National Sports Day 2022: भारत खेल दिवस कब मनाया जाता है ? भारतीय हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की याद में हर साल भारत में नेशनल स्पोर्ट्स डे 29 अगस्त को मनाया जाता है। खेल में शानदार करियर कैसे बनाएं, किस सपोर्ट में करियर बनाएं, कौनसा खेल आपके लिए रहेगा बेस्ट और भारत की बेस्ट नेशनल स्पोर्ट्स एकेडमी कौनसी है। जनिए नेशनल स्पोर्ट्स डे से जुड़ी पूरी जानकारी।
नेशनल स्पोर्ट्स डे क्यों मनाया जाता है ? (Why We celebrate national sports day)
दुनिया की दूसरी सबसे विशाल आबादी वाले देश भारत में स्पोट्र्स सेक्टर सालाना 10-12 प्रतिशत की गति से आगे बढ़ रहा है। इसका बड़ा कारण क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, फुटबाल, शूटिंग, चेस, कबड्डी आदि जैसे खेलों में जोरदार प्रदर्शन तो है ही, इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल), इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) जैसी प्रतियोगिताएं भी देश के युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (29 अगस्त, 1905-3 दिसंबर, 1979) की याद में मनाये जाने वाले नेशनल स्पोट्र्स डे के अवसर पर जानें खिलाड़ी और खेलों से जुड़े करियर के जोरदार अवसरों के बारे में...
मेजर ध्यान चंद का सबसे बेस्ट रिकॉर्ड (Major Dhyan Chand's best record)
सामेश्वर दत्त सिंह के घर जब तीसरे बेटे ने जन्म लिया था, तो किसी ने यह सोचा नहीं था कि यहा बालक बड़ा होकर दुनिया में भारतीय हॉकी का ऐसा परचम लहरायेगा कि जर्मनी के तत्कालीन तानाशाह एडोल्फ हिटलर तक को उनका मुरीद होकर उनसे झुककर अपने देश में बस जाने का न्योता देना होगा। जी हां, बात हो रही है हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद की। इलाहाबाद में जन्मे ध्यान चंद का बचपन का नाम ध्यान सिंह। पिता आर्मी में थे और उनका नियमित रूप से ट्रांसफर होता रहता था, जिसकी वजह से ध्यान 6 साल की स्कूलिंग के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। उनके पिता और (दो भाई मूल सिंह और रूप सिंह) भाई रूप सिंह भी आर्मी में हॉकी खेलते थे, लेकिन ध्यान को तब हॉकी में कोई इंट्रेस्ट नहीं था। हां, उन्हें कुश्ती लड़ने का शौक जरूर था। 16 साल की उम्र में वे भी आर्मी में भर्ती हो गए। इसके बाद धीरे-धीरे उनका रुझान हॉकी की ओर हुआ। फिर तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आगे उनका सलेक्शन इंडियन हॉकी टीम में हुआ और उनकी अगुवाई में भारत ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में लगातार हॉकी का स्वर्ण पदक जीता। देखने वाले कहते थे कि बॉल जब ध्यान चंद के पास होती थी, तो जैसे उनकी हॉकी स्टिक से चुंबक की तरह चिपक जाती थी। उसके बाद तो विपक्षी टीम के गोल पोस्ट में गोल होना तय हो जाता था। ध्यान चंद ने अपने करियर में 400 से ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड बनाया। हॉकी खेलने वाले देश और दुनिया के तमाम खिलाड़ी आज भी उनसे प्रेरणा लेते हैं।
Career In Sports In Hindi | शौक भी, आकर्षक करियर भी
