Teachers Day 2022: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान व्यक्ति थे। वे राजनितिक, एकादमिक क्षेत्रों के साथ-साथ साहित्य जगत में भी काफी लोकप्रिय थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को फिलॉसफी में खास प्रकार की रुचि थी।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान व्यक्ति थे। वे राजनितिक, एकादमिक क्षेत्रों के साथ-साथ साहित्यिक जगत में भी काफी लोकप्रिय थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को फिलॉसफी में खास प्रकार की रुचि थी। जिस वजह से उन्होंने अपनी पहली पुस्तक रवींद्रनाथ टैगोर की फिलॉसफी पर लिखी जिसा प्रकाशन 1918 में किया गया था। इसके अलावा भी राधाकृष्णन ने अपनी कई पुस्तके फिलॉसफी विषय से जुड़ी हुई लिखी थी। राधाकृष्णन को साहित्य क्षेत्र में 16 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था जो कि किसी भी साहित्यकार के लिए गर्व की बात होती है।

बता दें कि प्रत्येक वर्ष राधाकृष्णन की जयंती को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में बड़े ही हर्ष के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी छात्र अपने शिक्षकों के प्रति प्रेम-स्नेह व्यक्त करते हैं। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के बारे में बताते हैं।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा लिखित पुस्तकों की सूची निम्नलिखित है

  • राधाकृष्णन द्वारा लिखी गई पहली पुस्तक वर्ष 1918 में फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर थी।
  • उनकी दूसरी पुस्तक 1923 में प्रकाशित हुई थी जिसका नाम इंडियन फिलॉसफी था।
  • 1926 में प्रकाशित द हिंदू व्यू ऑफ लाइफ राधा कृष्णन की तीसरी पुस्तक थी जो हिंदू दर्शन और मान्यताओं से संबंधित थी।
  • राधाकृष्णन की चौथी पुस्तक जीवन का एक आदर्शवादी दृष्टिकोण 1929 में प्रकाशित हुई थी।
  • और उसी वर्ष उनकी कल्कि द फ्यूचर ऑफ सिविलाइजेशन पुस्तक प्रकाशित हुई थी।
  • उन्होंने वर्ष 1939 में अपनी छठी पुस्तक 'ईस्टर्न रिलिजन्स एंड वेस्टर्न थॉट' प्रकाशित की।
  • डॉ राधाकृष्णन द्वारा लिखित उनकी सातवीं पुस्तक धर्म और समाज 1947 में प्रकाशित हुई थी।
  • 1948 में उन्होंने भगवद्गीता: एक परिचयात्मक निबंध के साथ, संस्कृत पाठ, अंग्रेजी अनुवाद और नोट्स प्रकाशित किए थे।
  • 1950 में उनकी पुस्तक द धम्मपद उनकी आठवीं पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई।
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन की दसवीं पुस्तक द प्रिंसिपल उपनिषद 1953 में प्रकाशित हुई थी।
  • राधाकृष्णन की पुस्तक रिकवरी ऑफ फेथ 1956 में प्रकाशित हुई थी।
  • उनकी बारहवीं पुस्तक ए सोर्स बुक इन इंडियन फिलॉसफी 1957 में प्रकाशित हुई थी।
  • राधाकृष्णन द्वारा लिखित ब्रह्म सूत्र: आध्यात्मिक जीवन का दर्शन पुस्तक का प्रकाशन 1959 में प्रकाशित हुआ था।
  • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अंतिम पुस्तक धर्म, विज्ञान और संस्कृति थी जो कि 1968 में प्रकाशित हुई थी।
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English summary
Dr Sarvepalli Radhakrishnan was a great man. He was very popular in the political, academic fields as well as in the literary world. Sarvepalli Radhakrishnan had a special interest in philosophy. Because of which he wrote his first book on the philosophy of Rabindranath Tagore which was published in 1918.
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