Independence Day 2022: महाराष्ट्र से भारत की स्वतंत्रता में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की सूची

महाराष्ट्र भारत के धनी राज्यों में से एक है। इसकी राजधानी मुंबई जिसे सपनों का शहर भी कहा जाता है जहां लोग फिल्मीं दुनिया में जाने के अपने सपने को पूरा करने जाते हैं। इसी के साथ मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी के तौर पर भी जाना जाता है। भारत के सबसे बड़े राज्यों में महाराष्ट्र का तीसरा स्थान है। जनसंख्या की बात करें तो भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में यह दूसरे स्थान पर है। 17वीं सदी में मुगलों पर मराठाओं ने विजय पाई और देश मराठाओं के अधीन हुआ और दिल्ली के साथ उत्तर के सभी राज्यों पर शासन किया, लेकिन तसरी एंग्लों-मराठा युद्ध के बाद भारत पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना साम्राज्य बसाया।

1857 में हुई स्वतंत्रता के लिए क्रांति में कई मराठी नेता शामिल थे। उसके बाद गांधी जी द्वारा कई आंदोनल हुए जिसमें भारतवासियों ने भाग लिया ताकी वह भारत को आजाद देख सकें। उसमें मराठी लोग भी शामिल थे। कई बड़े नेताओं ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के परिणामों का मुल्यानंक कर स्थिति को समझने का प्रयत्न किया। भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत के समय ब्रिटिश कंपनी को अल्टीमेटम मुंबई से ही दिया गया था। भारत के सभी अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र ने भी भारत के स्वतंत्रता दिवस में अपना अहम योगदान दिया। इस योगदान में कई लोगों ने अपने आप को देश के लिए समर्पित किया था। जिनके नाम सभी के लिए जानना जरूरी है। भारत इस वर्ष अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है और इस महा उपलक्ष में सभी के लिए ये भी जानना जरूरी है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया तो आईए जाने महाराष्ट्र के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जिनका योगदान कभी भूलाया नहीं जा सकता है।

Independence Day 2022: महाराष्ट्र से भारत की स्वतंत्रता में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी

1). विनोबा भावे

विनायक नरहरि के तौर पर जन्म विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर 1895 में हुआ था। इसी के साथ उन्हें आचार्य के नाम से भी जाना जाता था। वह अहिंसा और मानवअधिकार की अधिक वकालत करते थे। मुख्य तौर पर उन्हें भूदान आंदोलन के लिए जाना जाता है। उन्हें उनके अहिंसा के विचारों के लिए गांधी जी का आध्यत्मिक उत्तराधिकारी माना जाता है और इसी के साथ उन्हें भारत का राष्ट्रीय शिक्षक भी माना जाता है। विनोबा भावे महात्मा गांधी के साथ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थें। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। 1940 में भावे को गांधी जी द्वारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहले सत्याग्रही के रूप में चुना गया। 1983 में भावे को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

2). विनायक दामोदर सावरकर

वीर सावरकर के नाम से संबोधित किए जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर क जन्म 28 मई 1883 में हुआ था। वीर सावरकर एक भारतीय राजनीतिज्ञ कार्यकर्ता और लेख थे। मुख्य तौर पर उन्हें हिंदुत्व की विचारधारा के लिए जाना जाता है। सावरकर ने अपने जीवन में कई किताबें लिखी है। सावरकर भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करते थे। उनके हिंदूत्व के विचार को देश को आजाद कराने और भविष्य में देश की और हिंदूओं की रक्षा के लिए जरूरी बताया था। सावरकर ब्रिटिश सरकार की मौजुदगी के पूरी तरह खिलाफ थे लेकिन जापानी के खिलाफ भारत की रक्षा के लिए उन्होंने कहा 'भारत छोड़ो लेकिन अपनी सेना को यहां रखो'।
उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन को अपोस किया था। और उसका बॉयकॉट किया था।

3). वासुदेव बलवंत फड़के

वासुदेव बलवंत फड़के का जन्म 4 नवंबर 1845 में हुआ था। वह महाराष्ट्र में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने देश के नाम अपने आपको समर्पित किया। वासुदेव बलवंत फड़के को भारतीय सशस्त्र विद्रोह के जनक के तौर पर माना जाता है। वह एक भारतीय क्रांतिकारी और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। उस दौरान किसानों के साथ हो रहे अत्याचारों को देख कर वह हैरान थे। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने कहा की इस बीमारी का एकमात्र उपाय केवल स्वराज है। जिसके लिए उन्होंने हिंदू समाज के उप-समुदायों की सहायता से ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा किया और एक सशस्त्र संघर्ष की शुरूआत की। अपने संघर्ष के उद्देश्यो को पूरा करने के लिए उन्हें धन की आवश्यकता थी जिसके लिए उन्होंने यूरोपीय व्यपारियों पर छापे मारे। फिर वासुदेव बलवंत फड़के ने एक समय पर आचानक से ब्रिटिश सैनिकों पर हमला कर दिया और इस हमले में ऑफ-गार्ड पकड़ने जाने की वजह से कुथ दिनों तक फड़के का पुणे शहर पर निंयत्रण हासिल होता है।

4). पांडुरंग सदाशिव साने

पांडुरंग सदाशिव साने का जन्म 24 दिसंबर 1899 में हुआ था। उन्हें साने गुरू जी के नाम से भी जाना गया। वह एक लेखक, शिक्षक, समाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे। साने ने भारतीय स्वतंत्रात आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए अपनी शिक्षक की नौकरी तक छोड़ दी थी और दांडी मार्च से शुरूआत की थी। इसके बाद उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया और इसके लिए ब्रिटिश सेना उन्होंने गिरफ्तार किया। साने ने करीब 15 महिने जेल में बिताए। इस प्रकार अपने कई कार्यों के लिए उन्हें जेल जाना पड़ा था। इसी के साथ साने ने छुआछुत के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने का काम भी किया।

5). बाल गंगाधर तिलकी

लोकमान्य तिलक के नाम से जाने जाने वाले बाल गंगाधर तिलकी भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 में हुआ था। गांधी जी द्वारा उन्हें 'आधुनिक भारत के निर्माता' के रूप में संबोधित किया गया और ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों द्वारा उन्हें 'द फादर ऑफ द इंडियन अनरेस्ट' कहा। लोकमान्य तिलक ने स्वराज की वकालत की थी। भारतीय स्वतंत्रता के पहले नेता के तौर पर उन्होंने अपना अहम योगदान दिया था।

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English summary
Maharashtra is 2nd largest state in India. Mumbai is the capital of Maharashtra which we call city of dream. During the time of Independence Many people from Maharashtra have also been part of Indian Independence Movement. Let's know the list of Maharashtra freedom fighters.
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