पटना में मात्र 15% शिक्षक चाहते हैं हाईटेक पद्धति से पढ़ाई
छात्रों के भविष्य की सोचें तो 2015 में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, पटना में हुए शोध की यह रिपोर्ट निराशाजनक परिणाम दर्शाती है।
Narender Sanwariya
भले ही यह शोध 2015 का है, लेकिन सच पूछिए तो कोविड के बाद आज 2022 में यह बेहद प्रासंगिक है, क्योंकि पूरा विश्व हाईटेक शिक्षा की ओर बढ़ रहा है।
पटना विवि के डॉ. प्रशांत कुमार द्वारा किए गए शोध के अनुसार मात्र 15% पुरुष शिक्षक और 13% महिला शिक्षक हाई-टेक पद्धति को अपनाने में बेहद इच्छुक हैं।
Patna Education
उम्र की बात करें तो 35 वर्ष की आयु से अधिक स्कूली शिक्षकों में 75% ऐसे हैं जो पढ़ाने में इस्तेमाल होने वाले गैजेट, सॉफ्टवेयर आदि को अपनाने के ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। मिल जाये तो ठीक नहीं तो कोई बात नहीं।
पटना के उच्च विद्यालय के 71.375% विवाहित और 28.625% अविवाहित शिक्षा ऐसे हैं जो हाईटेक पद्धति से पढ़ाई के फेवर में नहीं है।
आपको जानकार हैरानी होगी कि पटना उच्च विद्यालय के 69.75% शहरी और 30.25% ग्रामीण शिक्षकों को हाईटेक पद्धति से छात्रों को पढ़ाने में कोई रुचि नहीं है।
पटना के हाई स्कूलों में सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) के उपयोग की बात करें तो केवल 15% पुरुष शिक्षक इसके पक्ष में हैं।
Information And Communication Technology
आश्चर्य की बात यह है कि मात्र 9% महिला शिक्षक पटना के हाई स्कूलों में सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) के उपयोग करना चाहती हैं।
युवाओं की बात करें तो 35 वर्ष से कम आयु के 16% स्कूली शिक्षक आईसीटी का उपयोग करना चाहते हैं, जबकि 35 वर्ष से अधिक उम्र के केवल 12% शिक्षकों ने इसमें रुचि दिखाई है।
मात्र 14% विवाहित उच्च विद्यालय के शिक्षक सूचना एवं संचार तकनीक के पक्ष में है और 15% अविवाहित शिक्षक हाई-टेक पद्धति को अपनाने में बेहद इच्छुक हैं।
Patna Higher Education
पटना के 16% शहरी शिक्षक चाहते हैं कि वह हाई-टेक पद्धति को अपनाएं, जबकि ग्रामीण स्थान से आने वाले केवल 15% शिक्षक ऐसे हैं जो ईटेक पद्धति से छात्रों को पढ़ाने में रुचि रखते हैं।
करियर इंडिया की ओर से बिहार सरकार को सुझाव है कि अपने स्कूली शिक्षकों को गैजेट, ऐप, एजुकेशन टूल, आदि सीखने के लिए प्रेरित करें, ताकि राज्य के बच्चे तेज़ी से आगे बढ़ सकें।
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