Independence Day 2022: स्वतंत्रता में अपना योगदान देने वाले छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी की लिस्ट

छत्तीसगढ़ भारत के सबसे बड़े क्षेत्र वाले राज्यों में से एक है। ये बड़े राज्यों की सूची में 9वें स्थान पर आता है। राज्य की आबादी की बात करें तो इस राज्य की आबदी करीब 30 लाख के आस पास है। छत्तीसगढ़ पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था। 1 नवंबर 2000 में इसे एक अलग राज्य का दरजा मिला।

छ्त्तीसगढ़ पर 1741 से 1854 तक मराणाओं का शासन था। 1845 से 1947 में यह ब्रिटिश शासन के अधीन आया। उस दौरान इस प्रदेश की राजधानी रतनपुर थी। लेकिन ब्रिटिश शासन में रायपुर इस प्रदेश की राजधानी बना। ब्रिटिश शासन के दौरान कई सेनानी थे जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया और वह छत्तीसगढ़ प्रदेश के मूल निवासी थे।

भारत इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव माना रहा है। ऐसे में हम भारत को आजादी दिलाने वाले इन स्वतंत्रता सेनानियों को कैसे भूला सकते हैं। इस साल सभी भारत के सभी लोग मिलकर 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे है। आइए आज आपको बताएं भारतीय स्वतंत्रता में योगदान देने वाले छत्तीसगढ़ के उन योद्धाओं के बारे में जिन्होंने भारत की आजदी में अपनी योगदान दिया।

Independence Day 2022: स्वतंत्रता में अपना योगदान देने वाले छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी की लिस्ट

वीर नारायण सिंह

छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर जानें जाने वाले वीर नारायण सिंह का जन्म 1795 में हुआ था। 1857 में हुई क्रांति में उन्होंने अपना योगदान दिया था। इस क्रांति में उन्हें 10 दिसंबर 1857 में जयस्तंभ चौक रायपुर में फांसी दी गई थी। नारायण सिंह को वीर की उपाधी ब्रिटिश सरकार द्वारी उनकी बहादुरी को देखते हुए दी गई थी। ये उपाधी उन्हें तब दी गई जब सोनाखान क्षेत्र में एक नरभक्षी शेर देखा गया जिससे उस क्षेत्र के लोग डर गए इस बात की खबर नारायण सिंह तक पहुंची और उन्होंने तुरंत तलवार उठाई और देखते ही देखते कुछ समय में ही उस शेर को मार गिराया। उनकी इस बाहदुरी के लिए उन्हें वीर की उपाधी दी गई।

दादा धर्माधिकारी

शंकर टिंबक धर्माधिकारी जिन्हें दादा धर्माधिकारी के नाम से भी जाना जाता है का जन्म 8 जून 1899 में हुआ था। दादा धर्माधिकारी गांधी जी के विचारों से बहुत प्रभावित थें। वह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। इसी के साथ वह समाज सुधार आंदोलने के प्रमुख नेता भी थे।

ठाकुर प्यारेलाल सिंह

ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जन्म 21 दिसंबर 1891 में हुआ था। वह भारत के स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी थे। उन्हें मुख्य तौर पर श्रमिक अंदोलन और सहकारिता आंदोलन के लिए जाना जाता है। इसी के साथ उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता, नमक कानून तोड़ने और दलितों के उत्थान के लिए कार्य करने के लिए जाना गया। उनके इस योगदान के लिए उन्हें त्यागमूर्ति के नाम से सम्मानित किया गया।

सुंदरलाल शर्मा

छत्तीसगढ़ के गांधी के नाम से जानें जाने वाले सुंदरलाल शर्मा का जन्म 21 दिसंबर 1881 में हुआ था। इन्होंने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया। इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले छत्तीसगढ़ के वह पहले व्यक्ति थे। 1920 में राजपूर में गांधी जी का आगमन हुआ। गांधी जी के रायपूर के दौरे से पहले से ही सुंदरलाल शर्मा राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे थें। 1902 में सुंदरलाल शर्मा ने नाहर सत्याग्रह की शुरूआत की। इसी के साथ ब्रिटिशों द्वारा लिए जाने वाले सिंचाई कर का भी इन्होंने विरोध किया।

डॉ. खूबचंद बघेल

खूबचंद बघेल का जन्म 19 जुलाई 1900 में रायपूर में हुआ था। इन्होंने मेडिकल की शिक्षा ली थी। बेघल गांधी की विचारधारा से बहुत अधिक प्रभावित थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में योगदान देने के लिए 1930 में अपनी डॉक्टर की नौकरी छोड़ दी और गांधी के आंदोलन में हिस्सा लेना शुरू किया। 1942 में बेघल ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। जिसके लिए उन्हे जेल भी जाना पड़ा। वह शुरूआत में कांग्रेस के सदस्य थें लेकिन 1951 में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ा और किसान मजदुर प्रजा पार्टी में शामिल हुए।

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English summary
India is celebrating 76th Independence day This year (2022). Here we are sharing a List of Freedom Fighter of Chhattisgarh. Their are many unsung Freedom Fighter in India whose name has been lost somewhere in the pages of history. Let's remember all those who have been part of Indian Freedom movement.
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