Republic Day 2023: ऐसा था पहल गणतंत्र दिवस समारोह, जानिए ऐतिहासिक पल की यादगार कहानी

Republic Day 1950-2023: इस बार हम सब भारतवासी 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे। लेकिन भारत के इतिहास में प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन अमिट अक्षरों में अंकित है। क्या कुछ हुआ था उस समारोह में आप भी जरूर जानना

Republic Day 1950-2023: इस बार हम सब भारतवासी 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे। लेकिन भारत के इतिहास में प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन अमिट अक्षरों में अंकित है। क्या कुछ हुआ था उस समारोह में आप भी जरूर जानना चाहेंगे।

Republic Day 2023: ऐसा था पहल गणतंत्र दिवस समारोह, जानिए ऐतिहासिक पल की यादगार कहानी

तारीख- 26 जनवरी
वर्ष- 1950 दिन- गुरुवार
समय- सुबह 10 बजकर 18 मिनट

खुशी और उल्लास के बो अविस्मरणीय क्षण थे, जब 26 जनवरी 1950 को सुबह ठीक 10 बजकर 18 मिनट पर भारत स्वतंत्र, संप्रभु गणराज्य घोषित हुआ। भारतीय इतिहास में यह एक नए अध्याय की शुरुआत थी। गवर्नमेंट हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) के दरबार हॉल की छटा देखने योग्य थी। भारत के स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य घोषित होने के ठीक 6 मिनट बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद ने गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्हें कुछ ही मिनटों बाद सुबह 10:30 बजे 21 तोपों की सलामी दी गई।

यह सादगी के साथ संपन्न होने वाला महान समारोह था, जिसकी चमक उस समय दरबार हॉल में बैठे लोगों के चेहरों पर साफ झलक रही थी। दरबार हॉल से लेकर पहले परेड ग्राउंड इरविन स्टेडियम तक के पांच मील लंबे रास्ते में लोग कतारबद्ध खड़े थे।

राष्ट्रपति को सलामी देने के लिए रंगारंग परेड का आयोजन किया गया था, जिसमें सैनिकों के साथ-साथ देश के कई प्रांतों, क्षेत्रों की झांकियां भी शामिल थीं। सड़क के दोनों तरफ देशवासी टकटकी लगाए खुशी से दमकते चमकते हुए इस परेड को और अपने देश को स्वतंत्र होने के बाद अब संप्रभु होते या अब भारत के लोगों के लिए गणतंत्र बनते देख रहे थे।

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पहले राष्ट्रपति का ऐतिहासिक भाषण
26 जनवरी 1950 को घोषणा की गई कि भारत अब एक लोकतांत्रिक संप्रभु गणराज्य है और विभिन्न राज्य गणराज्य की इकाई हैं। भारत के संविधान में इस शासन व्यवस्था की विस्तृत अवधारणा प्रस्तुत की गई ताकि भविष्य में किसी तरह का राजनीतिक संकट न खड़ा हो।

राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ग्रहण करने के बद एक संक्षिप्त भाषण दिया पहले हिंदी में उसके बाद अंग्रेजी में। अपने भाषण में मुख्य रूप से उन्होंने कहा, इतिहास में पहली बार आज हिंदुस्तान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के विस्तृत भूभाग का स्वामी बन बना है। पहली बार इतने बड़े महादेश में एक ही कानून और एक ही विधान लागू होगा।

हमारे महान संविधान की अब यह महान जिम्मेदारी होगी कि वह 32 करोड़ भारतीयों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए वह सब कुछ करें जिसकी आवश्यकता हो। अब भारत के लोगों के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी भारतीयों की होगी। हमारे पास अब यह ऐतिहासिक अवसर है कि हम अपनी जनसंख्या को समृद्ध और खुशहाल बनाएं। अब हमें महान देश भारत का भाग्य अपने हाथों से लिखना है।

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प्रथम समारोह के यादगार क्षण
राज्यारोहण समारोह 26 जनवरी को दोपहर बाद ठीक ढाई बजे शुरू हुआ। 35 साल पुरानी बग्घी को विशेष रूप से नया रूप रंग देकर इस अवसर के लिए सजाया, संवारा गया था। इसमें भारत का राजचिन्ह यानी सिंहों वाला अशोक स्तंभ का चित्र लगाया गया था।

बग्घी को ऑस्ट्रेलिया से मंगाए गए 6 घोड़े खींच रहे थे। बग्घी में राष्ट्रपति बैठे थे और उन्हें धीरे-धीरे चल रहे अंगरक्षक चारों तरफ से घेरे थे। पांच मील के लंबे परेड गलियारे में दोनों तरफ खड़े लोग राष्ट्रपति की गुजरती हुई बग्घी को देखकर हाथ हिला रहे थे और गगनभेदी स्वर में 'भारत माता की जय' की अलख लगा रहे थे।

इरविन स्टेडियम में निकली परेड
दोपहर बाद पौने चार बजे राष्ट्रपति इरविन स्टेडियम पहुंचे, जहां पर तीनों सेनाओं के तमाम वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस के जवान मौजूद थे। उनके पहुंचते ही सशस्त्र बलों के बैंड गूंज उठे और सेरिमोनियल परेड शुरू हो गई। समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णों मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उस दौरान वहां 15,000 लोग मौजूद थे, जिन्होंने यह शानदार परेड देखी।

इस परेड में एक खुली जीप में ब्रिगेडियर जे. एस. ढिल्लन राष्ट्रपति के साथ खड़े थे। राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण किया और सैनिकों का अभिवादन स्वीकार किया। तीनों सशस्त्र सेनाओं ने मार्च पास्ट करते हुए सलामी गारद पेश की। सबसे उत्कर्ष के क्षण तब आए, जब राष्ट्रपति ने तिरंगा फहराया और सैल्यूट किया। बैंडबाजों ने राष्ट्रगान की धुन बजाई । इन पलों की तस्वीर हमेशा हमेशा के लिए भारत के इतिहास की अमरगाथा बन गई।

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English summary
Republic Day 1950-2023: This time all of us Indians will celebrate 74th Republic Day on 26 January. But in the history of India, the organization of the first Republic Day celebration is written in indelible letters. There were unforgettable moments of joy and jubilation when on 26 January 1950, at exactly 10:18 in the morning, India was declared an independent, sovereign republic. Dr. Rajendra Prasad was sworn in as the first President of the Republic of India exactly 6 minutes after India was declared an independent sovereign republic. He was given a 21-gun salute a few minutes later at 10:30 am.
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