Tap to Read ➤

Successful Tips: सकारात्मक तनाव से ऐसे बढ़ाएं प्रोडक्टिविटी

इन्डीड की वर्कप्लेस वेलबीइंग रिपोर्ट के अनुसार जो लोग सकारात्मक तनाव लेते हैं वे अपने काम को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं और ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं।
Narender Sanwariya
पॉजिटिव स्ट्रेस
संतुलित मात्रा में होने वाला स्ट्रेस जो गोल्स को पूरा करने में मदद देता है पॉजिटिव स्ट्रेस कहलाता है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. वेंडी सुजुकी के मुताबिक तनाव एक सामान्य मानवीय संवेदना है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे फिक्र और डर से जोड़कर देखते हैं।
जबकि कामों में बेहतरीन परिणाम के लिए तनाव को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। डॉ. वेंडी के अनुसार, सकारात्मक तनाव के साथ आप अलर्ट महसूस करेंगे न कि कमजोर।
उदाहरण के तौर पर अगर आप अगले दिन के महत्वपूर्ण कामों के बारे में सोचकर चिंतित हैं तो रात को ही अगले दिन की टू डू लिस्ट तैयार करें।
इसमें यह लिखें, कौन सा काम कब और कैसे खत्म करेंगे। अगले दिन उसी प्लान के अनुसार काम करें, आप निश्चित समय पर टास्क पूरा कर पाएंगे।
लक्ष्य तय करें
अपने लिए उत्साहजनक लक्ष्य निर्धारित करें और अपने मैनेजर से बात करें कि आप किस तरह उन्हें पूरा सकते हैं। इससे आपको पॉजिटिव स्ट्रेस माइंडसेट में मदद मिलेगी।
अगर आप बॉस से यह संवाद करने में सहज नहीं हैं तो अपने किसी भरोसेमंद सहकर्मी से फीडबैक ले सकते हैं। फिर लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में काम भी करें। इससे आपका आत्मविश्वास बेहतर होगा।
माइंडसेट पैटर्न
आशावादी विचारों के साथ नकारात्मक सोच का मुकाबला करें। उदाहरण के तौर पर अगर बार-बार ख्याल आता है कि मैं काम में असफल हो रहा हूं, मैं यह नहीं कर सकता तो इसके बजाय अपने सोचने का तरीका बदलें।
खुद से कहें, मेरे पास काफी काम है और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा। लेकिन यह भी सच है कि मैं एक बार में एक ही काम कर सकता हूं, मेरे मैनेजर यह बात समझेंगे।
यह सोच आपको मुश्किल स्थितियों से बाहर निकलने में मदद करेगी।
UPSC Top 10 Books