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Quotes: परमहंस योगानंद के अनमोल विचार

आध्यात्मिक गुरु, योगी और संत परमहंस योगानंद का जन्म 5 जनवरी 1893 को उत्तर प्रदेश एक गोरखपुर में हुआ। परमहंस योगानंद ध्यान योग के व्याख्याता थे।
Narender Sanwariya
Paramahansa Yogananda Family
उनके पिता का नाम भगवती चरण घोष और माता का नाम ज्ञान प्रभा घोष था। उनेक बच्चों का नाम बिष्णु चरण घोष और सानंदा लाल घोष था। जानिए परमहंस योगानंद के अनमिल विचार
सबसे अच्छे तरीका वह होते है जो लाइफ एनर्जी को पुन: अंदरूनी चिकित्सा आरम्भ करने में मदद करता है।
किसी भी कार्य के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करो और फिर आराम करो।
जैसे एक टूटा हुआ माइक्रोफोन संदेश प्रसारित नहीं कर सकता है, वैसे ही एक बेचैन मन भगवान की प्रार्थना नहीं कर सकता।
शांति भगवान की वेदी है, वो परिस्थिति जिसमे ख़ुशी मौजूद होती है।
एक नश्वर प्राणी के रूप में आप सीमित हैं, लेकिन भगवान के बच्चे के रूप में आप असीमित हैं। अपना ध्यान भगवान पर केंद्रित करें और आपको जो चाहिए वह शक्तियां मिल जाएंगी।
जब भी आप कुछ निर्मित करना चाहें, बाह्य स्रोत पर निर्भर न रहें। अपने अंडर की गहराई तक जाएं और अनंत स्रोत को खोजें।
वातावरण के मुताबिक रोबोट बने रहते हैं। सच्चा आत्म-विश्लेषण प्रगति की सबसे बड़ी कला है।
जैसे मैं औरों को प्रेम और सद्भाव देता हूँ, मैं भगवान् का प्रेम प्राप्त करने का प्रवाह खोल देता हूं।
सफलता तब तक नहीं मिलती, जब तक आप सिर्फ अपने लिए ही सामंजस्यपूर्ण और लाभकारी परिणाम के बारे में सोचते हैं।
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