प्लांट पैथोलॉजी में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD in Plant Pathology)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन प्लांट पैथोलॉजी 3 साल की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी प्लांट पैथोलॉजी कोर्स बायोलॉजिकल साइंस के कृषि विज्ञान की एक शाखा है जो पौधों में रोगों के अध्ययन से संबंधित है, इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को ये सिखाया जाता हैं कि कैसे पौधों में रोग विकसित होते हैं और किन तरीकों से पौधों के रोगों को ठीक किया जा सकता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर प्लांट पैथोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में प्लांट पैथोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

प्लांट पैथोलॉजी में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन प्लांट पैथोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 10,000 से 1,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 5 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- लिम्नोलॉजिस्ट, प्लांट जेनेटिस्ट, अक्वाटिक बॉटेनिस्ट, प्लांट पैथोलॉजिस्ट, कंस्लटेंट आदि।
• जॉब फील्ड- सरकारी और निजी संगठन, कॉलेज/यूनिवर्सिटी आदि।

पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास प्लांट पैथोलॉजी से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी प्लांट पैथोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी प्लांट पैथोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, आईसीएआर अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा (एआईईई), पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, एलपीयू नेशनल एंट्रेंस एंड स्कॉलरशिप टेस्ट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर प्लांट पैथोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी: सिलेबस
सेमेस्टर 1

  • एडवांस ऑफ क्रोप ग्रोथ एंड प्रोडक्टिविटी
  • एडवांस इन वीड मैनेजमेंट

सेमेस्टर 2

  • इरिगेशन मैनेजमेंट
  • स्ट्रेस क्रोप प्रोडक्शन

सेमेस्टर 3

  • सेमिनार
  • प्रिलिमनरी

सेमेस्टर 4

  • रिसर्च
  • प्रिंसिपल एंड प्रैक्टिस ऑफ सॉइल फर्टिलिटी एंड न्यूट्रिशन मैनेजमेंट

सेमेस्टर 5

  • रिसर्च
  • ड्राइलैंड फार्मिंग एंड वाटरशेड मैनेजमेंट

सेमेस्टर 6

  • रिसर्च
  • एग्रोनॉमी ऑफ मेजर सीरियल्स एंड प्लेस

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 36,000
  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली- फीस 29,250
  • तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर- फीस 80,000
  • पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना- फीस 85,000
  • लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर- फीस 2,40,000
  • चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार- फीस 22,000

पीएचडी इन प्लांट पैथोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • प्लांट पैथेलॉजिस्ट- सैलरी 4 से 5 लाख तक
  • हेल्थ मैनेजर- सैलरी 3 से 4 लाख तक
  • रिसर्च असोसिएट- सैलरी 2.5 से 3.5 लाख तक
  • प्रोफेसर- सैलरी 3 से 4 लाख तक
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English summary
Doctor of Philosophy in Plant Pathology is a full time course of 3 years duration. PhD Plant Pathology course is a branch of agronomy of biological sciences that deals with the study of diseases in plants, through this course students are taught how diseases develop in plants and in what ways plant diseases can be treated can be corrected.
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