मीडिया स्टडीज में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Media Studies)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन मीडिया स्टडीज 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का फुल-टाइम कोर्स है। इस कोर्स का फोक्स मीडिया के क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण समझ प्राप्त करना है और यह समाज, लोगों की संस्कृति, राजनीति और बदले में देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है। मीडिया में पीएचडी करने से, छात्रों को आज की दुनिया में सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं को आकार देने में मीडिया की भूमिका के बारे में गहरी जानकारी मिलती है, चाहे वह टेलीविजन, सिनेमा, प्रिंट मीडिया या डिजिटल मीडिया हो।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी मीडिया स्टडीज से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर मीडिया स्टडीज में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में मीडिया स्टडीज में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

मीडिया स्टडीज में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन मीडिया स्टडीज
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम + इंटरव्यू
• कोर्स फीस- 1,381 से 92,900
• अवरेज सैलरी- 4 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- मार्केटिंग डायरेक्टर, मार्केटिंग असिस्टेंट, सोशल मीडिया एनालिस्ट, सोशल मीडिया मैनेजर, सोशल मीडिया मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, न्यूज एंकर, रिपोर्टर, मीडिया रिसर्चर, मीडिया प्लानर, मीडिया मैनेजर, कॉपीराइटर, ब्लॉगर आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- ज़ी टीवी, आजतक, टीवी9, गीक्सचिप, 3डीएम एजेंसी, एफएमआईएम, ऑल इंडिया रेडियो, मलयाला मनोरमा ग्रुप, एशियानेट, ब्लूमबर्गक्विंट, डाइजीवर्ल्ड मीडिया, इंडिया टुडे, लिविंग मीडिया, क्रिएटिव आई लिमिटेड आदि।

पीएचडी मीडिया स्टडीज: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

पीएचडी मीडिया स्टडीज: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

• इच्छुक उम्मीदवार के पास मीडिया स्टडीज या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एफ.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी मीडिया स्टडीज में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी मीडिया स्टडीज: एडमिशन प्रोसेस

पीएचडी मीडिया स्टडीज: एडमिशन प्रोसेस

किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी मीडिया स्टडीज कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी बायोमेडिकल साइंस के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
  • चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

    • यदि उम्मीदवार पीएचडी मीडिया स्टडीज में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
    • बता दें कि पीएचडी इन मीडिया स्टडीज के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट, यूजीसी सीएसआईआर नेट, जेएनयूईई आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
    • चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
      एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

      चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

      • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
      • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर मीडिया स्टडीज का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
      • पीएचडी मीडिया स्टडीज: सिलेबस

        पीएचडी मीडिया स्टडीज: सिलेबस

        • मीडिया और संचार अध्ययन में सिद्धांत और अवधारणाएं
        • मीडिया अध्ययन में अनुसंधान के उन्नत तरीके
        • डिजिटल मीडिया और रोजमर्रा की जिंदगी
        • समकालीन समाज में मीडिया
        • मीडिया और लोकप्रिय संस्कृति
        • इंटरनेट और सोशल मीडिया
        • मीडिया और विकास प्रवचन
        • मीडिया, कानून और विनियमन
        • लिंग और मीडिया प्रतिनिधित्व
        • लेखन अनुसंधान
        • मीडिया संगोष्ठी
        • शोध पत्र का प्रकाशन
        • कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

          पीएचडी मीडिया स्टडीज: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

          पीएचडी मीडिया स्टडीज: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

          • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 30,000
          • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय (सीयू)- फीस 17,000
          • शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा- फीस 50,000
          • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक, एमपी- फीस 15,000
          • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली- फीस 1,381
          • माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल- फीस 92,900
          • एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, नोएडा- फीस 50,000
          • सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे- फीस 24,000
          • टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई- फीस 70,000
          • पीएचडी मीडिया स्टडीज: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

            पीएचडी मीडिया स्टडीज: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

            • मार्केटिंग डायरेक्टर- सैलरी 11,00,000
            • मीडिया मैनेजर- सैलरी 8,00,000
            • सोशल मीडिया मैनेजर- सैलरी 5,00,000
            • कॉपीराइटर- सैलरी 4,00,000
            • पब्लिक रिलेशन मैनेजर- सैलरी 6,00,000

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English summary
Doctor of Philosophy in Media Studies is a doctoral level course of 3 to 5 years duration. Its focus is to gain a critical understanding of the field of media and how it affects society, people's culture, politics and in turn the country's economy. Doing a PhD in Media provides a deeper understanding of the role of media in shaping the socio-cultural aspects in today's world.
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