1669 में औरंगजब द्वारा काशीविश्वनाथ मंदिर ध्वस्त करने के बाद उसी जगह ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया था। ज्ञनवापी मस्जिद के पास रानी अहिल्याबाई ने शिव मंदिर का नर्माण किया था। कई समय से ज्ञानवापी मस्जिद विवाद चला आ रहा है जिसके मुताबिक काशिविश्वनाथ मंदिर के स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया है। ये विवाद साल 1991 से चला आ रहा है और इसके सर्वेक्षण की मांग कई बार की गई है। लंबे समय से इस विवाद पर कई याचिकाए दायर की गई है। जिसको लेकर ये मुद्दा अक्सर ही चर्चा को स्त्रोत बना हुआ है। मई 2022 के महीने में दायर याचिका की सुनवाई पर मस्जिद के सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करवाने का फैसला लिया गया था जिस पर कई बार सुनवाई की गई थी लेकिन अब लंबे समय से चल रहे इस विवाद पर आज, 12 सितंबर 2022 को वाराणसी कोर्ट अपना फैसला देने वाली है।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण से जुड़े 10 बडें तथ्य
1) पांच महिलाओं के एक ग्रुप ने वाराणसी कोर्ट में एक याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवारों पर भगवान की मूर्तियों के सामने रोज पूजा करने की अनुमति मांगी थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी सिविल कोर्ट के जज (सीनियर डिवीजन) ने पूरे मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक इसकी एक रिपोर्ट तयार कर सौंपने का भी निर्देश दिया था।
2) ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे से जुड़े कुछ लोगों ने मीडिया से कहा कि सर्वे के दौरान वहां मगरमच्छ की एक मूर्ति मिली है और वह मूर्ति बहुत खूबसूरत है। इसके साथ सर्वे में मंदिरों के टूटे शिखरों के कई टुकड़े भी मिले हैं।
3) सर्व के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के 500 मीटर के दायरे में लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया था। पुलिस ने गोदौलिया और मैदागिन इलाकों से वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगा रखी थी।
4) हिंदू पक्ष के अनुसार मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर के बीच 10 फीट एक गहरा कुआं है, जिसे ज्ञानवापी कहा जाता है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण में भी किया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने स्वयं अपने त्रिशूल से लिंगाभिषेक के लिए इस कुएं का निर्माण किया था।
5) मंदिर के शीर्ष के स्थान पर मस्जिद का गुंबद लगाने के कई संकेत मिले हैं। तहखाने के अंदर त्रिशूल, स्वस्तिक, प्राचीन चट्टानें, खंडित मूर्तियां और दीपक रखने का स्थान भी मिला है। इसके अलावा वहां की दीवारों पर सांप और हंस की कलाकृतियां भी मिली हैं।
6) सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन के बेटे विष्णुशंकर जैन ने अपने एक दावे में कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाना में सर्वे के दौरान एक शिवलिंग मिला है। इसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने शिवलिंग के स्थान को सील किया और सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की टीम को सौंप दिया। इन सभी दावों को मुस्लिम पार्टियों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। इस दावे के अनुसार बतया गया है कि मस्जिद परिसर में 12.8 फीट लंबा शिवलिंग मिला है।
7) ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा होने पर डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की जानकारी सर्वे टीम के किसी भी सदस्य द्वारा लीक नहीं की गई है। पहले इस बात को लेकर एक सदस्य को हटाया गया था लेकिन बाद में उन्हें सर्वे टीम का हिस्सा वापस बनाया गया।
8) सोमवार 16 मई को दो घंटे 15 मिनट से अधिक समय तक चले इस सर्वे के बाद कोर्ट द्वारा गठित कोर्ट कमीशन ने सुबह करीब 10.15 बजे अपना काम समाप्त कर दिया था। सर्वे में हुए काम से सभी मुस्लिम और हिंदू पक्ष दोनों ही संतुष्ट नजर आए थे।
9). इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी आधिाकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस अपलोड किया था। अपलोड इस नोटिस के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों को देखने वाली कमेटी अंजुमन इंतेजामिया की याचिका पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच 17 मई को मामले की सुनवाई करेगी। वाराणसी कोर्ट ने 17 मई तक सर्वे टीम से सर्वे प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। मंगलवार 17 मई सर्वे रोकने की याचिका पर सुनवाई हुई और उसी दिन सर्वे की रिपोर्ट पर वाराणसी कोर्ट में चर्चा भी हुई थी।
10). ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद को लेकर बहुत विवाद हुए थे। लंबे समय चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद पर आज यानी, 12 सितंबर 2022 को वाराणसी कोर्ट अपना फैसला देने वाली है।