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Constitution Day: भारतीय संविधान दिवस से जुड़ी 10 रोचक बातें

26 नवंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाया गया था। इसलिए भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
Narender Sanwariya
भारत के एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद, डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली एक समिति को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करके संविधान सभा के अध्यक्ष भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को सौंपा।
DR Rajendra Prasad
1948 की शुरुआत में डॉ अम्बेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया और उसे संविधान सभा में पेश किया।
26 नवंबर 1949 को इस मसौदे को बहुत कम संशोधनों के साथ अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ। इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और इसका उद्देश्य सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए बंधुत्व को बढ़ावा देना है।
भारत के संविधान के निर्माण में 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों का समय लगा।
भारत का संविधान हस्तलिखित दस्तावेज है।

यह दुनिया के सबसे लंबे हस्तलिखित दस्तावेजों में से एक है।

अंग्रेजी संस्करण में कुल 1,17,369 शब्द हैं।
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने संविधान को लागू किया था।
DR Rajendra Prasad
सभी राजनीतिक दलों ने संविधान को स्वीकार किया और मान्यता दी और इसके प्रति अपनी निष्ठा की प्रतिज्ञा की।
Constitution OF India
संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 थी, जो समिति का हिस्सा थे।
संविधान बनाने के लिए जिम्मेदार मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ बी आर अम्बेडकर थे।
भारतीय संविधान में नागरिकों के न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के अधिकार पर बल दिया गया है।
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