Shastri Jayanti 2022 Slogan: लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान नारे के बारे में

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री उन महान भारतीयों में से एक थे जिन्होंने हमारे सामूहिक जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है। लाल बहादुर शास्त्री का योगदान इस मायने में अद्वितीय था कि वे भारत में आम आदमी के जीवन के सबसे करीब थे। लाल बहादुर शास्त्री की उपलब्धियों को एक व्यक्ति की अलग-अलग उपलब्धियों के रूप में नहीं बल्कि सामूहिक रूप से हमारे समाज की उपलब्धियों के रूप में देखा जाता था।

उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 के पाकिस्तानी आक्रमण का सामना किया और उसका डटकर मुकाबला किया। यह न केवल भारतीय सेना के लिए बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के लिए भी गर्व की बात है। लाल बहादुर शास्त्री को उनकी उदारता और जनसेवा के लिए प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को उनकी जयंती के अवसर पर याद किया जाता है।

जानिए लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान नारे के बारे में

1965 में उरुवा, प्रयागराज में एक सार्वजनिक सभा में लाल बहादुर शास्त्री द्वारा 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया गया जो कि आज भी पूरे देश में गूंजता है। चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको जय जवान जय किसान नारे के पीछे का किस्सा बताते हैं।

नेहरू की मृत्यु के बाद शास्त्री ने भारत के दूसरे प्रधान मंत्री का पद संभाला जिसके तुरंत बाद, भारत पर पाकिस्तान द्वारा हमला किया गया था। उसी समय, देश में खाद्यान्न की कमी थी। शास्त्री ने भारत की रक्षा के लिए सैनिकों को उत्साहित करने के लिए जय जवान जय किसान का नारा दिया और साथ ही आयात पर निर्भरता कम करने के लिए खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसके बाद यह एक लोकप्रिय नारा बन गया और पूरे देश में गूंजने लगा।

बता दें कि लाला बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान नारे को लोगों ने समय-समय बदलकर प्रयोग किया है। जैसे कि अटल बिहारी बाजपायी ने 1998 में पोखरन टेस्ट की सफलता के बाद जय जवान जय किसान जय विज्ञान का नारा दिया।

उसके बाद लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में "भविष्य का भारत: विज्ञान और प्रौद्योगिकी" पर बोलते हुए पीएम मोदी ने जय जवान, जय किसान और अटल बिहारी वाजपेयी के जय विज्ञान के प्रसिद्ध नारे के लिए जय अनुसंधान को जोड़ा। जो कि राष्ट्रीय विकास के लिए अनुसंधान कार्य के महत्व पर जोर दें।

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English summary
Shastri took over as the second Prime Minister of India after Nehru's death. Soon after, India was invaded by Pakistan. At the same time, there was a shortage of food grains in the country. Shastri gave the slogan 'Jai Jawan Jai Kisan' in a public meeting at Uruva, Prayagraj in 1965 to encourage soldiers to defend India.
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