प्लेनिंग में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD in Planning)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन प्लेनिंग 3 से 5 साल तक की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी प्लेनिंग कोर्स छात्रों को योजना बनाने के लिए सूचना मॉडलिंग के निर्माण के हिस्से के रूप में कंप्यूटर सहायता प्राप्त डिजाइन और प्रारूपण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का अवसर प्रदान करता है। यह कोर्स अन्य इंजीनियरों और वास्तुकारों के साथ सहयोग करने का अवसर भी प्रदान करता है जो व्यावहारिक लेआउट या निर्माण परियोजना सौंदर्यशास्त्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन प्लेनिंग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर प्लेनिंग में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में प्लेनिंग में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

प्लेनिंग में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन प्लेनिंग
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम + इंटरव्यू
• कोर्स फीस- 60,000 से 7,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 30 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- आर्किटेक्ट टेक्नोलॉजिस्ट, एनवायरनमेंटल कंसल्टेंट, रूरल सर्वेयर, क्वालिटी सर्वेयर, टाउन प्लानर, आर्किटेक्चर मैनेजर, डिजाइन इंजीनियर, आर्किटेक्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर आदि।

पीएचडी इन प्लेनिंग: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास प्लेनिंग या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन प्लेनिंग में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन प्लेनिंग: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन प्लेनिंग कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन प्लेनिंग के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इन प्लेनिंग में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन प्लेनिंग के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी सीएसआईआर नेट, यूजीसी नेट, गेट, स्लेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर प्लेनिंग का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन प्लेनिंग: सिलेबस

  • रिसर्च मैथेडलॉजी
  • प्लेनिंग थ्योरी एंड टेक्नीक
  • प्लेनिंग स्टूडियो/ वर्कशॉप
  • प्लेनिंग लेगिशलेशन एंड प्रोफेशनल प्रेक्टिस
  • प्लेनिंग एंड डिजाइन
  • सेमिनार
  • फील्ड स्टडी
  • डिसर्टेशन
  • प्रोजेक्ट वर्क
  • थिसिस जनरेशन

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन प्लेनिंग: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • आईआईटी खड़गपुर- फीस 25,000
  • आईआईटी रुड़की- फीस 43,780
  • सीईपीटी विश्वविद्यालय, अहमदाबाद- फीस 3,80,000
  • स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, एसपीए- फीस 2,40,000
  • एनआईटी त्रिची, तिरुचिरापल्ली- फीस 59,250
  • स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, विजयवाड़ा- फीस 64,500
  • जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 41,610
  • बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची- फीस 75,000
  • अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 1,250
  • हिंदुस्तान प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान, चेन्नई- फीस 40,000

पीएचडी इन प्लेनिंग: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • आर्किटेक प्लेनर- सैलरी 6,50,000
  • रिसर्च- सैलरी 7,00,000
  • आर्किटेक्चरल मैनेजर- सैलरी 10,00,000
  • डिजाइन मैनेजर- सैलरी 6,00,000
  • आर्किटेक्ट- सैलरी 18,00,000
  • प्रोजेक्ट मैनेजर- सैलरी 12,00,000
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English summary
Doctor of Philosophy in Planning is a full time course of 3 to 5 years duration. The PhD Planning course provides students with the opportunity to use computer-aided design and drafting technology as part of building information modeling for planning. The course also provides an opportunity to collaborate with other engineers and architects.
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