होती है।
2. भावनाओं पर नियंत्रण रखें
जैसे-जैसे आप परीक्षा की ओर बढ़ते हैं, वैसे वैसे चिंता बढ़ने लग जाती है। इसलिए अपनी भावनाओं को अपने नियंत्रण में रखें, ताकि चिंता आप पर हावी न हों और आपके लक्ष्यों में हस्तक्षेप न करें। अगर आपको पढ़ाई के दौरान चिंता करने वाले विचारों को छोड़ना मुश्किल लगता है, तो चिंता की जहग चिंतन का समय निर्धारित करें। जब भी अध्ययन करते समय आपके मन में चिंता करने वाले विचार आते हैं, तो अपने आप से कहें कि मैंने चिंतन का समय अलग से निर्धारित किया हुआ है। इस तरह आप अपने अध्ययन के समय को अधिक उपयोगी बना पाओगे और अपने लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर पाओगे। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए आप अपने मनपसंद कार्य भी कर सकते हैं, जैसे - संगीत सुनना, खेल खेलना और सैर करना आदि।
3. शांत रहने का अभ्यास करें
अपने मन और शरीर को शांत रखने के तरीके खोजें। योग करें, गहरी सांस लें। अपनी मांसपेशियों को आराम दें और सकारात्मक परिणाम की कल्पना करें। चिंता से निपटने के लिए माइंडफुलनेस अभ्यास बेहद उपयोगी है। अपने नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करना सीखें। अक्सर परीक्षा की चिंता असफल होने और कम अंक आदि के नकारात्मक विचारों से जुड़ी होती है। खुद को नीचे की ओर गिरने देने के बजाय, अपनी ताकत के बारे में सोचें। जान लें कि आपके भीतर ताकत है जो आपकी परीक्षा में आपकी मदद कर सकती है। आप दृढ़ता शक्ति या रचनात्मकता को अपनी ताकत के रूप में पहचान सकते हैं। अपनी आंखें बंद करें और सोचें कि आपकी आप अपनी महनत से परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
4. सही पोषण और पूरी नींद लें
मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हम कैसा महसूस करते हैं, यह हम जो करते हैं उसे प्रभावित करता है। चिंता हमें बहुत ज्यादा खाने और सोने के लिए मजबूर कर सकती है। लेकिन कई बार इसके विपरीत भी होता है। नियमित, संतुलित भोजन करना और खूब पानी पीना निरंतर ऊर्जा और जलयोजन सुनिश्चित करता है। सोडा और कैफीनयुक्त ड्रिंक्स पीने से बचें, यह आपकी चिंता को बढ़ा सकती है। नियमित व्यायाम दिनचर्या बनाए रखने का प्रयास करें। पर्याप्त और लगातार नींद लें। अपनी मेमोरी को बढ़ाने का प्रयास करें।
5. अपने मददगारों की पहचान करें
अक्सर हम अपनी चिंताओं को दूसरों के साथ शेयर करने से कतराते हैं। अपने शुभचिंतकों की पहचान करें। किसी से बात करना, अपनी भावनाओं को माता-पिता, साथियों और शिक्षकों के साथ साझा करना महत्वपूर्ण है। यह आपके दिमाग से दबाव को कम करता है और सुखद विचारों के लिए जगह बनाता है। पीयर सपोर्ट हमें एक साथ लक्ष्य निर्धारित करने, रिवीजन करने, एक साथ मॉक टेस्ट करने और एक दूसरे को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा। यदि आप अपनी चिंताओं को दूर नहीं कर पा रहे हैं तो किसी काउंसलर या मनोवैज्ञानिक से बात करें।
वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संकट क्या है? (What is Global Mental Health Crisis)
मानसिक स्वास्थ्य हमारे समग्र कल्याण का एक अभिन्न अंग है, फिर भी इसे अक्सर उपेक्षित या नजरअंदाज किया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों के प्रति समझ और सहानुभूति को बढ़ावा देकर इस कथा को बदलने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों और गलतफहमियों को दूर करना है, जो भेदभाव और बहिष्कार का कारण बनते हैं।
आज की तेज़ दौड़ती-भागती दुनिया में, तनाव, चिंता, अवसाद और विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य विकार चिंताजनक रूप से आम हो गए हैं। सामाजिक अलगाव, आर्थिक दबाव, आघात और कोविड-19 महामारी के चल रहे प्रभाव जैसे कारकों ने इन मुद्दों को और बढ़ा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में करीब 1 अरब लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य विकार दुनिया भर में विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है।
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