वर्षों पहले कभी कहा जाता था कि 'खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब', लेकिन यह कहावत अब उल्टा हो गया है। क्रिकेट सहित तमाम तरह के खेल अब शौक पूरे करने के साथ फुलटाइम आकर्षक करियर बन गए हैं। आईपीएल, आईबीएल जैसे टूर्नामेंट खेलों की लोकप्रियता तो बढ़ा ही रहे हैं, भारी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं। देश में आईपीएल की टीमों और अब तक कामयाबी से संपन्न 6 आईपीएल के जरिए 15000 से ज्यादा लोगों को सिर्फ इसी में रोजगार मिला है। सवा अरब से ज्यादा आबादी वाले देश भारत में क्रिकेट के अलावा, नेशनल गेम हॉकी, फुटबाल, बाॅक्सिंग, फाॅरमूला 1 रेसिंग, कुश्ती, गोल्फ, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्डी, शूटिंग, टेनिस (लाॅन टेनिस और टेबल टेनिस), चेस, आर्चरी, साइक्लिंग, बास्केटबाल, वाॅलीबाॅल, जिम्नास्टिक्स, स्विमिंग इत्यादि हर क्षेत्र खेलों में करियर की दृष्टि से आकर्षक विकल्प बन कर सामने आए हैं।
Career In Sports In Hindi | क्या कहती है स्टडी
उद्योग चेंबर एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, महाराष्ट्र, बेंगलुरू, मुंबई, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 30 प्रतिशत युवा स्पोट्र्स में अपना करियर बना रहे हैं। हालांकि इन युवाओं की पहली पसंद है क्रिकेट। खास कर रूरल एरिया में रहने वाले युवा भी क्रिकेट को करियर के रूप में अधिक तरजीह देते हैं, क्योंकि क्रिकेट में कम समय में अच्छी कमाई की जा सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 68 प्रतिशत एडवरटाइजिंग और स्पाॅन्सरशिप आज भी क्रिकेट को ही मिल रहा है और शेष अलग खेलों को। लेकिन विशेषज्ञों की मानें, तो शूटिंग, हॉकी, कुश्ती, एफ1 आदि की बढ़ती पाॅपुलरिटी के बाद अब दूसरे खेलों को काॅरपोरेट सेक्टर विशेष ध्यान देने लगा है। उड़ीसा, पंजाब, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, केरला, गोवा, नोर्थ-ईस्ट और उत्तराखंड के रूरल व ट्राइबल यूथ स्पोट्र्स में इसलिए भी करियर बना रहे हैं, क्योंकि इसके बाद उन्हें रेलवे, स्टेट गवर्नमेंट्स डिपॉर्टमेंट, पब्लिक सेक्टर और कॉर्पोरेट हाउस में भी अच्छी नौकरी मिल जाती है।
Career In Sports In Hindi | खेल को लेकर सरकारी पहल क्या है?
स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) की कई ऐसी स्कीम्स हैं, जिसके तहत युवा प्रतिभा को तराश कर उन्हें स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल लेवॅल का खिलाड़ी बनाया जाता है। हाल ही में एसएआई ने छह स्पोट्र्स सेंटर्स बेंगलुरू, लखनऊ, दिल्ली, गांधीनगर, कोलकाता और इम्फाल में बनाएं हैं, जहां नेशनल लेवॅल की प्रतियोगिताओं में छठे स्थान तक रहने वाले खिलाडि़यों को टेंड व प्रमोट किया जाता है। इसके अलावा, कई और सेंटर्स हैं, जहां खिलाडियों को ट्रेनिंग दी जाती है, जैसे-एमआरएफ पेस फाउंडेशन, चेन्नई में क्रिकेट खिलाडि़यों को और टाटा फुटबॉल एकेडमी में फुटबॉल खिलाडि़यों को ट्रेंड किया जाता है। यदि आप भी किसी खेल में रुचि रखते हैं और इसमें करियर बनाना चाहते हैं, तो अभी से मिशन में जुट जाएं। लगन से सही दिशा में कड़ी मेहनत करेंगे, तो नाम और पहचान कमाने के साथ खूब पैसे भी कमाएंगे।
Career In Sports In Hindi | खेल के लिए पर्सनल स्किल क्या है?
यदि आप स्पोर्टपर्सन बनने को इच्छुक हैं, तो शारीरिक व मानसिक रूप से बेहद मजबूत होना होगा। वैसे, कुछ खास स्किल्स खिलाडि़यों में होनी चाहिए, इसके बाद ही वे सफलता की राह पर अग्रसर हो सकते हैं, जैसे-
-खिलाडि़यों को ऊर्जावान, उत्साही और शारीरिक रूप से चुस्त होना चाहिए।
-खेल की बारीक समझ।
-अपने गेम के प्रति उनके जोश व जुनून यानी स्पोर्टिंग स्पिरिट जरूरी।
-सटीक निर्णय लेने की क्षमता।
-खेल के प्रति प्रोफेशनल नजरिया आवश्यक।
-खेल से संबंधित एरिया, कम्युनिकेशन और बिजनेस स्किल है जरूरी।
-खेल में स्थायित्व जरूरी।
Career Option In Sports In Hindi | Career In Sports In Hindi | खेल के लिए करियर ऑप्शन क्या है?
