ऑर्थोडॉन्टिक्स में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Orthodontics)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ऑर्थोडॉन्टिक्स 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएच.डी. ऑर्थोडोंटिक्स का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों को उनकी दृष्टि के निर्माण में मदद करने के लिए दंत क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों के बारे में सूचित करना है। ऑर्थोडोंटिक्स में पीएचडी मौखिक स्वास्थ्य विज्ञान में शैक्षिक अनुसंधान क्षेत्र की तलाश करने वाले छात्रों के लिए उत्कृष्ट परिणाम प्रदान करती है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ऑर्थोडॉन्टिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ऑर्थोडॉन्टिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

ऑर्थोडॉन्टिक्स में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ऑर्थोडॉन्टिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 2,00,000 से 3,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 4 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोफेसर, फॉरेंसिक, डेंटल हाइजेनिस्ट, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, रिसर्चर आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- डेंटल क्लिनिक, मेडिकल शॉप्स, डेंटल कॉलेज, हॉस्पिटल आदि।

पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास ऑर्थोडॉन्टिक्स या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन ऑर्थोडॉन्टिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस नीट पीजी, नेट, आरयूईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर ऑर्थोडॉन्टिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स: सिलेबस
पेपर 1

  • इंट्रोडक्शन टू ऑर्थोडॉन्टिक्स
  • हिस्टोरिकल अप्रोच टू रिसर्च
  • एथिकल इश्यूज इन रिसर्च
  • अप्रोच टू रिसर्च इन हेल्थ साइंस
  • ग्रांट राइटिंग
  • मैन्युस्क्रिप्ट राइटिंग
  • क्रिटिकल ऑपरेशन ऑफ आर्टिकल पब्लिश्ड इन साइंटिफिक जर्नल
  • थिसिस राइटिंग
  • हेल्थकेयर डिलीवरी सिस्टम इन इंडिया
  • हेल्थ रिसर्च फंडामेंटल्स

पेपर 2

  • रिसर्च डिसिप्लिन रिलेटेड टॉपिक्स एंड वर्कशॉप

पेपर 3

  • बायोस्टेटेटिक्स

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • दयानंद सागर डेंटल साइंस कॉलेज, बंगलौर- फीस 5 से 6 लाख
  • दा पांडु मेमोरियल आर.वी. डेंटल कॉलेज और अस्पताल, बंगलौर
  • एसजीटी डेंटल कॉलेज अस्पताल और अनुसंधान संस्थान, गुड़गांव- फीस 1,52,500
  • भारती विद्यापीठ डेंटल कॉलेज और अस्पताल - [बीवीडीसीएच], पुणे

पीएचडी ऑर्थोडॉन्टिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • रिसर्चर - सैलरी 3,12,000
  • डेंटल हाइजिनिस्ट- सैलरी 3,00,000
  • डेंटल सर्जन- सैलरी 3,12,000
  • डेंटल पैथेलॉजिस्ट- सैलरी 3,50,000
  • डेंटल असिस्टेंट- सैलरी 2,50,000
  • पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट- सैलरी 2,40,000
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English summary
Doctor of Philosophy in Orthodontics is a doctorate level course of 3 years duration. PHD. The primary objective of orthodontics is to inform students about the latest research and technologies in the dental field to help them build their vision. A PhD in Orthodontics provides excellent results for students seeking an academic research area in the oral health sciences.
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