मेडिकल फिजिक्स में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Medical Physics)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन मेडिकल फिजिक्स 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। यह कोर्स उम्मीदवारों को चिकित्सा विज्ञान के संयोजन में फिजिक्स यानि की भौतिकी का एडवांस्ड नॉलेज प्रदान करता है। बता दें कि जो छात्र इस कोर्स को करना चाहते हैं, उन्हें इस विषय और इसके मूल सिद्धांतों की सामान्य समझ होनी चाहिए।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी मेडिकल फिजिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर मेडिकल फिजिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में मेडिकल फिजिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

मेडिकल फिजिक्स में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन मेडिकल फिजिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम+ पर्सनल इंट्रव्यू
• कोर्स फीस- 6,100 से 65,000 तक
• अवरेज सैलरी- 4 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- रिसर्च, न्यूक्लियर थेरेपिस्ट, फिजिसिस्ट, सिनियर रिसर्चर आदि।
• जॉब फील्ड- रिसर्च, न्यूक्लियर मेडिसिन, थेरेपी, अग्रीकल्चर, डायग्नोसटिक्स आदि।

पीएचडी मेडिकल फिजिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास मेडिकल फिजिक्स या उससे संबंधित विषयों में मास्टर की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी मेडिकल फिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी मेडिकल फिजिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी मेडिकल फिजिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी मेडिकल फिजिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी मेडिकल फिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन मेडिकल फिजिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस जेआरएफ- यूजीसी- नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट, गेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर मेडिकल फिजिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी मेडिकल फिजिक्स: सिलेबस

  • रिसर्च मैथेडलॉजी
  • कंप्यूटेशनल मेथेडस इन फिजिक्स
  • रेडियेशन डोसिमेट्री एंड ट्रीटमेंट प्लेनिंग
  • बायोमेडिकल इंस्ट्रयूमेंटेशन
  • ब्रेकीथेरेपी फिजिक्स
  • सेमिनार
  • लेबोरेट्री प्रैक्टिस
  • डिसर्टेशन
  • प्रोजेक्ट वर्क
  • थिसिस

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी मेडिकल फिजिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई- फीस 51,000
  • भारथिअर विश्वविद्यालय, कोयंबटूर- फीस 18,400
  • पयू, चंडीगढ़- फीस 64,500
  • उप पाटिल एजुकेशन सोसाइटी, कोल्हापुर
  • एसआरएचयू, देहरादून- फीस 90,000
  • श्याम विश्वविद्यालय, दौसा- फीस 90,000
  • यूवीओसीईटी, थूथुकुडी- फीस 49,500

पीएचडी मेडिकल फिजिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • न्यूक्लियर थेरेपिस्ट - सैलरी 6,32,000
  • मेडिकल फिजिसिस्ट - सैलरी 8,75,000
  • रिसर्चर- सैलरी 9,00,000
  • फिजिसिस्ट- सैलरी 7,25,000
  • प्रोफेसर- सैलरी 4,87,000
  • साइंटिस्ट- सैलरी 5,82,000
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English summary
Doctor of Philosophy in Medical Physics is a doctoral level course of 3 years duration. This course provides candidates with advanced knowledge of Physics i.e. Physics in combination with Medical Science. Explain that the students who want to do this course should have a general understanding of the subject and its fundamentals.
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