क्रिकेट: क्रिकेट के प्रति लोगों का पैशन देखते ही बनता है। देश में मेट्रो शहर के अलावा, छोटे शहरों में भी कोचिंग सेंटर्स खुलने लगे हैं। वैसे, आप रणजी आदि ट्रॉफी में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद नेशनल टीम में स्थान बना सकते हैं। आईपीएल की टीमों के साथ जुड़ने का आकर्षक विकल्प तो है ही।
बिलियड्र्स: गीत सेठी जैसे खिलाडि़यों ने भारतीय बिलियड््र्स को एक नई दिशा प्रदान की है। पहले बिलियड्र्स की सुविधा कुछ खास जगहों पर ही थी, लेकिन आज बिलियड्र्स रूम और स्नूकर हाउस जगह-जगह पर हैं। बिलियड्र्स और स्नूकर फेडरेशन ऑफ इंडिया नियमित रूप से जूनियर लेवॅल पर प्रतियोगिताएं आयोजित करती रहती हैं।
हॉकी: भारत ने ओलंपिक हॉकी में छह बार स्वर्ण पदक (1928-1956) जीता है। घरेलू स्तर पर कई टूर्नामेंट भी आयोजित किए जाते हैं। इसमें ध्यानचंद्र टूर्नामेंट भी शामिल हैं। देश के नेशनल स्पोट्र्स का दर्जा प्राप्त हॉकी की आने वाले दिनों तस्वीर बदल सकती है।
चेस: विश्वनाथन आनंद ने भारतीय चेस को एक नया मुकाम दिया है। यही वजह है कि युवा आज चेक को करियर के रूप में भी देख रहे हैं। इस खेल को बढ़ावा देने के लिए ऑल इंडिया चेस फेडरेशन कई योजनाओं पर काम रही हैं। इसमें ऑनलाइन चेस एजुकेशन प्रोग्राम भी शामिल हैं।
शूटिंग: रोंजन सोढ़ी और अभिनव बिंद्रा की उपब्धियों ने युवाओं को निशानेबाजी में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। आप नेशनल राइफल असोसिएशन के माध्यम से इसकी ट्रेनिंग हासिल कर सकते हैं।
टेनिस: हाल के वर्षों में सानिया नेहवाल, ज्वाला गट्टा आदि ने महिला टेनिस में काफी सफलता हासिल की है। सानिया की सफलता से प्रभावित हो कर अन्य तमाम युवा इस क्षेत्र में कदम रखने लगे हैं।
Career Option In Sports In Hindi | Career In Sports In Hindi | स्पोट्र्स से जुड़े कार्य क्षेत्र क्या हैं?
स्पोर्ट्स में खिलाड़ी प्रमुख योद्धा होते हैं, लेकिन इनके साथ-साथ कई और लोग जुड़े होते हैं, जहां आप जॉब हासिल कर सकते हैं, जैसे-
कोचिंग: कुशल कोच की डिमांड आज एसएआई सेंटर्स, स्टेट और सेट्रल स्पोर्ट सेंटर के अलावा, स्पोर्ट क्लब, स्कूल-कॉलेज आदि में खूब हैं। जिस प्रकार बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिलता उसी प्रकार खेल में भी बिना प्रशिक्षक के अच्छा खिलाड़ी नहीं बना जा सकता। जिस तरह खेलों में नाम रोशन करने के लिए अच्छेख खिलाडि़यों का होना अनिवार्य है, उसी तरह प्रतिभावान खिलाडि़यों को तराश कर उन्हेंड निखारने के लिए अच्छेन प्रशिक्षकों की भी आवश्यीकता होती है। इसीलिए बतौर खेल प्रशिक्षक आज रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध् हैं। स्कू ल स्तिर से लेकर अंतरराष्ट्रीतय स्तबर पर हर खेल में अच्छेक प्रशिक्षकों की माँग होती है। एक अच्छाअ प्रशिक्षक बनने के लिए आपको स्वषयं खेलों की बेहतर जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही आप में यह गुण भी मौजूद होना चाहिए कि आप खेल के माध्योम से बच्चों में उत्साीह, प्रतिस्पार्धा और नेतृत्वं का भाव जगा सकें।
स्पोट्र्स मैनेजमेंट: आज स्पोर्ट मैनेजमेंट का क्षेत्र काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है। सफल खिलाड़ी अपनी बिजनेस एक्टिविटिज, फाइनैंस, प्रोडक्ट एडवरटाइजिंग, मीडिया, पब्लिक रिलेशन, बिजनेस प्रमोशन आदि को मैनेज करने के लिए स्पोर्ट मैनेजमेंट से जुड़े प्रोफेशनल्स की सहायता लेते हैं।
