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ये हैं भारत की बेहद तेज महिला IAS, IPS अधिकारी

भारत में हर साल 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। भारतीय सिविल सेवा परीक्षा 1922 से आयोजित की जा रही है। यूपीएससी सिवल सेवा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। जानिए भारत की 10 सबसे तेज आईएएस/आईपीएस महिला अधिकारी
Narender Sanwariya
कंचन चौधरी भट्टाचार्य सन 1973 से 2007 तक एक आईपीएस अधिकारी थीं। इतना ही नहीं वह पुलिस महानिदेशक बनने वाली पहली महिला आईपीएस अधिकारी भी थी। वह कई जगहों पर रही है। अपराध की दुनिया में लोग इनसे काफी खौफ खाते थे।
बी चंद्रकला वर्ष 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। सिविल सेवा परीक्षा में उनका रैंक 409वां था। वर्तमान में वह बुलंदशहर की जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। चंद्रकला का जन्म 27 सितंबर 1979 को आंध्र प्रदेश में हुआ था।
संजुक्ता पाराशरी बैच 2006 से आईपीएस अधिकारी हैं। पाराशर ने असम के पहले आईपीएस अधिकारी होने का खिताब भी हासिल किया है। उन्होंने असम के बोडो उग्रवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
वंदना प्रियसी वर्ष 2003 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वंदना बिहार की रहने वाली हैं, बिहार में महिला अधिकारी की तुलना में पुरुषों की संख्या सबसे अधिक है। वंदना बिहार में होने वाले अपराधों के खिलाफ खड़ी रहती हैं।
मीरान बोरवांकरी 1981 के बैच से आईएएस अधिकारी हैं। वह पंजाब के फाजिका से महाराष्ट्र कैडर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनीं। लोग उन्हें 'लेडी सुपरकॉप' के नाम से भी जानते हैं। बॉलीवुड फिल्म 'मर्दानी' उन्हीं पर आधारित थी।
मेरिन जोसेफ केरल में सबसे कम उम्र के आईपीएस अधिकारी होने का खिताब हासिल किया। वह अपनी खूबसूरती और तेज दिमाग के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने 25 साल की उम्र में 2012 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। इतनी कम उम्र में उन्होंने साबित कर दिया कि समर्पण और कड़ी मेहनत रंग लाती है।
विमला मेहरा देश की विशेष पुलिस आयुक्त का पद पाने वाली पहली महिला आईपीएस ऑफिसर हैं। विमला 1978 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। किरण बेदी के बाद वह दूसरी अधिकारी हैं, जिन्होंने वर्ष 2012 में महानिदेशक के रूप में तिहाड़ जेल संभाला। महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 आपने ही शुरू किया।
सुश्री हरि चंदना दसारी तेलंगाना राज्य कैडर के 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह तेलंगाना के नारायणपेट जिले के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत हैं। इनके तेज दिमाग के लिए इन्हें लोग लेडी सिंघम के नाम से भी जानते हैं।
सोनल गोयल वर्ष 2008 की महिला आईएएस अधिकारी हैं। वह पिछले एक दशक से देश की सेवा कर रही हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में इनका अतुलनीय योगदान रहा है। सोनल ने सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 13 हासिल की थी।
दुर्गा शक्ति नागपाल वर्ष 2009 बैच की महिला आईएएस आधिकारी है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 20 प्राप्त की। दुर्गा शक्ति नागपाल को उनके साहस के लिए लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता है। वह रेत और भू-माफियाओं के खिलाफ काम करने के लिए जानी जाती है।
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