Independence Day 2022 दुर्गाबाई देशमुख के बारे में 10 रोचक तथ्य

Independence Day 2022: 15 अगस्त 2022 को भारत में इस वर्ष 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार ने आजादी के जश्न को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

Independence Day 2022: 15 अगस्त 2022 को भारत में इस वर्ष 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार ने आजादी के जश्न को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। भारत को अंग्रेजों से आजादी प्राप्त करने में 200 से अधिक वर्ष का समय लगा। इस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट में कई पुरुषों के साथ साथ महिलाओं का भी नाम शामिल है। इस लेख में हम बात कर रहे हैं भारतीय स्वतंत्रता सेनानी दुर्गाबाई देशमुख की, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई सत्याग्रह आंदोलनों का नेतृत्व किया। आइए जानते हैं भारतीय स्वतंत्रता सेनानी दुर्गाबाई देशमुख के बारे में 10 रोचक तथ्य।

Independence Day 2022 दुर्गाबाई देशमुख के बारे में 10 रोचक तथ्य

दुर्गाबाई देशमुख के बारे में
दुर्गाबाई ने बीए ऑनर्स मद्रास विश्वविद्यालय से और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्रवृत्ति प्राप्त की। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दुर्गाबाई देशमुख ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए लगातार काम किया। उनका मानना था कि देश की रीढ़ मजबूत करने, राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए जनसंख्या नियंत्रण होना बहुत जरूरी है। दुर्गाबाई ने ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन की स्थापना की। इतना ही नहीं उन्होंने आंध्र महिला सभा की स्थापना की, जिसमें एक अस्पताल, नर्सिंग होम, नर्स प्रशिक्षण केंद्र, साक्षरता और शिल्प केंद्र शामिल थे।

1. भारतीय स्वतंत्रता सेनानी दुर्गाबाई देशमुख ने कई भारतीय सत्याग्रह आंदोलनों का नेतृत्व किया। दुर्गाबाई देशमुख भारत की संविधान सभा और भारत के योजना आयोग की सदस्य थीं। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2. दुर्गाबाई देशमुख ने सन 1923 में खादी प्रदर्शनी भाग लिया और लोगों को खादी के सामानों के प्रयोग के लिए प्रेरित किया। खादी प्रदर्शनी में आने के लिए टिकट रखी गई थी, लेकिन जब पंडित जवाहरलाल नेहरू बिना टिकट के पहुंचे तो उन्हें आने से रोक दिया।

3. दुर्गाबाई देशमुख एएमएस संस्थानों और अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण संगठनों की संस्थापक थीं। दुर्गाबाई देशमुख एक नारीवादी, सांसद, प्रशासक और महान दूरदर्शी थीं। उनका उद्देश्य भारत में सामाजिक रूप से उत्पीड़ित और राजनीतिक रूप से उपेक्षित जनता का उत्थान करना था।

4. जब दुर्गाबाई देशमुख संसद सदस्य थीं, तो उन्होंने जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों को शिक्षित करने, प्रशिक्षण देने और पुनर्वास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। दुर्गाबाई देशमुख को भारत में समाज सेवा की जननी के रूप में जाना जाता है।

5. दुर्गाबाई देशमुख का जन्म 15 जुलाई 1909 में राजमुंदरी में काकीनाडा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। आठ साल की उम्र में उनकी शादी एक समृद्ध जमींदार परिवार के बेटे से कर दी गई थी।

6. महिला सशक्तिकरण की मिसाल रहीं देशमुख ने 44 साल की उम्र में अपनी आत्मकथा 'चिंतामन और मैं' के शीर्षक के पीछे प्रेरणास्रोत चिंतन देशमुख से दोबारा शादी की। दुर्गाबाई देशमुख के पति सी डी देशमुख वित्त मंत्री और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बनने वाले पहले भारतीय थे।

7. जब वह युवा अवस्था में आईं तो उन्हें एहसास हुआ कि शादी का वास्तव में क्या मतलब है। उन्होंने अपने पति को समझाया कि वह उनके लिए उपयुक्त पत्नी नहीं होंगी। इसलिए उसने बंधन तोड़ने और खुद को देश सेवा में शामिल करने का फैसला किया।

8. दुर्गाबाई देशमुख बचपन से ही महात्मा गांधी जी को अपना आदर्श मानती थीं। उन्होंने युवा अवस्था में आते ही खादी पहनना शुरू किया और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का बहिष्कार किया। इसके बाद वह देश सेवा के लिए कांग्रेस में शामिल हो गईं।

9. जब वह महात्मा गांधी के साथ नमक सत्याग्रह से जुड़ी तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें वेल्लोर जेल भेज दिया गया। दुर्गाबाई देशमुख वेल्लोर में अन्य महिला कैदियों के साथ घुलमिल गईं। इसके बाद वह कई बार सत्याग्रह आंदोलन के दौरान गिरफ्तार की गईं।

10. दुर्गाबाई ने अपने पति के साथ नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और काउंसिल ऑफ सोशल डेवलपमेंट एंड पॉपुलेशन काउंसिल ऑफ इंडिया की कल्पना की। 9 मई 1981 में दुर्गाबाई देशमुख का निधन हुआ। लेकिन आज भी उनके अथक प्रयासों के कारण ही हम खुली हवा में सांस ले प रहे हैं।

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English summary
Independence Day 2022: 76th Independence Day will be celebrated this year in India on 15th August 2022. On the completion of 75 years of India's independence, the Government of India has decided to celebrate the celebration of independence as 'Azadi Ka Amrit Mahotsav'. It took more than 200 years for India to get independence from the British. Many Indian freedom fighters sacrificed their lives during this Indian freedom struggle. The names of many men as well as women are included in the list of Indian freedom fighters. In this article we are talking about the Indian freedom fighter Durgabai Deshmukh, who led many Satyagraha movements of the Indian freedom struggle. Let us know 10 interesting facts about Indian freedom fighter Durgabai Deshmukh.
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