जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता के लिए सेल्फ मोटिवेशन होना बहुत जरूरी है। जब तक आप खुद को किसी चीज के लिए प्रेरित नहीं करेंगे, तक तक कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता।
दिग्गज बास्केटबॉलर माइकल जॉर्डन ने अपने कॅरिअर के दौरान 9 हजार से अधिक शॉट गंवाए।
26 मौके ऐसे आए जब उनके एक शॉट से उनकी टीम जीत सकती थी लेकिन वे चूक गए।
26 मौके ऐसे आए जब उनके एक शॉट से उनकी टीम जीत सकती थी लेकिन वे चूक गए।
जॉर्डन इसलिए सफल हुए क्योंकि वे बार-बार असफल हुए थे। इन्हीं असफलताओं ने उन्हें आखिरकार साधारण खिलाड़ी से सफल खिलाड़ी बनाया।
नाकामयाबी इसी तरह आपकी कामयाबी में अहम भूमिका निभाती है।
बहुत से लोग मोटिवेटर्स की स्पीच से खुद को मोटिवेट करते हैं, जबकि ज्यादा जरूरी ये है कि आप सेल्फ मोटिविशेन पर फोकस करें।
विशेषज्ञों के अनुसार यदि हम दूसरों से प्रेरित होते हैं तो वह बेहद कम समय के लिए हमें प्रभावित करता है। जबकि सेल्फ मोटिवेशन बेहतर परिणाम देता है।
दरअसल कामयाबी पाने का हरेक का अपना तरीका होता है जरूरी नहीं, वही फॉर्मूला आप पर भी काम करे।
ऐसे में अगर सेल्फ मोटिवेशन को अपना हथियार बनाएंगे तो सक्सेस की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाएंगी।
जीवन में यदि बड़ी कामयाबी प्राप्त करनी है तो आपको आपके जीवन में आने वाली छोटी-छोटी परेशानियों से निराश नहीं होना है। छोटी-छोटी रुकावटों को अपना रास्ता न रोकने दें।
सही प्लान, उसे अमल में लाने का तरीका और बीच-बीच में मिलने वाली असफलताओं से धैर्य न खोना ही आपको कामयाबी के नजदीक ले जाएगा।
श्रीलंका के 20 साल के मर्वन अटापट्टू ने जब प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में धमाकेदार बल्लेबाजी की तो उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। लेकिन मर्वन दोनों ही पारियों में शून्य पर आउट हो गए।
उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। इसके बाद ठीक ऐसा ही मर्वन के साथ दो बार और हुआ। लेकिन मर्वन ने कभी धैर्य नहीं खोया। आखिरकार एक बार फिर उन्हें टीम में जगह मिली तब मर्वन 6 दोहरे शतक व 5 हजार से अधिक टेस्ट रन बनाए।
मर्वन की यह कहानी हमें बताती है कि यदि धैर्य हो तो सफलता देर-सबेर मिल ही जाती है। इसलिए साथियों जीवन में हमेशा याद रखो कि आपको दूसरे ज्यादा अपने आप पर भरोसा रखना चाहिए।