Tap to Read ➤

Hockey के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जीवन से जुड़ी रोचक बातें

भारत में हर साल 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
Narender Sanwariya
29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में जन्मे ध्यानचंद 16 साल की उम्र में ब्रिटिश भारतीय सेना में एक सिपाही के रूप में शामिल हुए।
उन्होंने विशेष रूप से 1922 और 1926 के बीच सेना हॉकी टूर्नामेंट में खेला। वर्ष 1948 में उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।
Major Dhyanchand
रेजिमेंटल में रहते हुए वह चांदनी में रात में हॉकी का अभ्यास करते थे, इसलिए उनका नाम ध्यान 'चंद' पड़ा था।
मेजर ध्यान सिंह कैसे बनें ध्यानचंद
भारतीय हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
Sports Day In India
मेजर ध्यानचंद ने वर्ष 1928 और 1936 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक की पहली हैट्रिक जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Major Dhyan Chand Award
ध्यानचंद ने अपने हॉकी करियर की शुरुआत ब्रिटिश भारतीय सेना की रेजिमेंटल टीम से की थी।
वह दिन में अपने रेजिमेंटल कर्तव्यों को पूरा करने के बाद, चांदनी में रात में हॉकी का अभ्यास करते थे, इसलिए उनका नाम ध्यान 'चंद' पड़ा था।
मेजर ध्यान सिंह का नाम ध्यानचंद कैसे पड़ा
भारत में पहला राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2012 को मनाया गया था।
मेजर ध्यानचंद को उनके अविश्वसनीय हॉकी कौशल के लिए उन्हें 'द विजार्ड' के रूप में जाना जाता है।
मेजर ध्यानचंद का कौशल
उन्होंने वर्ष 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से अधिक गोल किए।
1936 के बर्लिन ओलंपिक फाइनल में ध्यानचंद का प्रदर्शन उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक माना जाता है।
ध्यानचंद का गोल
भारत सरकार ने 29 अगस्त 2012 को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की शुरुआत की। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में खेलो इंडिया अभियान की घोषणा की।
कोमा में जाने के बाद 3 दिसंबर, 1979 को दिल्ली में ध्यानचंद का निधन हो गया था।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारत के राष्ट्रपति इस दिन खेल से संबंधित पुरस्कार प्रदान करते हैं।
National Sports Day Awards
जीवन में सफलता के लिए कैसे करें टाइम मैनेजमेंट
Time Management