Labour Day 2023 Facts: भारत में मजदूर दिवस कब क्यों कैसे शुरू हुआ जानिए

Labour Day Lesser Known Facts About Workers May Day: हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को श्रमिक दिवस के नाम से भी जाना जाता है। विश्व भर में विभिन्न इंडस्ट्री और क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों और कामगारों के योगदानों को सम्मानित करने के लिए इंटरनेशनल लेबर डे या विश्व मजदूर दिवस मनाया जाता है।

Labour Day 2023 Facts: भारत में मजदूर दिवस कब क्यों कैसे शुरू हुआ जानिए

उल्लेखनीय है कि इस दिन का उद्देश्य केवल मजदूरों और श्रमिकों द्वारा किये जाने वाले कार्यों को सम्मानित करने के लिए ही नहीं बल्कि उन्हें श्रमिकों से जुड़े अधिकारों से अवगत कराने के लिए भी खास तौर पर मनाया जाता है। उन्हें इस दौरान श्रमिक अधिकारों को समझने के लिए सशक्त बनाना भी इस आयोजन का एक बड़ा उद्देश्य है। भारत समेत विश्व के कई देशों में, मजदूर दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश भी है, जिसमें कई संगठन अपने कर्मचारियों की बेहतरी के लिए विशेष अभियानों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

मजदूर दिवस की शुरुआत 19वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई। मालूम हो कि 1886 में 1 मई को विशेष रूप से दिन में आठ घंटे के कार्य करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल हुई। इसकी याद में श्रम दिवस को चिह्नित करने के लिए 1 मई की तारीख को श्रमिक दिवस के रूप में चुना गया था।

शिकागो यूएस के हेमार्केट मामला उस दुखद घटना को संदर्भित करता है जहां एक श्रमिक विरोध रैली हिंसक हो गई जब किसी ने पुलिस पर बम फेंका जिससे सात पुलिस अधिकारियों और कम से कम चार नागरिकों की मौत हो गई। एक अन्य प्रसंग में, सन 1889 में मार्क्सवादी इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने एक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन में मांग की कि श्रमिकों को दिन में 8 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए। इसके बाद यह एक वार्षिक आयोजन बन गया और 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

भारत में मजदूर दिवस के मायने क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस समाज में कर्मचारियों के योगदान और देश के निर्माण में अतुलनीय योगदान के लिए मनाया जाता है। यह दिन दुनिया के सभी मजदूरों को समर्पित है। मजदूर दिवस या श्रमिक दिवस को भारत में मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह 1923 में भारत में तब अस्तित्व में आया, जब कॉमरेड सिंगरवेलर के नेतृत्व में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने देश में पहला राष्ट्रीय उत्सव आयोजित किया। इसके बाद सरकार ने मजदूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया। इसी दिन महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी मनाया जाता है।

मई दिवस का महत्व

मई दिवस समाज के लिए और श्रमिकों के योगदान और बलिदान को याद करने का दिन है। इस दिन का महत्व उस समय से है, जब संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रमिकों ने कठोर श्रम कानूनों, श्रमिकों के अधिकारों के उल्लंघन, खराब काम करने की स्थिति और अधिक काम के घंटों के खिलाफ विरोध करना शुरू किया। इस विरोध में 8 घंटे काम करने की मांग कर रहे हड़ताली श्रमिकों में से दो को गोली मार दी गई। इसके बाद 1916 में विरोध तेज हुआ और सरकार को 8 घंटे काम करने की नीति को पास करना पड़ा।

भारत में मई दिवस की शुरुआत कब हुई?

भारत में लोगों ने 1 मई 1923 से मजदूर दिवस मनाना शुरू किया। भारत में इसकी शुरुआत तब हुई जब कॉमरेड सिंगरवेलर के नेतृत्व में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा पहली बार मजदूर दिवस का आयोजन किया गया। भारत में पहली बार मई दिवस 1923 में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मनाया गया था। इस दिन श्रमिक संघ के नेताओं द्वारा मजदूर दिवस पर भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस दिन भारत में स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों में अवकाश होता है।

इसके साथ ही मजदूर दिवस पर कई जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। विद्यालयों एवं कॉलेजों में श्रमिकों के परिश्रम की व्याख्या पर लेख, तर्क-वितर्क, निबंध प्रतियोगिता सहित अन्य कई कार्यक्रमों का विशेष रूप से आयोजन किया जाता है। कई कार्यालयों और इंडस्ट्री में इस दौरान श्रमिकों को उनके कार्यों एवं उपलब्द्धियों के लिए पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाता है।

