Sports Day: ध्यानचंद पुरस्कार से जुड़े 10 रोचक तथ्य
खेल के क्षेत्र में भारत का सबसे प्रसिद्ध पुरस्कार है ध्यानचंद पुरस्कार। इस पुरस्कार का आयोजन हर साल किया जाता है। आइए इससे जुड़े 10 रोचक तथ्यों के बारे में जाने।
Varsha Kushwaha
1). ध्यानचंद पुरस्कार को "ध्यानचंद अवार्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट इन स्पोर्ट्स एंड गेम्स" कहा जाता है। जिसका आयोजन हर वर्ष किया जाता है।
2). ध्यानचंद अवार्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट इन स्पोर्ट्स एंड गेम्स का नाम भारत के सबसे प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी 'ध्यान चंद' के नाम पर रखा गया है।
3). ध्यानचंद पुरस्कार को 2002 में स्थापित किया गया था। वर्ष 2002 में सबसे पहला ध्यानचंद पुरस्कार हॉकी के लिए अशोक दीवान, बॉक्सिंग के लिए शाहुराज बिराजदार और बास्केटबॉल के लिए अपर्णा घोष को दिया गया था।
4). ध्यानचंद पुरस्कार खिलाड़ीयों को उत्कृष्ट प्रदर्शन और उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। ध्यानचंद पुरस्कार को भारत सरकार द्वारा स्पॉन्सर किया गया है।
5). ध्यानचंद पुरस्कार में मुख्य रूप से ध्यानचंद की कांस्य की प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र और नकद राशि शामिल है। प्रारंभ में यानी 2002से इस पुरस्कार की राशि 3 लाख थी जो 2009 में बढ़ा कर 5 लाख कर दी गई है।
6). ध्यानचंद पुरस्कार का नामांकन विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा, खेल संघों और पिछले खेल पुरस्कार विजेताओं द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं। हर साल अप्रैल महीन के अंतिम तिथि से पहले किए गए नामांकन को स्वीकार किया जाता है।
7). सभी नामांकन एक चयन समिति को भेजे जाते हैं जो इस पर विचार विमर्श करती हैं। इस समिति में नौ सदस्य होते हैं। विचार विमर्श के बाद पुरस्कार विजेताओं की सूची युवा मामले और खेल मंत्रालय के पास भेजे दी जाती है।
8). ध्यानचंद पुरस्कार ओलंपिक खेलों, पैरालम्पिक खेलों, एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ खेलों, विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप, क्रिकेट, स्वदेशी खेलों के खिलाड़ीयों को प्रदान किया जाता है।
9). ध्यानचंद पुरस्कार केवल तीन खिलाड़ीयों को ही दिया जाता है। परंतु वर्ष 2003, 2012–2013 और 2018–2019 में ध्यानचंद पुरस्कार तीन से अधिक खिलाड़ीयों को दिया गया था।
10). हर वर्ष ध्यानचंद पुरस्कार का आयोजन किया जाता है। युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा चुने गए विजेताओं को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।