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CV और Resume में क्या अंतर है जानिए

किसी भी कंपनी में जॉब इंटरव्यू से पहले आप क्या हैं, आपकी स्किल्स या अनुभव क्या हैं, ये बातें रिक्रूटर को आपका सीवी या फिर रेज्यूमे ही बताता है। इसमें मौजूद जानकारी के हिसाब से एम्प्लॉयर की नजरों में आपकी इमेज बनती है।
उसी आधार पर वे आगे की प्रक्रिया शुरू करते हैं या फिर रिजेक्ट करते हैं। ऐसे में एक एम्प्लॉयर के सामने खुद को दूसरों से अलग बनाने के लिए सीवी को सही समय पर सही फॉर्मेट में अपडेट करना बेहद जरूरी होता है।
उम्मीदवार सीवी अपडेशन का काम तभी करते हैं जब वे किसी दूसरी नौकरी की तलाश में होते हैं।
ऐसे में यदि एक नौकरी से दूसरी नौकरी के बीच की अवधि अधिक हो तो पहली जॉब के कई प्रोजेक्ट सीवी अपडेशन में छूट जाते हैं।
इसलिए जब भी आप किसी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करें उसी समय अपने सीवी को अपडेट कर लें।
CV Update
जिस भी प्रोजेक्ट को आप सीवी में अपडेट कर रहे हैं, उसे पूरा करते वक्त क्या चुनौतियां आई इसका जिक्र करें।
इससे रिक्रूटर आप पर यह विश्वास कर पाता है कि आप उसकी कंपनी के किसी प्रोजेक्ट पर काम करते हुए कंफर्ट जोन की तलाश नहीं करेंगे।
साथ ही प्रोजेक्ट पर कितने लोगों ने काम किया और आपकी भूमिका क्या रही इसका भी जिक्र करें।
रेज्यूमे अधिकतम दो पन्नों का हो सकता है जबकि सीवी अधिकतम पांच पन्ने का होता है। इसलिए कोई कंपनी आपसे जो मांगे वहीं भेजे।
CV Update
सीवी ऑफिसर लेवल या अधिक अनुभव वाले जॉब्स के लिए मांगे जाते हैं इसमें सब कुछ डिटेल में होता है।
वहीं रेज्यूमे शुरुआती नौकरियों के लिए होता है। जिसमें स्किल्स, क्वालिफिकेशन व स्पेशलाइजेशन की जानकारी संक्षिप्त रूप में देनी होती है।
इसके अलावा अधिकांश इंटरव्यू के समय सीवी की ही मांग की जाती है।
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