कमेंटेटर: हर्षा भोगले, नवजोत सिंह सिद्धू और संजय मांजरेकर आज इसलिए भी प्रसिद्ध हैं, क्योंकि कम्युनिकेशल स्किल में मामले में ये माहिर खिलाड़ी हैं। आज इनके जैसे कंमेंटेटर की काफी डिमांड हैं। कमेंटेटर के रूप में आप स्पोट्र्स चैनल में काम कर सकते हैं।
खेल पत्रकारिता: यदि खेलों के साथ-साथ आपको लिखने या स्पोट्र्स रिपोर्टिंग का भी शौक है तो आप खेल पत्रकारिता को बतौर करियर अपना सकते हैं। इस तरह खेल की दुनिया से आपका सजीव संबंध भी बना रहेगा और आप खेल प्रतियोगिताओं में बतौर पत्रकार शामिल भी हो सकेंगे। खेल पत्रकारिता में एक अच्छेत मुकाम पर पहुँचने के बाद आप खेल के विकास में भी अपनी कलम के माध्यतम से अपना योगदान दे सकते हैं। खेल पत्रकारिता, पत्रकारिता का एक बहुत ही महत्व पूर्ण क्षेत्र है जहाँ नाम, पैसा और शोहरत सबकुछ है।
फिजियोथेरेपिस्ट/न्यूट्रिशनिस्ट: अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में फिजियोथेरेपिस्ट अहम भूमिका निभाते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए स्पोट्र्स फिजियोथेरेपिस्ट का विशेष प्रशिक्षण लेकर किसी टीम से जुड़कर फिजियोथेरेपिस्ट का दायित्व निभा सकते हैं। इसी तरह आहार प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आप स्पोट्र्स न्यूट्रिशनिस्ट बन सकते हैं।
स्पोट्र्स साइकोलॉजी कसंल्टेंट: स्पोट्र्स साइकोलॉजी कंसल्टेंट का मुख्य काम खिलाड़ी को प्रोत्साहित करके उसके परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना होता है। इतना ही नहीं, वह कोच,खिलाड़ी व टीम के लिए भी काम करता है। खिलाडि़यों के बीच एकता पैदा करने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
स्पोट्र्स मेडिसिन: खेल या प्रैक्टिस के दौरान खिलाडि़यों को चोट लगना स्वाभाविक है और चोट लगने के बाद उसका इलाज जरूरी होता है। यही कारण है कि अब खिलाडि़यों को फिट रखने के लिए स्पोट्र्स मेडिसिन के क्षेत्र को अलग से तवज्जो दी जाने लगी है, जिसके चलते यह प्रोफेशन भी काफी पॉपुलर हो रहा है।
स्पोट्र्स मैनेजमेंट: खेल और एंटरटेनमेंट जगत का सम्बन्ध बहुत ही गहन है। वर्तमान में खेलों में भी भरपूर मसाला देखने को मिलता है। क्रिकेटर्स की नीलामी और आईपीएल की टी-20 ट्रॉफी जैसे खेलों के आयोजन ने स्पोट्र्स मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खोले हैं। टूर्नामेंट या खेल से जुड़ा कोई इवेंट कराना हो, तो स्पोट्र्स मैनेजर की सेवाएं आवश्यक होती हैं।
स्पोट्र्स टीचर: आज खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रत्येक स्कूल में स्पोट्र्स टीचर रखे जा रहे हैं। हालांकि पहले भी पीटी या फिजिकल टीचर रखे जाते थे, लेकिन आज खेलों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कुशल स्पोट्र्स टीचर्स की डिमांड कहीं ज्यादा बढ़ गई है। इतना ही नहीं, इस तरह के विशेषज्ञ तैयार करने के लिए स्पेशलाइज्ड कोर्स भी कराए जा रहे हैं। पहले सिर्फ एक ही टीचर विभिन्न खेलों के विषय में पढ़ाया करता था, परंतु अब विशेषज्ञ टीचर की मांग की जाने लगी है। ऐसे में बतौर स्पोट्र्स टीचर करियर संवादा जा सकता हैं। आगामी वर्षों में इनकी डिमांड और भी अधिक बढ़ने की संभावना है।
