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महाराणा प्रताप की अनसुनी कहानी

भारत के महान योद्धाओं में से एक महाराणा प्रताप सिंह की आज 482वीं जयंती मनाई जा रही है। महाराणा प्रताप उत्तर-पश्चिमी भारत में मेवाड़, राजस्थान के राजपूत राजा थे।
प्रताप का जन्म
राणा प्रताप सिंह जिन्हें महाराणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है, प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़, राजस्थान में हुआ था। वह मेवाड़ के 13वें राजा और उदय सिंह द्वितीय के ज्येष्ठ पुत्र थे।
प्रताप के पिता
महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह द्वितीय मेवाड़ वंश के 12वें शासक और उनकी राजधानी चित्तौड़ थी। उदय सिंह द्वितीय उदयपुर के संस्थापक भी थे।
महाराणा प्रताप परिवार में सबसे बड़े बच्चे थे, उनके तीन भाई और दो सौतेली बहनें थीं।
महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां और 17 बच्चे थे। उनके सबसे बड़े पुत्र, महाराणा अमर सिंह 1, उनके उत्तराधिकारी बने।
प्रताप की पत्नियों के नाम
महाराणा प्रताप की 11 पत्नियों के नाम- अजबदे ​​पंवार, रानी लखबाई, रानी चंपाबाई झाटी, रानी शाहमतीबाई हाड़ा, रानी रत्नावतीबाई परमार, रानी सोलंखिनीपुर बाई, रानी अमरबाई राठौर, रानी फूल बाई राठौर, रानी आलमदेबाई चौहान, रानी जसोबाई चौहान और रानी खिचर आशाबाई था।
महाराणा प्रताप सात फुट पांच इंच लंबे थे और उनका वजन 110 किलो था। उनके सीने के कवच का वजन 72 किग्रा था।
महाराणा का कवच
प्रताप के भाले का वजन 81 किग्रा था। महाराणा प्रताप की ढाल, भाला, दो तलवारें और कवच का कुल वजन लगभग 208 किलो था।
चेतक के अलावा, एक और जानवर था जो महाराणा को बहुत प्रिय था - रामप्रसाद नाम का एक हाथी। हल्दीघाटी की लड़ाई के दौरान रामप्रसाद ने कई घोड़ों, हाथियों और सैनिकों को मार डाला और घायल कर दिया। कहा जाता है कि राजा मानसिंह ने रामप्रसाद को पकड़ने के लिए सात हाथियों को तैनात किया था।
हल्दीघाटी युद्ध
18 जून 1576 को हल्दीघाटी की लड़ाई मेवाड़ के राणा प्रताप सिंह और अंबर के राजा मान सिंह के बीच लड़ी गई थी जो मुगल सम्राट अकबर के सेनापति थे। इसमें मेवाड़ के 1600 सैनिक शहीद हो गए। इस युद्ध में महाराणा प्रताप बुरी तरह घायल हो गए और जंगल में रहने लगे।
उनके जख्म इतने गहरे थे कि 19 जनवरी 1597 को उनका निधन हो गया और उनके पुत्र अमर सिंह को उत्तराधिकारी बनाया गया। लेकिन अमर सिंह ने 1614 में अकबर के पुत्र जहांगीर को यह गद्दी सौंप दी।
महाराणा प्रताप सिंह ने मुगल बादशाह अकबर को सन 1577, 1578 और 1579 में तीन बार हराया था। हल्दीघाटी युद्ध में वह बुरी तरह घायल हो गए और 19 जनवरी 1597 को 56 वर्ष की आयु में महाराणा प्रताप का निधन हुआ।
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