सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Civil Engineering)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सिविल इंजीनियरिंग 4 से 5 साल तक की अवधि का कोर्स है। पीएचडी सिविल इंजीनियरिंग एक डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है जो उन संरचनाओं के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव से संबंधित है जो आम जनता के लिए अभिन्न हैं, जैसे सड़क, बांध, पुल, नहरें, और इसके अलावा रेलवे, सीवेज सिस्टम आदि।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सिविल इंजीनियरिंग
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 4 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 20 हाजार से 1 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 9 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोडक्ट मैनेजर, हेड क्वालिटी कंट्रोलर, साइट इंजीनियर, सिविल इंजीनियर, प्रोजेक्ट कऑर्डिनेटर, क्वालिटी एस्योरेंस मैनेजर आदि।

पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट, गेट, जेएनयूईई, जीएमपीएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर सिविल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग: सिलेबस

  • एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
  • जीयोइंफॉर्मेटिक्स
  • जीयोटेक्नीकल इंजीनियरिंग
  • हाइड्रॉलिक्स एंड वाटर रिसोर्स इंजीनियरिंग
  • इंफास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट
  • स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग
  • ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • आईआईटी मद्रास- फीस 19,670
  • आईआईटी दिल्ली- फीस 34,900
  • आईआईटी बॉम्बे- फीस 73,000
  • आईआईटी कानपुर- फीस 64,050
  • आईआईटी खड़गपुर- फीस 28,900
  • आईआईटी रुड़की- फीस 28,500
  • आईआईटी गुवाहाटी- फीस 18,100
  • आईआईटी हैदराबाद- फीस 25,095
  • एनआईटी तिरुचिरापल्ली- फीस 59,250
  • आईआईटी वाराणसी- फीस 46,815

पीएचडी इन सिविल इंजीनियरिंग: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • बिल्डिंग कंट्रोल सर्वेरियर- सैलरी 3 लाख
  • बिल्डिंग सर्विस इंजीनियर- सैलरी 2.70 लाख
  • इंजीनियरिंग जियोलॉजिस्ट- सैलरी 7.40 लाख
  • सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट- सैलरी 3.40 लाख
  • फायर रिस्क असेसर- सैलरी 5.80 लाख
  • जियो टेक्निकल इंजीनियर- सैलरी 5.20 लाख
  • अर्बन डिजाइनर- सैलरी 6 लाख
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English summary
Doctor of Philosophy in Civil Engineering is a course of 4 to 5 years duration. PhD Civil Engineering is a doctoral level course that deals with the design, construction and maintenance of structures that are integral to the general public, such as roads, dams, bridges, canals, and also railways, sewage systems, etc.
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