स्पोट्र्स मार्केटिंग: जब से स्पोट्र्स के साथ एंटरटेनमेंट जुडा है, इसकी मार्केटिंग की भी बात होने लगी है। अब तो खिलाड़ी खुद की मार्केटिंग के लिए, खुद के ब्रांड को बेचने के लिए बाकायदा मार्केटिंग मैनेजरों की नियुक्ति तक करने लगे हैं। सचिन तेंदुलकर, महेन्द्र सिंह धोनी, विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा आदि से एड कंपनियां सीधे संपर्क नहीं कर सकतीं। इसके अतिरिक्त स्पोट्र्स कंपनियों के लिए विज्ञापन जुटाना, टिकटों की बिक्री का जिम्मा स्पोर्ट्स मार्केटिंग मैनेजर का होता है। स्पोट्र्स गुड्स, स्पोट्र्स वियर आदि बनाने वाली कंपनियां भी मार्केटिंग मैनेजर नियुक्त करती हैं।
सेलिब्रिटी मैनेजर या पीआरओ: ट्रैक रिकॉर्ड है, अच्छी पीआर स्किल्स और फास्ट मूविंग स्लेयर्स के लिए हर शहर में उपलब्ध रहने की योग्यता है, तो सेलिब्रिटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है। यहां सेलिब्रिटीज की गति- विधियों को मैनेज करना होता है।
फिटनेस एक्सपर्ट: स्पोट्र्स पर्सन को हेल्थ क्लब व फिटनेस सेंटर में बतौर कोच नौकरी पर रखा जाता है। इसके अलावा स्पोट्र्स ऑफिसर, स्टेडियम मैनेजर भी बन सकते हैं।
Career In Sports In Hindi | स्पोर्ट्स में पैसा भी बहुत है
पैसों का आकर्षण
आज आप चाहें किसी भी खेल से क्यों न जुड़े हों, यदि आप चैम्पियन हैं, तो आप पर पैसों की बरसात हो सकती हैं। इसका हालिया उदाहरण है भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली आदि जिनपर आज करोड़ों रुपये की बरसात हो रही है। साथ ही, कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा रहा है। अपने क्षेत्र में माहिर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, सानिया नेहवाल, भाईचुंग भूटिया, विश्वनाथन आनंद, ज्योति रंधावा, अभिनव बिंद्रा आदि न केवल खेल से कमाते हैं, बल्कि प्रोडक्ट प्रमोशन और एडवरटाइजिंग से भी खूब कमाई होती है। लेकिन इस प्रोफेशन में आपकी सम्मान तब तक ही मिलेगा,जब आपके परफॉर्मेंस में निरंतरता होगी। यदि आपको लगता है कि आप में भी है जोरदार स्पोट्र्सपर्सन की दमखम तो उतर जाइए स्पोट्र्स की समर भूमि में, लेकिन पूरी तैयारी के साथ।
भारत में खेल के प्रमुख संस्थान Best Sports Academy In India
नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला
वेबसाइट : www.nsnis.org
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन ऐंड स्पोर्ट्स साइंसेज, दिल्ली
वेबसाइट : www.igipess. com
दिल्ली यूनिवर्सिटी
वेबसाइट : www.du.ac.in
जिवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
वेबसाइट : www.jivajee.edu
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
वेबसाइट : www.bhu.ac.in
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ, उत्तर प्रदेश
वेबसाइट : www.amu.ac.in
National Sports Day 2022: इस खास वजह से मनाया जाता है 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस
National Sports Day 2022 Speech Essay राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण निबंध
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