Labour Day 2023 Facts: भारत में मजदूर दिवस कब क्यों कैसे शुरू हुआ जानिए

मई दिवस अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस का इतिहास

शिकागो, संयुक्त राज्य अमेरिका में, श्रमिकों के एक संघ ने 1886 में 8 घंटे के कार्यदिवस के लिए आम हड़ताल की घोषणा की थी। हड़ताल हिंसक होने के बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जनता पर बम फेंके गए। कई मजदूरों की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए। कुछ वर्षों के बाद मजदूरों की मांग मान ली गई और 1916 में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाने की घोषणा की गई। भारत के साथ ही विश्व में कम से कम 80 से अधिक देशों में मई दिवस या श्रमिक दिवस या मजदूर दिवस बड़े ही उत्साह एवं आनंद के साथ मनाया जाता है।

14 जुलाई 1988 को यूरोप में, सोशलिस्ट पार्टियों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1 मई को 'पेरिस में श्रमिकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकता और एकजुटता का श्रमिक दिवस' घोषित किया और 1890 में पहली बार मई दिवस मनाया गया। यह दिन विभिन्न कार्यस्थलों पर कड़ी मेहनत करने वाले मजदूरों को एक अलग पहचान दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्यकुशलता और भविष्य के विकास में सुधार के लिए वे हमेशा नए विचारों के साथ कार्यस्थान को सकाराक्मत ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह दिन उनके काम की सराहना करने और महत्व देने के साथ-साथ उनकी मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है। मजदूर दिवस को श्रमिकों के कौशल, विचारों और अनुभवों की पहचान करने के लिए मनाया जाता है। आज दुनिया के हर देश में श्रमिकों की मांगों को सुनने की जरूरत है, ताकि हम एक समाज के रूप में अपने देश के साथ-साथ बाकी के दुनिया की विकास में अपनी-अपनी भूमिका निभा सकें।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस से जुड़े रोचक तथ्य

  • 14 जुलाई 1889 को यूरोप में सोशलिस्ट पार्टियों की पहली अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा घोषित किए जाने के बाद, मई दिवस पहली बार 1 मई 1890 को मनाया गया था।
  • पेरिस में श्रमिकों के लिए हर साल 1 मई को 'अंतर्राष्ट्रीय एकता श्रमिक दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।
  • यूरोप में 1 मई को ग्रामीण पारंपरिक किसान त्योहारों के साथ जोड़ा गया है, लेकिन बाद में इसे मई दिवस के साथ जोड़ दिया गया।
  • अमेरिका के शिकागो में 1886 में श्रमिकों द्वारा एक शांतिपूर्ण रैली में पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई, जिसमें 38 नागरिकों और 7 पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। तब इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में चुना गया।
  • भारत में मई दिवस या मजदूर दिवस या 'अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस', तमिल में 'उझोपलार नाल' और मराठी में 'कामगार दिवस' जैसे कई नामों से जाना जाता है।
  • भारत ने अपना पहला मजदूर दिवस 1923 में मद्रास (चेन्नई) में मनाया था।
  • विश्व में 80 से अधिक देशों (भारत सहित) में मजदूर दिवस पर छुट्टी रहती है।
  • लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा भारत में पहली बार मई दिवस समारोह का आयोजन किया गया था।

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FAQ's
  • मजदूर दिवस कब मनाया जाता है?

    19वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रमिक संघ आंदोलन में सभी मजदूर दिन में आठ घंटे काम की मांग के लिए एकत्रित हुए। सन 1889 में मार्क्सवादी इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने एक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन में मांग की कि श्रमिकों को दिन में 8 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए। इसके बाद यह एक वार्षिक आयोजन बन गया और 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस कैसे मनाया जाता है?

    Labour Day Celebration: अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस या मई दिवस दुनिया भर में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है और इसे कई नए तरीकों से मनाया जा सकता है। बड़े पैमाने पर लोग और समाज मजदूरों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। यहां उन्हें मनोरंजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए कुछ गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

  • क्या भारत में मजदूर दिवस पर छुट्टी होती है?

    Labour Day in India: मई दिवस को दुनिया भर के कई देशों में 1 मई को सार्वजनिक अवकाश होता है। भारत में भी मई दिवस या श्रमिक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश होता है।

  • अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2023 का महत्व क्या है?

    International Labour Day: श्रमिक दिवस मजदूरों या श्रमिकों के काम की सराहना करने और महत्व देने के साथ-साथ उनकी मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है। मजदूर दिवस को श्रमिकों के कौशल, विचारों और अनुभवों की पहचान करने के लिए मनाया जाता है।

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English summary
Labor Day Lesser Known Facts About Workers May Day: Labor Day is celebrated every year on 1 May. International Labor Day is also known as Labor Day. In the labor union movement in the United States of America in the 19th century, all workers gathered to demand work for eight hours a day. In 1889, the Marxist International Socialist Congress demanded in an international demonstration that workers should not work more than 8 hours a day. After this it became an annual event and May 1 was celebrated as Labor Day.
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